-बहुरुपियों को रोकने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उठाया कदम

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर ढाई महीने के बाद विश्व के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव कुंभ मेला का आयोजन होने जा रहा है। इसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अन्तर्गत आने वाले देश के सभी तेरह अखाड़ों से हजारों की साधु-संन्यासी पुण्य की डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। लेकिन परिषद ने इलाहाबाद के बाहर से आने वाले साधु-संन्यासियों के लिए उनका आई कार्ड या आधार कार्ड अनिवार्य करने की योजना बनाई है। इससे कि मेला की अवधि में अखाड़ों के किसी भी शिविर में बहुरुपियों की समस्या का सामना ना करना पड़े।

त्रिवेणी मार्ग पर लगेगा अखाड़ों का शिविर

कुंभ मेला के दौरान सभी अखाड़ों का शिविर त्रिवेणी मार्ग पर लगाया जाएगा। जहां महा निर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन, नया उदासीन, बड़ा उदासीन, निर्मल व अग्नि सहित सभी अखाड़ों का शिविर मार्ग की दोनों पटरियों पर आवंटित की जाने वाली जमीन पर होगा। जहां पर बाहर से आने वाले साधु-संन्यासियों को आई कार्ड दिखाने पर ही इंट्री दी जाएगी।

संत निवास के साथ होगा सत्संग पंडाल

अखाड़ों के शिविरों को तैयार करने का कार्य भले ही दिसम्बर महीने में होगा लेकिन यहां पर जिन अखाड़ों के मुख्यालय बनाए जा रहे हैं वहां पर नवम्बर के अंतिम सप्ताह में देश भर से साधु संन्यासियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरि की मानें तो इस बार ज्यादा संख्या में संन्यासियों के आने की संभावना की वजह से सभी अखाड़ों के शिविरों में सत्संग पंडाल, भंडारा व संत निवास की संख्या दोगुनी कराई जाएगी। जिसकी व्यापक तैयारियां जमीन आवंटन के बाद तेजी से की जाएगी।

स्थानीय स्तर के संन्यासियों के लिए कोई दिक्कत नहीं है। हम सब एक-दूसरे को जानते हैं। लेकिन बाहरी प्रांतों से आने वाले साधु संन्यासियों को आई कार्ड दिखाए बिना शिविरों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसको लेकर सभी तेरह अखाड़ों के श्रीमहंतों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

Posted By: Inextlive