-एमडीए के किसी भी अफसर ने समझौता पत्र पर नहीं किए साइन

-एडीएम एलए ने किसानों को किया वापस, डीएम ने वीसी से मांगा जबाव

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: अजब एमडीए के गजब खेल हैं। पिछली 2 सालों से प्रतिकर की मांग को लेकर हंगामा कर रहे किसान शुक्रवार को एडीएम एलएल कार्यालय पहुंचे तो मालूम चला कि समझौता पत्र ही फर्जी है। बढ़े हुए प्रतिकर को लेकर प्राधिकरण ओर किसानों के बीच हुए समझौता पत्र में किसानों के तो साइन हैं किंतु किसी भी एमडीए अफसर के साइन ही नहीं हैं। प्रकरण डीएम के संज्ञान में आया तो उन्होंने एमडीए वीसी से जबाव-तलब किया। फिलहाल एडीएम एलए ने समझौता पत्र पर दोनों पक्षों के साइन कराकर लाने की बात कहते हुए पत्रावलियों को वापस कर दिया है।

नवंबर 2015 में हुआ था समझौता

गंगानगर, वेदव्यासपुरी और लोहियानगर के किसानों की पुरजोर मांग के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण ने 11 नवंबर 2015 को तीनों योजनाओं के किसानों के साथ बढ़े हुए प्रतिकर को लेकर समझौता किया था। इस समझौते के मुताबिक प्राधिकरण या तो किसानों को बढ़ी दरों पर मुआवजा देगा या योजना में जमीन देगा। बाकायदा समझौता पत्र बना किंतु इस पर साइन सिर्फ किसानों के ही थे, प्राधिकरण के किसी भी अफसर ने इस समझौता पत्र पर साइन नहीं किए।

एडीएम एलए ने लौटाई पत्रावलियां

तीनों योजनाओं के किसान करीब 125 पत्रावलियों को जांच के लिए शुक्रवार एडीएम एलए मंजूलता के समक्ष लेकर पहुंचे। एडीएम एलए ने पत्रावलियों के साथ नत्थी समझौता पत्र पर सिर्फ किसानों के साइन देखे तो वे मामले को लेकर डीएम समीर वर्मा के पास पहुंची। क्योंकि तीनों योजनाओं के किसान आए दिन धरना प्रदर्शन और हंगामा कर रहे हैं। प्राधिकरण की हीलाहवाली में लॉ एंड आर्डर की स्थिति आए दिन बनी रहती है अत: डीएम ने तत्काल वीसी से मुद्दे पर जबाव-तलब किया। डीएम ने प्राधिकरण को कड़े निर्देश देते हुए जल्द से जल्द सभी समझौता पत्रों पर प्राधिकरण के सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर कराने के लिए कहा। एडीएम एलए ने हस्ताक्षर के लिए पत्रावलियों को फिलहाल लौटा दिया है।

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गंगानगर एवं 2 अन्य योजनाओं के किसानों के समझौता पत्रों पर प्राधिकरण के समक्ष अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं, ऐसे में समझौता की प्रमाणिकता पर संशय है। प्रकरण डीएम की संज्ञान में है।

-मंजूलता, एडीएम, एलए

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समझौता पत्र में किसानों के अलावा प्राधिकरण और जिला प्रशासन (एडीएम एलए) के साइन भी होने हैं। फिलहाल तो पत्रावलियां परीक्षण के लिए भेजी गई हैं।

अवनीश शर्मा, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण

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किसानों के लगातार आंदोलन के बाद प्रतिकर भुगतान पर सहमति बनी है। प्राधिकरण या कोई अन्य विभाग किसानों के साथ अहित करेगा तो उसे परिणाम भुगतना होगा।

हरविंदर सिंह, महामंत्री, किसान संघर्ष समिति

Posted By: Inextlive