- रोजाना खाज-खुजली के लगभग 500 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं अस्पताल

VARANASI : प्रदेश सरकार गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने को लेकर चिकित्सा व्यवस्था को दुरूस्त करने की ढोल तो खूब पीट रही रही है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ हो नहीं रहा है। आज भी मरीजों को अस्पताल से मिलने वाली फ्री दवा के नाम पर धोखा मिल रहा है। हम बात मंडलीय हॉस्पिटल की कर रहे हैं। इन दिनों यहां में स्कैबीज यानि खाज-खुजली मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लेकिन जांच के बाद दवा के लिए प्राइवेट मेडिकल स्टोर का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए कि मरीजों को पूरी दवा नहीं मिल रही। ऐसी ही हालत शहर के सीएचसी, पीएचसी की भी है, जहां मरीजों को दवा खरीदने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है।


मामूली दवा से चल रहा काम

मंडलीय हॉस्पिटल समेत स्वास्थ्य केन्द्रों पर सबसे ज्यादा खाज-खुजली के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक मंडलीय अस्पताल व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मिलाकर रोजाना करीब 500 मरीज इस बीमारी का इलाज कराने पहुंच रहे हैं, लेकिन इस इसके इलाज के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली बेनजाइल-बैंजोइट यानी बीबी लोशन, क्लोट्राइम जॉल ट्यूब मॉश्चराइज क्रीम, एंटी फंगल पाउडर, मेडीफ्लोसोनिज जैल व क्रीम, एंटीबाइटिक क्रीम समेत जरुरी दवाएं नहंी मिल रही। शॉर्टएज के चलते मरीजों को मामूली दवाएं देकर काम चलाया जा रहा है।

 

मरीज ज्यादा, स्टॉक कम

इस मसले पर जिम्मेदार स्टॉक कम होने का हवाला देकर बस पल्ला झाड़ ले रहे हैं। उनका कहना है कि विभाग की ओर से पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं आता। जबकि मरीजों की संख्या उससे कहीं ज्यादा होती है। इसलिए दवाईयां जल्दी खत्म हो जाती है। जिसकी वजह से मरीजों को पूरी दवा नहीं मिल पाती।

यह होता स्कैबीज

स्कैबीज रोग सारकोप्टेस स्कॉबेई नामक घुन की वजह है होता है। यह घुन स्किन में अंदर तक घुस जाता है। यही नहीं ये बीमारी एक-दूसरे के संपर्क में आने से भी फैलती है। यह शरीर में लाल दाने, चकत्ते के रूप में उभरता है। जिसकी वजह से पूरे शरीर में खुजली पैदा होती है।

 

रोग के लक्षण

-स्कैबीज होने पर शरीर में तेज खुजली होती है। जो रात के समय ज्यादा परेशान करती है।

-यह रोग होने पर रेशेज के साथ छोटे फफोले और घाव हो जाते हैं।

 

 

बचाव

-साफ-सफाई का ध्यान रखें।

-कपड़े और तौलिए साफ रखें।

-साफ कपड़े पहनने के साथ डेली नहाएं

-संक्रमण से खुद का बचाव करें।

 

डिमांड के मुताबिक दवाईयां नहीं पहुंच पाती। अब तो लोकल परजेस भी ज्यादा नहीं कर सकते इसलिए ऐसी समस्या आ रही है।

डॉ। अरविंद सिंह, स्किन स्पेशलिस्ट व एमएस, मंडलीय हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive