एमडीए तय करेगा पटेल मंडप का फ्यूचर
-सभी को नौचंदी मेले के दौरान आती है इसकी याद
-पूरे साल नहीं करता कोई इसकी देखभाल Mitendra.gupta Meerut : नौचंदी मेले के दौरान पटेल मंडप में कार्यक्रम होंगे या नहीं, यह एमडीए तय करेगा। महापौर ने रिपोर्ट तलब है। हम आपको बता दें कि मंडप संवारने में हर साल 40 लाख रुपये लगते हैं। बाद में इसकी कोई देखरेख नहीं करता। नतीजा, इसकी हालत फिर से खंडहर हो जाती है। मरम्मत और पुताईपटेल मंडल में नौचंदी मेला आता ही उसकी दीवारों की प्लास्टर और उसके बाद उस पर पुताई कराई जाती है। हर बार उसकी छत पर टीनशेड लगवाई जाती है। इन सबको कराने पर नगर निगम या फिर जिला पंचायत का 40 लाख रुपया खर्च हो जाता है। बीते दस सालों से एक साल नगर निगम और एक साल जिला पंचायत नौचंदी मेले का आयोजन होता है। दोनो ही अपने अनुसार नौचंदी ग्राउंड और पटेल मंडप को ठीक कराते हैं।
बच्चे खेलते है क्रिकेट मेला खत्म होने के बाद पूरे साल पटेल मंडप में बच्चे किक्रट खेलते हैं। क्योंकि वहां जो गेट की जगह चैनल लगा हुआ उसको ताला तोड़ दिया जाता है। बड़ी जगह होने के कारण बच्चे वहां पर क्रिकेट खेलते हैं। बॉक्स एमडीए देगा रिपोर्टनगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह और महापौर हरिकांत अहलुवालिया बुधवार को नौचंदी ग्राउंड का निरीक्षण करने गए थे। निरीक्षण के दौरान महापौर ने पटेल मंडप की हालत देख कार्यक्रम होने पर शंका जताई थी। उसके बाद एमडीए को पत्र लिख पूछा गया है कि पटेल मंडप में यदि मरम्मत करा दी जाए तो कोई घटना तो नहीं होगी। दो दिन में इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ऐसा माना जा रहा है कि महापौर को नगर निगम के निर्माण विभाग पर यकीन नहीं है, जिस कारण उन्होंने एमडीए को पटेल मंडप की हालत को जांचने के लिए कहा है।
नौचंदी ग्राउंड का बुधवार को निरीक्षण किया था। पटेल मंडप की हालत ज्यादा ही बेकार है। दो दिन बाद निर्णय लिया जाएगा कि पटेल मंडप में कार्यक्रम होगा या नहीं। -उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम पटेल मंडल की बिल्डिंग की हालात ठीक नहीं है। एमडीए से बोला गया है कि इसकी जांच कर दो दिन में रिपोर्ट दें। उसके बाद उसकी मरम्मत कराई जाएगी। हालांकि स्टीमेट तैयार कर लिया गया है। -हरिकांत अहलूवालिया, महापौर