जघन्य अपराधों की पीडि़त महिलाओं को नहीं मिल रहा मुआवजा

शासन ने लिया संज्ञान, जिम्मेदार विभागों में खलबली

Meerut। एसिड अटैक समेत 9 जघन्य अपराधों में महिलाओं-बालिकाओं को क्षतिपूर्ति भुगतान में मेरठ पिछड़ रहा है। विभिन्न स्तर पर पेंडेंसी के चलते पीडि़त महिलाओं को राहत नहीं मिल रही है। शासन ने लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कड़ी फटकार लगाई है, साथ ही निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द पेंडेंसी को निपटाकर पीडि़ताओं को क्षतिपूर्ति दिलाने के निर्देश दिए हैं।

हर स्तर पर लापरवाही

11 दिसंबर को लखनऊ में राज्य महिला सशक्तिकरण मिशन के तहत गठित अनुश्रवण कमेटी की मीटिंग में निकलकर आया कि रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के तहत संचालित क्षतिपूर्ति योजना में जनपद रुचि नहीं ले रहे हैं तो पीडि़ताओं को मिलने वाले लाभ में हर स्तर पर लापरवाही हो रही है। मेरठ में भी ऐसे केसेज चिह्नित हुए जिनकी अभी तक जांच पूरी नहीं की गई है। मेरठ में नोडल पुलिस (एसपी ट्रैफिक) स्तर पर लंबित प्रकरणों की संख्या 34 है जबकि नोडल मेडिकल स्तर पर लंबित प्रकरणों की संख्या 25 है। डीएम की अध्यक्षता वाली जिला संचालन समिति के स्तर पर 16 प्रकरण लंबित हैं। महिला कल्याण विभाग के सचिव संतोष कुमार यादव ने डीएम समीर वर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी एसएस पाण्डेय को पत्र लिखकर पेंडेंसी को निपटाकर पीडि़त महिलाओं को जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए हैं।

मौजूद स्थित-मेरठ में

नोडल ऑफीसर (एसपी ट्रैफिक) स्तर पर

112-कुल सबमिटेड केस

108-डिजिटली साइन्ड और फारवर्डेड केस

4-डिजिटल साइन के लिए पेंडिंग

30-केसेज में चार्जशीट पेंडिंग

नोडल मेडिकल ऑफीसर स्तर पर।

64-डिजिटली फारवर्डेड

27-पेंडिंग

जिला स्टैंडिंग कमेटी स्तर पर

67-केस इनबॉक्स

36-केस रिकमंडेड

9-केस रिजेक्टेड

22-केस पेंडिंग

27-केस में क्षतिपूर्ति दी गई (ऑनलाइन)

7-केस में क्षतिपूर्ति दी गई (ऑफलाइन)

नोट-1 अप्रैल 2017 से 28 दिसंबर 2017 तक

लगातार हो रही चूक

नोडल पुलिस ऑफीसर स्तर पर केसेज की ऑनलाइन अपलोडिंग में लगातार चूक हो रही है, जिसपर शासन ने कड़ी फटकार लगाई है तो वहीं थानास्तर पर भी केसेज में चार्जशीट लगाने में हीलाहवाली के मामले भी प्रकाश में आए हैं। शासन के निर्देश के बाद डीएम समीर वर्मा ने स्कीम से संबंधित लोगों को पेंडेंसी निपटाने के निर्देश दिए हैं।

विभिन्न स्तर पर हो रही हीलाहवाली के चलते केसेज पेंडिंग हैं। शासन के निर्देशों के अनुपालन में जल्द से जल्द पेंडेंसी को निपटाकर पीडि़ताओं को मुआवजा दिलाया जाएगा।

एसएस पाण्डेय, डीपीओ

Posted By: Inextlive