RANCHI: पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर रिम्स में काम कर रहा मेडाल लैब बीमारी बांट रहा है। वहीं महीने भर से बायोमेडिकल वेस्ट का भी उठाव नहीं कराया जा रहा है। अब तो वेस्ट बहकर सीढि़यों से नीचे आने लगा है। जिससे कि आसपास में रहने वाले मरीजों और उनके परिजनों को कई तरह के इंफेक्शन होने का डर सता रहा है। इतना ही नहीं इलाज के लिए आने वाले मरीज कई तरह की बीमारियां भी साथ लेकर जाएंगे इससे इनकार नहीं किया जा सकता। बताते चलें कि मेडाल लैब को हर दिन बायो मेडिकल वेस्ट हटाना है, इसके बावजूद बायोवेस्ट का ढेर लगा रखा है।

पास ही मलेरिया रिसर्च सेंटर

हॉस्पिटल के ओपीडी कांप्लेक्स की फ‌र्स्ट फ्लोर पर मेडाल का लैब है। जहां पर मरीजों के सैंपल टेस्ट किए जाते है। वहीं पास में ही सीढि़यों पर लैब से निकला बायो वेस्ट का ढेर लगा दिया गया है। जबकि पास में ही मलेरिया रिसर्च सेंटर है। इसके अलावा स्किन ओपीडी, न्यू बॉर्न का ओपीडी भी थोड़ी ही दूरी पर है। वहीं नीचे के फ्लोर पर भी हमेशा मरीजों की भीड़ जमा रहती है। जिससे कि उन्हें इंफेक्शन होने की पूरी संभावना है।

गाडि़यां नहीं आ रही वेस्ट कलेक्शन को

मेडाल लैब में टेस्ट के लिए हर दिन 100 से 150 मरीज आते हैं। वहीं इनडोर के भी सैकड़ों मरीजों की जांच मेडाल में की जाती है, जिससे कि हर दिन एक क्विंटल से अधिक कचरा निकल रहा है। लेकिन डिस्पोजल के लिए गाडि़यां ही नहीं आ रही है। इस वजह से बायो वेस्ट का ढेर जमा हो गया है। जल्द ही इसे हटाने को लेकर पहल नहीं की जाती तो हॉस्पिटल में महामारी जैसी भी स्थिति हो जाएगी।

ओपीडी में डेली 1500 से अधिक मरीज

हॉस्पिटल के ओपीडी में हर दिन 1500 से अधिक मरीज आते है। जिसमें से अधिकतर तो इलाज करा कर चले जाते है। वहीं कुछ मरीज डॉक्टर से नहीं दिखा पाने की वजह से रुकते हैं। जबकि कुछ मरीजों को रिपोर्ट के लिए भी इंतजार करना होता है। ये मरीज कैंपस में ही जहां जगह मिलती है वहीं रात गुजारते है। ऐसे में उन मरीजों और परिजनों को भी इंफेक्शन होने का डर है।

वर्जन

फिलहाल डिस्पोजल को लेकर हमारे पास व्यवस्था नहीं है। जैसे ही गाडि़यां कलेक्शन के लिए आती हैं वेस्ट को हटा दिया जाएगा। अभी मजबूरी में हमारे पास वेस्ट रखने के अलावा कोई चारा नहीं है।

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Posted By: Inextlive