मिलिए बेबी गैंडा से जो अपने कीपर को बोलता है 'मां'!
एक दिन में पीता है 42 पिंट दूध
एक गेंडे का नवजात शिशु अक्विला प्राइवेट गेम रिजर्व के रक्षकों जब मिला तो उसकी मां मर चुकी थी और पिता उसे मार डालने के लिए तत्पर था। ऐसे में उन्होंने उसे बचाया और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी उठायी जो बिलकुल भी आसान नहीं है। इस दो हफ्ते के शिशु गेंडे को हर दो घंटे में साढ़े तीन पिंट फॉमूर्ला मिल्क पिलाना होता है। यानि दिन में करीब 42 पिंट, वो भी स्टरलाइज्ड बोतल से। इसके साथ ही उसे रोज मायश्चराइजिंग मसाज और जागिंग करानी होती है ताकि वो सामान्य रूप से सुदृढ़ रह सके। इस गेंडे को हाइजीन कारणों से एक स्टरलाइज्ड कंपाउंड में रखा जाता है। जहां उसको रात की पाली में काम करने वाले रिजर्व के रक्षक संभालते हें। नन्हा राइनो उन्हें भूख लगने पर कोंच कोंच कर जगाता है।
रक्षकों की एक टीम करती है देखभाल
नन्हे गेंडे को कोई एक नहीं बल्की रिजर्व के सदस्यों की एक पूरी टीम संभालती है। वे बताते हैं कि ये गेंडा भी अन्य पशुओं या गेंडे के बच्चे जैसा ही है। लेकिन मां ना होने के कारण इसे अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है। वो अपने रखवालों कों भूख लगने पर सोते से जगाने के लिए कभी उनकी कोहनी को चूसता है और कभी एड़ी को। कभी कभी तो अपने नन्हें से सींग को भी चुभोता है। इसे बैक्टीरिया और इंन्फेक्शन से बचाने के लिए उसकी हर चीज स्टरलाइज करनी होती है। बाकी बच्चों की तरह उसे भी खेलना पसंद है और वो काफी बेचैन हो जाता है अगर उसे अकेला छोड़ दो इसीलिए रखवालों की टीम का कोई ना कोई सदस्य हमेशा उसके साथ रहता है।
रखवालों को ही मानता है मां
जाहिर सी बात है कि मां के आभाव में अपने पालने वालों को ही गेंडे का शावक अपनी मां समझता है और वे भी उसके लिए परी मेहनत करते हैं। रिजर्व में ही जन्में दूसरे गेंडे के शावकों को उनकी मायें कैसे पाल रही हैं वहीं से वे अपनी ट्रेनिंग लेते हैं। वे उसकी त्वचा को र फ होने से बचाने के लिए सनस्क्रीन और मायश्चराइजिंग क्रीम से उसकी मसाज करते हैं। जाहिर है उन्होंने देखा है की सन बर्न से बचने के लिए शावक हमेशा अपनी मां की छाया में चलते हैं पर अब रखवालों का शरीर तो इतना विशाल नहीं है तो वे इस कमी को सनस्क्रीन से ही पूरा करते हैं। उसे मड बाथ भी दिया जाता है। रखवालों ने बताया कि वो मिट्टी से खेल कर बेहद खुश होता है इसलिए मडबाथ उसका पसंदीदा खेल है।
घूमना भी है जरूरी
आने वाले जीवन में इस गेंडे को भोजन की तलाश खुद करनी होगी ऐसे में उसे दुनिया की जानकारी और सुदृढ़ शरीर की जरूरत होगी। इसी लिए रखवालों की टीम के सदस्य उसे जागिंग और लांग वाक पर भी ले जाते हैं। इन लम्हों को भी वो जी भर कर इंज्वॉय करता है। ऊपर के वीडियो में आप देख सकते हैं कि ऐसे अपने रखवाले के पीछे खुशी से उछलता घूम रहा है ये नन्हा शावक।