देखें तस्वीरें : हड्डी टूटने के एक हफ्ते बाद लौटी ट्रैक पर, अब जीता बाइक रेसिंग का विश्व खिताब
कानपुर। भारतीय महिला बाइकर ऐश्वर्या पिस्सी ने मोटरस्पोर्ट्स जगत में भारत का नाम रोशन कर दिया। रविवार को हुए एफआईएल वर्ल्डकप इवेंट में महिला कैटेगरी में ऐश्वर्या सबसे आगे रहीं। इसी के साथ वह मोटर स्पोर्ट में विश्व खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बाइकर बन गईं। बंगलुरु में रहने वाली ऐश्वर्या ने एफआईएम वर्ल्ड कप के फाइनल राउंड में वुमेंस कैटेगरी का खिताब अपने नाम किया। इस भारतीय खिलाड़ी ने दुबई में पहला राउंड जीता था, जबकि पुर्तगाल में तीसरे, स्पेन में पांचवें और हंगरी में चौथे पायदान पर रही। आखिर में उन्होंने 65 अंकों के साथ अपना टूर्नामेंट खत्म किया और विश्व खिताब अपने नाम किया।
23 साल की ऐश्वर्या एक प्रोफेशनल मोटरसाइकिल रेसर हैं। बंगलुुरु में पली-बढ़ी ऐश्वर्या को बचपन से ही बाइक से लगाव था। ये लगाव कब पैशन बन गया ऐश्वर्या को खुद पता नहीं चला। 2014 में हाई-स्कूल करने के बाद ऐश्वर्या अपने काॅलेज के सीनियर के साथ बंगलुरु की सड़कों पर बाइक राइडिंग करने लगी। इसके बाद जब उन्हें यह अच्छा लगने लगा तो ऐश्वर्या ने इसे अपना प्रोफेशन बना लिया।
ऐश्वर्या ने बाइक रेसिंग में अपना करियर बनाना शुरु तो कर दिया मगर एक लड़की का इस प्रोफेशन में आना कई लोगों को रास नहीं आया। ऐश्वर्या कहती हैं, 'हम जिस रुढ़िवादी समाज से आते हैं वहां एक लड़की को बाइक रेसर बनने के लिए कोई सपोर्ट नहीं करता। मेरा हमेशा मानना है कि बाइक चलाना कोई राॅकेट साइंस जैसा नहीं है। अगर दूसरे लोग कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं। भारत में मोटरस्पोर्ट्स एक उभ्रता हुआ खेल है। हालांकि ऐश्वर्या इस बात से खुश हैं कि उनके पेरेंट्स ने उनका काफी सपोर्ट किया।
बाइक रेसिंग एक ऐसा स्पोर्ट है जिसमें इंजरी के चांस ज्यादा होते हैं। ऐश्वर्या के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था जब वह मौत के मुंह से बचकर निकली थीं। ऐश्वर्या हिमालय घाटी में हुए एक हादसे को याद करते हुए कहती हैं, 'हिमालय घाटी में मेरी पहली राइड काफी खौफनाक थी। वो इलाका काफी खुरदुरा था ऐसे में मेरी बाइक के आगे वाले ब्रेक टूट गए और गियर लीवर नीचे गिर गया। इसके चलते मेरी गाड़ी बस एक ही गियर में चल रही थी। इस बीच बाइक ने संतुलन खोया और मैं पुल से नीचे गिरने वाली थी क्योंकि पिछला ब्रेक भी काम नहीं कर रहा था। यह तो अच्छा था कि बाइक नीचे नहीं गिरी नहीं तो मेरी जान जा सकती थी।'