'आमदनी' के लिए बस एक 'बहाना' चाहिए

- 500 रुपए जमा कर दिया जाता है मरीजों को स्ट्रेचर

-दो बजे तक स्ट्रेचर जमा नहीं किया तो पैसे हो जाते हैं जब्त

-मेडिकल कर्मियों को रोजाना हो रहा हजारों का मुनाफा

 

Meerut : मेडिकल हॉस्पिटल में स्ट्रेचर के नाम पर भी मरीजों की जेब पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। जरुरतमंद मरीज के तीमारदारों को मेडिकल कर्मचारी स्ट्रेचर तब देते हैं, जब उससे सिक्योरिटी के नाम पर 500 रुपए जमा करा लेते हैं। अगर मरीज ने 2 बजे तक स्ट्रेचर वापस कर देता है तो उसे पैसे लौटा दिए जाते हैं। किसी वजह से तीमारदार निर्धारित समय पर नहीं पहुंच पाया तो उसके पैसे जब्त कर लिए जाते हैं। सूत्रों का दावा है कि रोजाना दर्जनों मरीज बिना सिक्योरिटी लिए ही वापस घर चले जाते हैं, जिससे मेडिकल कर्मियों की चांदी हो रही है।

 

क्या है खेल

मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार रोजाना मेडिकल में 100 मरीज ऐसे आते हैं, जिन्हें स्ट्रेचर की जरूरत होती है। ऐसे में कर्मचारी हर मरीज के तीमारदार से 500 रुपए जमा कराकर स्ट्रेचर दे देते हैं। इनमें से 50 फीसदी तीमारदार तो स्ट्रेचर निर्धारित समय पर लौटाकर अपनी सिक्योरिटी वापस ले लेते हैं, जबकि 50 प्रतिशत तीमारदार स्ट्रेचर दो बजे तक वापस नहीं कर पाते, क्योंकि या तो उनके मरीज का ओपीडी में नंबर टाइम से नहीं लगता या मरीज को भर्ती करने में समय लग जाता है, जिसके चलते कर्मचारी दो बजे स्टोर बंद करके चले जाते हैं।

 

बाहर के मरीजों को ज्यादा घाटा

स्ट्रेचर के नाम पर उन मरीजों को ज्यादा चूना लगता है, जो मरीज दूसरे शहरों से मेडिकल में उपचार कराने आते हैं, क्योंकि ऐसे तीमारदार मरीज को दिखाकर वापस घर लौट जाते हैं और पैसे मेडिकल कर्मियों की जेब में रह जाते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक मेडिकल कर्मी ने बताया कि औसत रोजाना 15 से 20 हजार रुपए ऐसे होते हैं, जिनका शाम को बंटवारा किया जाता है।

 

क्या है नियम

यदि किसी मरीज को स्ट्रेचर की जरूरत है तो संबंधित अस्पताल का वार्ड ब्वॉय स्ट्रेचर लेकर एंबुलेंस या उस वाहन तक जाता है, जिसमें मरीज गंभीर अवस्था में लेटा होता है। इसके बाद वही वार्ड ब्वॉय मरीज को भर्ती करवाने के बाद स्ट्रेचर लेकर वापस आता है।

 

केस नंबर:1

9 जनवरी को बिजनौर निवासी रमेश के बड़े भाई रामदास को फालिस पड़ गई थी। 108 एंबुलेंस से मेडिकल अस्पताल लेकर आया था। 1:30 मिनट पर जब स्ट्रेचर लेने गया तो 500 रुपए जमा कराए और उसका नंबर लिख लिया। दो बजे फोन आया जल्दी स्ट्रेचर जमा करा दो नहीं तो रुपए जब्त हो जाएंगे। दो दिन बाद पैसे लेने आया तो इनकार कर दिया।

 

केस नंबर:2

जनपद अमरोहा क्षेत्र के गांव चंदनपुर निवासी टिल्लू सोमवार को 500 रुपए देकर स्ट्रेचर लिया था। 2 बजकर 10 मिनट पर जमा करने पहुंचा तो दो बजे का हवाला देकर पैसे देने मना कर दिया। अब इतनी दूर से पैसे लेने आने का कोई फायदा नहीं है।

 

केस नंबर:3

लावड़ निवासी रहीश से 12 बजे 500 रुपए जमा करके स्ट्रेचर लिया था। डॉक्टर को दिखाने में ही दो घंटे बीत गए। दो बजे पहुंचा तो स्टोर बंद था।

 

 

500 रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा कराने की व्यवस्था इसलिए की गई है। ताकि लोग स्ट्रेचर को जिम्मेदारी से वापस करके जाए। क्योंकि पहले कई स्ट्रेचर गायब हो चुके हैं, लेकिन यदि मरीजों के पैसे वापस नहीं किए जा रहे तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive