जीएसवीएम में इंटर्नल एग्जाम का पेपर लीक

- फार्मेसी डिपार्टमेंट में चल रहे इंटर्नल एग्जाम का पेपर हुआ लीक

- व्हाट्स एप पर प्रिंसिपल को पहुंचा पेपर, एग्जामिनेशन रूम में मारा छापा

- फार्मेसी एचओडी के रूम से लीक हुआ पेपर, पेपर लीक के पीछे विभागीय राजनीति भी वजह

KANPUR: मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को चल रहे इंटर्नल एग्जाम का पेपर लीक हो गया। प्रिंसिपल डॉ। नवनीत कुमार ने एग्जामिनेशन रूम में छापा मारा, जिसके बाद इसका खुलासा हुआ। प्रिंसिपल को लीक हुए पेपर की सूचना किसी ने व्हाट्स एप के जरिए सुबह 11 बजे ही दे दी थी। छापे के दौरान जब उन्होंने लीक हुए पेपर का स्टूडेंट्स को दिए पेपर से मिलान किया तो मामले की पुष्टि हो गई। यह पेपर फार्मेसी डिपार्टमेंट के एचओडी के रूम से लीक होने की सूचना है, लेकिन पेपर लीक के पीछे फार्मेसी डिपार्टमेंट की अंदरूनी राजनीति और फैकल्टी के आपसी मनमुटाव भी वजह हैं। अब प्रिंसिपल ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है।

फार्मेसी का पेपर हुआ लीक

मेडिकल कॉलेज के फार्मेसी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स के इंटर्नल एग्जाम चल रहे हैं। मंगलवार को दूसरी पाली में ढाई बजे से सेकेंड ईयर स्टूडेंट्स का ड्रग स्टोर एंड बिजनेस मैनेजमेंट का पेपर था। एलटी-2 में हो रहे इस पेपर में डॉ। अजय शर्मा एग्जामिनर बनाए गए थे, लेकिन पेपर शुरू होने के 7 मिनट बाद ही वह एचओडी व प्रिंसिपल को किसी जरूरी काम से समाज कल्याण विभाग जाने का एसएमएस भेज कर चले गए। थोड़ी देर बाद ही जब प्रिंसिपल ने एग्जामिनेशन रूम में छापा मारा तो पेपर लीक होने की पुष्टि हुई। हालांकि इसी बीच डॉ। अजय शर्मा वापस भी आ गए। प्रिंसिपल ने इस पेपर को रद्द कर दिया है, लेकिन इससे एग्जामिनेशन शेडयूल में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

फंसाने के लिए कराया पेपर आउट

फार्मेसी डिपार्टमेंट के एचओडी आरएन ठाकुर ने बताया कि उनके विभाग में काम करने वाले क्लर्क रवि सिंह की कुछ दिनों से जनगणना में ड्यूटी लगी थी। इसलिए वह ऑफिस नहीं आ रहा। हालांकि ड्यूटी लगने की रवि ने कोई लिखित सूचना उन्हें नहीं दी, लेकिन सोमवार को वह कॉलेज आया था। उन्होंने बताया कि उनके ऑफिस में रखी फोटो कापी मशीन से ही उनके हाथों से लिखे गए पेपर की कॉपी करके उसे लीक किया गया। वहीं फार्मेसी डिपार्टमेंट के कुछ फैकल्टी मेंबर्स के बीच की व्यक्तिगत अनबन में पेपर लीक होने के पीछे की वजह मानी जा रही है। साल 2010 में फार्मेसी डिपार्टमेंट के पेपर लीक में एचओडी थाने तक पहुंच गए थे। वहीं इस बार कहानी कुछ और है।

पेपर लीक से उठते सवाल--

-फार्मेसी डिपार्टमेंट की परीक्षा में हुए पेपर लीक में छात्रों की भूमिका क्या है?

- आखिर पेपर लीक किसने किया, क्या यह किसी निचले स्तर पर क्लर्क ने किया या फिर ये किसी फैकल्टी मेंबर के इशारे पर हुआ?

- एग्जामिनर डॉ। अजय शर्मा का एग्जाम शुरू होने के 5 मिनट बाद सिर्फ प्रिंसिपल और एचओडी को एसएमएस करके चले जाना कितना सही है?

- प्रिंसिपल को व्हाट्स एप के जरिए पेपर की कॉपी सुबह 11 बजे किसने भेजी?

- अगर मामला अंदरूनी राजनीति का है तो इस पर कई शिकायतें होने के बाद भी एक्शन क्याें नहीं लिया गया?

'मुझे सुबह 11.08 बजे लिखित में पेपर लीक होने की सूचना मिली थी। ढाई बजे होने वाले इस पेपर में जब मैनें डॉ। पुनीत अवस्थी के साथ एग्जामिनेशन रूम में छापा मारा तो वही पेपर देते स्टूडेंट्स मिले। इसके बाद पेपर को रद्द करा दिया गया है। इसमें कौन कौन शामिल है, इसकी जांच कराई जाएगी।

- डॉ। नवनीत कुमार, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive