जोनल अधिकारी अब ऑनलाइन करेंगे अवैध निर्माणों के चालान

टाइम बाउंड होगी कार्रवाई, ऑनलाइन होगी कार्रवाई की मॉनीटरिंग

Meerut : मेरठ विकास प्राधिकरण इनफोर्समेंट एंड मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर दिया है। प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर इस सिस्टम को और मार्डन और फुलपू्रफ बनाया जा रहा है। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम के निर्देशन में एमडीए एक ऐसी व्यवस्था लागू कर रहा है, जिससे इंजीनियर या प्राधिकरण का कोई भी कर्मचारी चाह कर भी अवैध निर्माणकर्ता को राहत नहीं दे पाएगा। कार्रवाई टाइम बाउंड होगी, अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने पर जबाव भी तलब होगा। प्राधिकरण उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय द्वारा इनफोर्समेंट और मैनेजमेंट सिस्टम को ट्रायल बेस पर लागू कर दिया गया है।

सबकुछ ऑनलाइन

सिस्टम की जानकारी देते हुए प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि अब तक अवैध निर्माण का जूनियर इंजीनियर (जेई) मैनुअल चालान काटता था। जोनल कार्यालय से कभी चालान अवैध निर्माणकर्ता तक पहुंचता था, कभी फाइलों में दबा दिया जाता था। कभी-कभी तो चालान वाली फाइल तक गायब कर दी जाती थी। ऐसे में प्राधिकरण से मिलीभगत कर अवैध निर्माणकर्ता लगातार लगातार अवैध निर्माण करता रहता। किंतु अब ऐसा नहीं हो सकेगा। गत दिनों गंगानगर योजना में एक अवैध निर्माण का ऐसा ही प्रकरण संज्ञान में आया जिसमें चालान तो काटे गए, किंतु वे फाइलों में ही दबा दिए गए। उपाध्यक्ष ने बताया कि अब ऐसा नहीं हो पाएगा। इनफोर्समेंट एंड मैनेजमेंट सिस्टम के लागू होने के बाद अवैध निर्माण के चालान काटने से लेकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तक ऑनलाइन होगा।

अवैध निर्माण के पर हाइटेक नजर

प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि। इस सिस्टम के तहत प्राधिकरण एक आधिकारिक एप लांच कर रहा है। सभी जोन के जोनल अधिकारियों से लेकर जूनियर इंजीनियर और एमडीए उपाध्यक्ष-सचिव इस एप को डाउनलोड कर सकेंगे। एप के वर्किंग में आने के बाद इन्फोर्समेंट की कार्रवाई फुल्ली ऑनलाइन हो जाएगी मैनुअल चालन बंद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि जेई किसी भी अवैध निर्माण की जांच के दौरान मोबाइल फोन से पिक्स क्लिक करके एप पर अपलोड करेगा। इसके साथ ही अवैध निर्माण की लोकेशन सेटेलाइट से सिस्टम पर फोटो के साथ अपलोड हो जाएगी, जेई के वर्चुअल साइन से यह ई-चालान जोनल अधिकारी के लॉगिन पर पहुंच जाएगा। जिसके बाद इसे जोनल अधिकारी के साइन के बाद जारी कर दिया जाएगा और अवैध निर्माण का रिकार्ड ऑनलाइन हो जाएगा।

एफआईआर भी ऑनलाइन

एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि जोनल अधिकारी ऑनलाइन जेनरेट चालान को रोक नहीं सकेंगे। इसे तत्काल अवैध निर्माणकर्ता को देना होगा। इसके अलावा जूनियर इंजीनियर या प्राधिकरण के अन्य अधिकारी एप के माध्यम से सेटेलाइट द्वारा किसी भी निर्माण की स्थिति को भी देख सकते हैं। ऑनलाइन चालान जारी करने के बाद अभियोजन और थाने की कार्रवाई के लिए भी चालान की डिटेल ऑनलाइन ही पुलिस को उपलब्ध कराई जाएगी। एप के माध्यम से ही थाना पुलिस को अवैध निर्माण के खिलाफ काम रोको नोटिस भेजा जाएगा। अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई (सीलिंग/ध्वस्तीकरण) के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग भी अब ऑनलाइन होगी।

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अवैध निर्माण के खिलाफ ई-चालान प्रक्रिया आरंभ की गई है। इससे पूरा ब्योरा ऑनलाइन होगा। इससे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई में पारदर्शिता, जबावदेही और संवेदनशीलता नजर आएगी। वहीं प्राधिकरण सिटीजन सेंट्रिक व्यवस्था को लागू कर रहा है।

-राजेश कुमार पाण्डेय, उपाध्यक्ष, एमडीए

Posted By: Inextlive