मीटर चालू रीडर गुल
एक नजर
3,26107 बनारस में बिजली उपभोक्ता 1,66107 उपभोक्ता प्रथम, दिृतीय, चतुर्थ व सप्तम खण्ड के 1,6000 उपभोक्ता तृतीय, पंचम, सष्ठम षष्ठम व अष्ठम खण्ड के 700 मेगावाट पूरे जिले में बिजली की रोजाना खपत 450 मेगावाट शहरी क्षेत्र में 250 मेगावाट ग्रामीण क्षेत्र में -अगले माह उपभोक्ताओं को लगेगा बिजली बिल का झटका -बिलिंग एजेंसी बदलने से नहीं जेनरेट हो रहा बिल, दो माह का एक साथ आ सकता है बिलआपको जल्द ही तेज झटका लगने वाला है। आपका बिजली का बिल भारी-भरकम आने वाला है। ऐसा नहीं कि आपने बिजली का इस्तेमाल अधिक कर लिया है बल्कि ऐसा इसलिए कि आपके घर में लगे मीटर की रीडिंग नहीं हो रही है। जब होगी तब दो महीने का बिल एक साथ आपको मिलेगा। यूपीसीएल ने अब तक शहर में मीटर रीडिंग का काम कराने वाली स्टर्लिग एजेंसी से यह काम ले लिया है लेकिन जिस नई एजेंसी को यह काम दिया गया है वह अब तक बिलिंग का काम शुरू ही नहीं कर पाई है। जिसकी वजह से लाखों उपभोक्ताओं के घरों में लगे मीटर की रीडिंग बंद है। बिजली विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं। अक्टूबर माह में रीडिंग शुरू होने की संभावना है। तब उपभोक्ता के पास दो महीने अगस्त और सितम्बर का बिल पहुंचेगा।
करने पहुंचे शिकायत इन दिनों शहर के तमाम एरिया के लाखों बिजली उपभोक्ता मीटर रीडिंग न होने से परेशान हैं। एक तरफ जहां बकाएदार उपभोक्ता बिल न आने को लेकर बेफिक्र हैं वहीं अधिकतर को यह चिंता सता रही है कि आखिर मीटर की रीडिंग हो क्यों नहीं रही। इसकी शिकायत लेकर कई उपभोक्ता बिजली विभाग के कार्यालय भी पहुंचे, जहां उन्हे रीडर न होने और एजेंसी चेंज होने की जानकारी दी गई। कौन करेगा भरपाई? -यूपीपीसीएल ने पुरानी एजेंसी से मीटर रीडिंग का काम नई एजेंसी एन सॉफ्ट को दे दिया -अगस्त माह से बिल जेनरेट न होने से उपभोक्ताओं का बिल डबल होगा -इस पर पेनाल्टी यानि दोहरे बिल पर ब्याज भी चुकाना पड़ेगा एजेंसी के चक्कर में फंसे उपभोक्ता क्यों खामियाजा भुगतें इसका जवाब किसी के पास नहीं पहले भी आ चुकी है समस्याउपभोक्ता पहली बार इस समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं। उपभोक्ताओं की मानें तो अक्सर उन्हे बिल नहीं मिलता और जब मिलता है तो पेमेंट का समय गुजर चुका होता है जिसकी वजह से उन्हें पेनाल्टी राशि के साथ बिल अदा करना पड़ता है। यही नहीं कई बार सीधे उपभोक्ता के हाथ में बिल न पहुंचने से भी इस तरह की प्रॉब्लम आती है। उनका कहना है कि समय से बिजली बिल न मिल पाने के कारण वे बिल जमा नहीं कर पाते हैं। इससे उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो जा रही है।
मीटर रीडिंग और बिल देने का काम अब पुरानी से बदलकर नई बिलिंग एजेंसी एन साफ्ट को दे दी गई है। यह एजेंसी पुराने सिस्टम में कुछ फेरबदल कर रही है। जिसकी वजह से मीटर की रीडिंग नहीं हो पा रही। अगले माह से व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। राकेश सिन्हा, पीआरओ, पीवीवीएनएल