- ट्रांसपोर्ट के साधनों में हो इजाफा, रात में नहीं मिलते हैं वाहन

- रेल और दूसरे साधनों में भी किया जाए इजाफा

इंट्रो- शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद की जा रही है। बावजूद इसके शहर ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी प्रॉब्लम से जूझ रहा है। हालत यह है कि देश की राजधानी की मेरठ से दूरी 50 किमी के आसपास है। लेकिन रेल ट्रांसपोर्ट व्यवस्था मुकम्मल ना होने से शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रविवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट कैम्पेन 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' शहर के सरस्वती लोक कॉलोनी और देवलोक कॉलोनी में आयोजित किया गया। इस दौरान शहरवासियों ने बदहाल ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर बेबाक राय रखी।

मेरठ: केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट लेकर आ रही है तो अपना मेरठ कनेक्टिविटी न होने से अलग-थलग पड़ा हुआ है। यूं तो सड़क मार्ग और रेलमार्ग शहर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ रहा है किंतु संसाधनों का अभाव है। सरस्वती लोक वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के डॉ। आरके गोयल ने बताया कि दिल्ली से कनेक्टिविटी प्रॉपर करने के लिए ईएमयू ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए।

योजनाएं हों पूरी

रंजीत सिंह ने बताया कि शहर के विकास की प्रमुख योजनाएं मेरठ-दिल्ली एक्सपे्रस-वे, रैपिड रेल, मेट्रो रेल, एयरपोर्ट आदि महत्वपूर्ण परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जाए। जब तक ये परियोजनाएं पूरी नहीं होंगी, कनेक्टिविटी को प्रॉपर करना मुश्किल होगा। स्वदेश जैन ने बताया कि ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन प्रॉपर हो और इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट को दुरुस्त किया जाए।

दुरुस्त हो ट्रेनों का टाइम

राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहाकि मेरठ से आने-जाने वाली ट्रेनों का टाइम प्रॉपर किया जाए। मेरठ के दोनों बस अड्डों को शहर के बाहर शिफ्ट किया जाए। सड़कों पर आवाजाही को सही करने के लिए गैर चिह्नित वाहनों को चिह्नित कर उन्हें रेगुलेट करना होगा। वहीं देवलोक कॉलोनी निवासी पवन गोस्वामी ने कहा कि लोकल ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। वहीं, मयंक ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तभी सार्थकता होगी जब देर रात भी यात्रियों को सुगमता से यातायात उपलब्ध हो जाएंगे।

वर्जन

मेरठ आने-जाने वाली ट्रेनों का टाइम दुरुस्त होना चाहिए। दिल्ली से कनेक्टिविटी को प्रॉपर करने के लिए सड़क को जाम मुक्त करना होगा।

बीडी शर्मा, प्रेसीडेंट वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति

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शहर में इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट दुरुस्त करने की आवश्यकता है। आवागमन आसान करने के लिए छोटी-बड़ी बसों के संचालन की दिशा में प्रशासन प्रयास करे।

चंद्र मोहन अग्रवाल

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सड़कों पर गैर चिह्नित वाहन, आटो रिक्शा, ई-रिक्शा जाम लगाते हैं जिससे आवागमन प्रभावित होता है। आरटीओ समेत विभिन्न विभागों को चाहिए कि वे व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें।

अशोक सोलन

शहर में ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुकम्मल नहीं है। यही नहीं, देर रात अगर शहर में आए तो कोई साधन नहीं मिलता है। इस पर भी विचार करना चाहिए।

शोभित अग्रवाल, देवलोक कॉलोनी

रेल व्यवस्थाओं की लेटलतीफी पर भी रोक लगनी चाहिए। शिक्षा और मेडिकल में हब होने के बावजूद भी ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में खास प्रयास नहीं हुए है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलना चाहिए।

राहुल, देवलोक कॉलोनी

ये दिए गए सुझाव

- पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को मिले बढ़ावा

- दिल्ली-हरिद्वार की ओर जाने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए

- लोकल ट्रांसपोर्ट में भी किया जाए सुधार

- देर रात भी शहरभर में उपलब्ध रहे यातायात के साधन

Posted By: Inextlive