- मिलाई के दौरान सख्ती पर किशोर जता रहे नाराजगी

-प्रशासन ने लिया संज्ञान, शिफ्टिंग पर नहीं हो पा रही आगे की कार्यवाही

Meerut : सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संप्रेषण गृह (बालक) में एक बार फिर बवाली किशोरों के बीच विरोध की चिंगारी भड़क रही है। मिलाई के दौरान सख्ती पर किशोर नाराजगी जता रहे हैं तो मेरठ और बागपत के बीच वर्चस्व की जंग एक बार फिर सिर उठा रही है। जिला प्रशासन की स्थिति पर नजर है।

मिलाई पर बढ़ रही रार

जुवेनाइल सेल में मिलाई को लेकर फिर एक बार माहौल गरमा रहा है। पिछले दिनों प्रभारी अधीक्षक मिथलेश सिंह द्वारा नियम विरुद्ध मिलाई कराने पर जमकर हंगामा हुआ था। पीएसी के जवानों ने जिला प्रशासन से शिकायत कर दी थी तो वहीं एडीएम सिटी एसके दुबे ने प्रभारी अधीक्षक की जमकर क्लास ली थी। एक बार फिर मिलाई पर रार बढ़ रही है। किशोरों के परिजन जबरन मिलाई की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं रोकने पर किशोर भड़क गए। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है किंतु विरोध की चिंगारी बरकरार है। मेरठ और बागपत के किशोरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी माहौल को गरमा रही है।

शिफ्टिंग की प्रक्रिया ठप

मई में लगातार फरारी, हंगामे और पथराव की वारदातों के बाद सरकार में मची खलबली के बाद प्रमुख सचिव गृह ने जिला प्रशासन को जुवेनाइल सेल की शिफ्टिंग के कड़े निर्देश दिए थे। डीएम ने आलाधिकारियों के साथ बैठक कर जिला कारागार स्थित किशोर सदन में सेल को शिफ्ट कराने की कवायद शुरू भी कर दी थी। लेकिन पिछले दिनों से यह कवायद सुस्त पड़ गई है। डीएम पंकज कुमार की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी शामिल सदस्य बाल कल्याण विभाग के मुख्य परिवीक्षा अधिकारी (सीपीओ) नियत तिथि पर नहीं पहुंचे थे, जिसके चलते बैठक नहीं हो सकी। डीएम के निर्देश पर जिला प्रोवेशन विभाग ने दोबारा मुख्यालय से संपर्क कर सीपीओ की मौजूदगी पर पत्राचार शुरू किया है।

फिलहाल संप्रेषण गृह की स्थिति नियंत्रण में है। किशोर सदन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया को गति देने के लिए एक बार फिर शासन को लिखा गया है। किशोरों की गतिविधियों पर लगातार नजर है।

आशुतोष सिंह, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, मेरठ मंडल

Posted By: Inextlive