- निगरानी ने नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल के तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट सहित कई पर आरोप तय

- दवा खरीदारी में 1.6 करोड़ का मामला आया था सामने,

2008-09, 2009-10 में पायी गयी थी अनियमितता

PATNA: पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में जिस समय करोड़ों का दवा घोटाला चल रहा था। उसी समय दवा की खरीदारी में नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जमकर अनियमितता बरती जा रही थी। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब आरटीआई के दौरान यह पता चला कि जो भी दवा बाहर से खरीदी गयी है। उसमें बड़ी मात्रा में अनियमितता बरती गयी है। इसके बाद पीएमसीएच दवा घोटाले की जांच कर रही फाइव मेन कमेटी को एनएमसीएच की जवाबदेही भी गयी। इसकी जांच कर रही निगरानी ने उस समय बताया था कि यह 98 लाख के आसपास की दवा खरीदारी में अनियमितता बरती गयी है, पर आखिरकार तीसरी जांच रिपोर्ट में यह अनियमितता क्.म् करोड़ की आंकी गयी और इस में निगरानी ने क्ब् लोगों को अभियुक्त बनाते हुए उनके खिलाफ निगरानी थाने में एफआईआर दर्ज कर दिया। इसमें तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट डॉ। कैप्टन एनपी यादव, एनेथेसिया के एचओडी डॉ। एके वात्सयायन सहित दो फार्मोसिस्ट, एक अकाउंटेंट, एक लिपिक, एक स्टोरकीपर, एक पीए सहित छह दवा सप्लायर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पहली ही जांच में अनियमितता

पीएमसीएच में दवा घोटाले की जांच कर रही टीम के मेंबर ने ही एनएचसीएच में दवा घोटाले की जांच में जुटे हुए थे। इसमें डीके रमण सहित दया शंकर, तीन ड्रग्स इंसपेक्टर शामिल थे। पहली जांच रिपोर्ट में ही अनियमितता पायी गयी। यह अनियमितता ख्008-ख्009,ख्009-ख्0क्0 के दौरान की है। निगरानी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि इसमें दोषी लोग और भी कई बड़े घोटाले को अंजाम दिए हुए हैं। इसके बाद तत्कालिन सुपरिंटेंडेंट डॉ। कैप्टन एनपी यादव को वहां से हटाकर पटना मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया। इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट को गलत बताते हुए एक बार फिर से जांच करने के लिए कहा गया। इस दौरान हाईकोर्ट ने भी गर्वमेंट को फटकार लगायी थी। तीन बार जांच के बाद आखिरकार निगरानी ने क्ब् लोगों के खिलाफ मामला दर्ज की है।

एक बिल पर दुबारा हुई खरीदारी

जांच में यह पता चला कि एक ही बिल पर दो बार दवा की खरीदारी की गई थी। इसमें दवा सहित कई मेडिकल इंस्ट्रूमेंट भी शामिल है। जांच के दौरान और भी कई तरह की गड़बड़ी सामने आयी है। इस गड़बड़ी में शामिल लोगों ने कई बार साक्ष्य को मिटाने की कोशिश भी की, लेकिन निगरानी जांच के पूरा का पूरा मामला सामने आ गया। इस मामले को लेकर फिलहाल कोई भी बात करने से इंकार कर लिया गया।

Posted By: Inextlive