दीपावली पर्व की शुरूआत आज यानि धनतेरस से होगी। इस बार धनतेरस के दिन शुक्र प्रदोष व धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। इस दिन ब्रह्मा व सिद्ध योग राज योग सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग 152 साल बाद बन रहा है।


मेरठ (ब्यूरो)। विद्वानों के मुताबिक शुक्र की ईष्ट मां लक्ष्मी है। इसलिए शुक्रवार को धनतेरस अधिक फलदायी होगी। ज्योतिषी विशेषज्ञ भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस बार शुक्रवारीय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, ब्रह्मा योग, राज योग, सर्वर्था सिद्धि योग 152 साल बाद पड़ रहे हैं। जोकि धन को कई गुना बनाती है। धनतेरस पर पूजन के अलावा सोना-चांदी,बाइक, कार, प्रॉपर्टी, इलेक्ट्रानिक्स आदि सामान खरीदने के लिए सुबह से शाम तक कई मुहूर्त बन रहे हैं। पंडित अरुण शास्त्री के अनुसार शुभ मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि की पूजा करना शुभ होगा। घरों में पूजन का उत्तम मुहूर्त वृष लग्न में शाम 6:12 बजे से 8:28 बजे रहेगा।खरीदारी के शुभ मुहूर्त- इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट : सुबह 9 बजे से 2:40 बजे तक- वाहन खरीदारी : दोपहर 2 बजे से रात 12 बजे तकघरों में पूजन का समयमुहूर्त वृष लग्न : शाम 6:12 बजे से 8:28 बजे तक


इन बातों का रखें ध्यान- पूजा के समय लाल कपड़े अर्पित करें और लाल कपड़े पहनें।- जो बर्तन खरीद कर लाएं उनमें चावल, छुआरे डालकर अवश्य रखें शुभ होगा।- शाम को मुख्य द्वार के दोनों ओर चावल की ढेरी पर मिट्टी के दीपक जलाएं।- दीपक में तिल का तेल इतना भरें, हो कि पूरी रात जल सकें

- द्वार के बाई ओर वाला दीपक दक्षिण की ओर मुख करके यमदेव को अर्पित करें।'धनतेरस पर इस बार 152 साल बाद महासंयोग बन रहा है। जो काफी फलदायी है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से उसका विशेष लाभ मिलता है।'- भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिषाचार्य'धनतेरस के दिन दिवाली पूजन स्थान को स्थापित कर सुशोभित करना चाहिए। धनतेरस का बहुत विशेष महत्व होता है।'- पंडित अरूण शास्त्रीmeerut@inext.co.in

Posted By: Inextlive Desk