आई स्पेशल

-मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में आंसू गैस छोड़ने वाली पुलिस को मिला अभयदान

-लक्ष्मी को मानव तस्करों के हाथों सौंपने वाली नर्गिस खान का जलवा जलाल

-चोरी की कार लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचा इंस्पेक्टर दे रहा थाने में ताव

-जांच की आंच से बेखौफ 'गुनाहगार', जांच अधिकारी को नहीं फुरसत

Meerut : कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात्रि सोनू के साथ जो हुआ वो दर्दनाक था। विवाहिता ने घर पर बुलाया, पति और उसके भाई ने चोर बताकर उसे इतना पीटा कि शनिवार सुबह अस्पताल में उसकी मौत हो गई। रातभर पुलिस कस्टडी में सोनू मारे दर्द के तड़पता रहा और थाना पुलिस चुनाव की सुस्ती उतारती रही। सुबह उसकी अस्पताल में मेडिकल के दौरान मौत हो गई। इस हत्याकांड में पुलिस की संवेदहीनता चर्चा का विषय बनी रही तो आलाधिकारी एसओ समेत पुलिसकर्मियों से जबाव-तलब करने के बजाय सफाई देते रहे। कंकरखेड़ा ही नहीं, शहर के ज्यादातर थानों में पुलिस बेलगाम है तो अपराधियों के मन से कानून का खौफ फना हो चुका है।

ग‌र्ल्स हॉस्टल प्रकरण में जांच सिफर

मेडिकल कॉलेज में सितंबर प्रथम सप्ताह में शासन के आदेश पर पंचायत चुनावों में सुरक्षा बंदोबस्त की जांच के लिए हर थाने में मॉक ड्रिल के आदेश थे। मेरठ की थाना मेडिकल पुलिस ने सीओ बचन सिंह सिरोही के निर्देशन में चलाए गए मॉक ड्रिल के दौरान कॉलेज परिसर में ही आंसू गैस के गोले दाग दिए। नर्सिग कॉलेज के ग‌र्ल्स हॉस्टल में गिरे गोले से उठे धुएं की चपेट में आकर कई छात्राएं घायल हो गईं थीं। इस प्रकरण में थाना पुलिस का गैरजिम्मेदारा रवैया सामने आया तो वहीं सीओ सिरोही में झोंक में बोल गए कि, 'मामला छात्राओं से जुड़ा था नहीं तो ऐसे घटनाएं लोगों को एक अनुभव भी दे सकती हैं.'

एसपी सिटी को सौंपी जांच

प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बिना अनुमति मॉक ड्रिल करने को दोषी थाना पुलिस को बताते हुए शासन से शिकायत की, साथ ही प्रकरण में जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तो वहीं एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे ने एसपी सिटी ओपी सिंह को मामले की जांच सौंपी। आश्चर्यजनक है कि जांच अधिकारी ने अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं दी है तो वहीं 'गुनाहगार' बेफिक्र हो गए।

लक्ष्मी की 'गुनाहगार' को अभयदान

ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गढ़ बने मेरठ में तस्करी के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। ऐसे में आरजीपीजी कॉलेज की दो साहसी छात्राएं भीख मांग रही लक्ष्मी को पकड़कर महिला थाना लेकर पहुंची। यहां लक्ष्मी कह रही थी उसके साथ जोर जबरदस्ती की जा रही है, उससे जबरन भीख मंगवाई जा रही है तो वहीं सीओ नर्गिस खान ने आरोपी युवक को ही लक्ष्मी को उसका पिता घोषित कर सौंप दिया। आश्चर्यजनक तो यह रहा कि अगले दिन लक्ष्मी का कोई पता नहीं मिला, तब से पुलिस और सामाजिक संगठन उसे तलाश रहे हैं तो वहीं मामले पर नर्गिस खान के खिलाफ जांच बैठ गई। लेकिन उस जांच की अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।

इंचौली का इंस्पेक्टर निकला 'थानेदार'

एसएसपी कार्यालय पर चोरी की कार से पहुंचे थाना इंचौली के इंस्पेक्टर योगेंद्र मलिक के कारनामे का जब मीडिया ने खुलासा किया तो कप्तान दूबे ने ऐलान किया कि एक दिन में कार्रवाई जरूर होगी। न सिर्फ कार्रवाई होगी बल्कि नजीर होगी। लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। अभी इंस्पेक्टर थाने में बैठकर मूछों पर ताव दे रहा है तो वहीं एसएसपी मसले को भूल गए हैं। जांच अधिकारी एसपी क्राइम तेजस्वरूप सिंह अपनी रिपोर्ट भी सौंप चुके हैं।

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चोरी की कार चलाने वाले इंचौली इंस्पेक्टर के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आखिर किस वजह से मासूम लक्ष्मी को गुनाहगार के हाथ में सौंपने वाली एसओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है? इन सवालों के जबाव मेरठ पुलिस से मांगे गए हैं। मेडिकल कॉलेज में मॉक ड्रिल प्रकरण की जानकारी नहीं है, फाइल तलब की जाएगी। कंकरखेड़ा थाने में पुलिस की संवेदनहीनता अक्षम्य है। स्पष्टीकरण तलब किया गया कि आखिर मृतक को कस्टडी में लेने और अस्पताल तक पहुंचाने में थाना पुलिस ने क्यों लापरवाही की? कड़ी कार्रवाई होगी।

-आशुतोष कुमार

डीआईजी, मेरठ रेंज

Posted By: Inextlive