जीहां काशी यानि बनारस में रहनेवाली नाजनीन अंसारी एक ऐसी मुस्लिम महिला हैं जो नमाज और रोजे की पाबंद तो हैं ही साथ में हनुमान चालीसा भी पढ़ती हैं।


ईश्वर अल्लाह दोनों की लगन है नाजनीन को शिव की नगरी बनारस में रहने वाली नाजनीन अंसारी धार्मिक सहिष्णुता का जीता जागता उदाहरण हैं। वे पैंगम्बर और खुदा की राह में नमाजी और रोजेदार हैं तो रामभक्त  हनुमान की भावमय भक्त भी वे ना सिर्फ रोज हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं बल्कि बच्चों को हनुमान जी के बारे में जानने के लिए प्रेरित भी करती हैं। बनारस का रस नाजनीन के मिजाज और कामों में साफ झलकता है। हिजाब की पाबंद नाजनीन जन्म और आस्था दोनों से सच्ची मुसलमान हैं। वे रोज नमाज़ पढ़ती हैं और रमजान में रोज़ा रखती हैं, लेकिन वे सच्ची हिंदुस्तानी भी हैं और भक्ति भाव हनुमान चालीसा का पाठ भी करती हैं। नाज़नीन के मन में धर्म को लेकर कोई द्वंद नहीं है।  मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना
प्रधानमंत्री मोदी की परम सर्मथक नाजनीन अंसारी का इस बात पर पूरा यकीन हैं कि कोई धर्म आपस मे लड़ना नहीं सिखाता। इसलिए वो तनमन से इस प्रयास में निरंतर लगी हैं कि की इस खाई को पाट सकें। वे खुद ही हनुमान चालीसा नहीं पढ़ती बल्कि अपने समुदाय के दूसरे लोगों को भी इसकी जानकारी देना चाहती हैं। इसीलिए  उन्होंने इसे उर्दू भाषा में भी लिखा है ताकि उर्दू पढ़ने वाले भी सहजता से उसे पढ़ सकें।जानिए क्या कहती हैं नाजनीन प्रधानमंत्री मोदी के बारे में  इसके साथ ही नाज़नीन ने शिवचालीसा, दुर्गाचालीसा और साई चालीसा को भी उर्दू भाषा में लिख डाला है। इन दिनों वो हिंदू धर्मग्रंथ श्रीरामचरित मानस को उर्दू भाषा में लिख रही हैं और अब तक बालकांड का अनुवाद पूरा कर चुकी हैं।

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Posted By: Molly Seth