GORAKHPUR दिल्ली से अपर सचिव कौशल विकास उद्यमशीलता मंत्रालय से आई दीप्ति श्रीवास्तव ने गोरखपुर एनआईसी सभागार में मीटिंग की। मीटिंग में सीडीओ हर्षिता माथुर सहित आईटीआई प्रिंसिपल व समन्वयक कौशल विकास गोरखपुर सत्यकांत व अन्य अधिकारी मौजदू रहे।

कौशल विकास में 55 साल है पीछे

अपर सचिव ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो कौशल विकास ही एकमात्र माध्यम है। जिस तरह शिक्षा को महत्व दिया गया है। उसी तरह कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाए तो रोजगार जरूर मिलेगा। कौशल विकास में देश कम से कम 50-55 साल पीछे चल रहा है। कई विकासशील व विकसित अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में महज दो फीसदी हुनरमंद लोग हैं। सरकार का केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय खस्ताहाल इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को उबारने में मदद कर रहा है। सरकार लगातार इंजीनियरिंग वर्कशॉप का आयोजन कर रही है। जिसका लक्ष्य इन संस्थानों को मौजूदा क्षमता का फायदा उठाना है। इन संस्थानों में रिक्तियों को भरा जा रहा है। देश के इतिहास में पहली बार इंजीनियरिंग सीटों के मुकाबले आईटीआई की सीटों की संख्या बढ़ी है। सीटें बढ़ाने साथ-साथ क्वालिटी पर भी फोकस किया जा रहा है। दूसरे देशों में इंजीनियरिंगों के मुकाबले पांच गुना टेक्नीशियन होते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षो में 25 लाख स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित किया जाए। केंद्र सरकार ने पिछले दो सालों में रि-स्ट्रक्चरल की योजना औद्योगिक विकास की ओर बढ़ने की कवायद की है। दुनिया पैंतालिस फीसदी देशों में कौशल है। जापान कोरिया अमेरिका की तरह ही देश में कौशल विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है। किसी भी क्षेत्र में अगर आगे बढ़ना है तो कौशल विकास ही एकमात्र माध्यम है।

Posted By: Inextlive