- पुलिस वीक में पीपीएस एसोसिएशन की बैठक

-48 पीपीएस को सीधे आईपीएस बनाने की डिमांड

- दोबारा विभागीय परीक्षा कराने के औचित्य पर सवाल

LUCKNOW: पुलिस वीक में सूबे की पीपीएस एसोसिएशन ने शासन को एक बार मुख्यमंत्री की घोषणाओं की याद दिलाई। सप्रू मार्ग स्थित पुलिस आफिसर्स मेस में आयोजित पीपीएस एसोसिएशन की एजीएम में लगातार सुपरसीड हो रहे अफसरों का मुद्दा गर्माया। मांग उठी कि एएसपी पद पर प्रोन्नति के लिए पूर्व की तरह आठ साल अथवा उत्तराखंड राज्य की तरह सात साल किया जाए। आईपीएस की कमी को देखते हुए 48 पीपीएस को सीधे आईपीएस बनाया जाए। पीपीएस को पूर्व की तरह ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजे जाने की मांग पर प्रमुख सचिव गृह ने ठोस कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।

कोटा बढ़ाकर 50 फीसद करने की मांग

बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक पीपीएस का आईपीएस कैडर में कोटा बढ़ाकर 33 से 50 फीसद करने की मांग की गयी। दरअसल प्रदेश में 25 साल की नौकरी के बाद भी कई पीपीएस अफसर आईपीएस बनने से रह जाते हैं। वर्ष 2014 तक सूबे के 42 पीपीएस अधिकारी 56 साल की उम्र पूरी करने की वजह से सुपरसीड हो गये। सूबे में वर्तमान में आईपीएस के 108 पद खाली है। इनमें से 48 पद प्रोन्नति से भरे जाने हैं जिन्हें पीपीएस अफसरों के जरिए सीधे भरने की मांग की गयी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा ने सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है। एजीएम के दौरान पीपीएस संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश ने शिकायत दर्ज करायी कि महकमे की नींव होने के बावजूद पुलिस वीक में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। इस पर डीजीपी जावीद अहमद ने कहा कि आप नींव नहीं, मीनार हैं। उन्होंने आमंत्रण न भेजे जाने पर खेद जताते हुए तत्काल पीपीएस संघ के पदाधिकारियों को पुलिस वीक का आमंत्रण दिया। वहीं प्रमुख सचिव गृह ने मांगों को पूरा करने के लिए प्रस्ताव बनाकर देने को कहा।

ये मांगे भी उठाई

- पीपीएस अधिकारी प्रशिक्षण के बाद ही सेवा में आते हैं, इसलिए दोबारा विभागीय परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है। इस नियम को समाप्त किया जाए।

- 2011 में पुलिस के सभी पदों पर वर्दी भत्ते का पुनर्निधारण किया गया था लेकिन पीपीएस का नहीं। इसे भी तत्काल किया जाए।

- एएसपी पद का सृजन 1984 में हुआ था लेकिन आज तक वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों तथा कर्तव्यों का निर्धारण नहीं हुआ। इस बाबत गठित एनआर श्रीवास्तव कमेटी की संस्तुतियों पर विचार करके लागू किया जाए।

- पीपीएस भर्ती व प्रोन्नति का रेशियो 25:75 किया जाए ताकि सुपरसीड होने की नौबत न आए।

- डीजीपी की अनुमति के बगैर दो-दो थानों का सर्किल बनाकर पीपीएस की तैनाती की जा रही है। इस पर रोक लगायी जाए।

- पीसीएस की तरह पीपीएस को भी अतिथि सत्कार भत्ता दिया जाए।

Posted By: Inextlive