-अतिरिक्त मुआवजे में समझौते को लेकर एमडीए ने तैयार किया सहमति पत्र

-किसानों ने कहा सहमति पत्र पर विधिक राय के बिना नहीं होगा समझौता

Meerut: दिसंबर 17 को शताब्दीनगर किसानों से वार्ता से पूर्व ही एमडीए गंगानगर के किसानों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराना चाहता है। इसलिए एमडीए ने गंगानगर समेत तीनों योजनाओं के किसानों से सहमति पत्र पर साइन कराने की बात कही है। उधर, किसानों ने सहमति पत्र की बिना पड़ताल व विधिक राय के बिना कोई भी समझौता कराने से साफ इंकार किया है।

किसानों की असहमति

दरअसल, लंबे समय से गंगानगर, वेदव्यासपुरी और लोहियानगर के किसान शताब्दीनगर की तर्ज पर अतिरिक्त मुआवजे की मांग करते आ रहे थे। कमिश्नर और डीएम की सकारात्मक रुख व किसानों के दबाव के चलते एमडीए ने किसानों के समक्ष सरेंडर करते हुए समझौते की घोषणा की थी। अब एमडीए ने अतिरिक्त मुआवजा भुगतान करने से पूर्व किसानों के लिए सहमति पत्र तैयार कराया है। एमडीए द्वारा यह सहमति पत्र आगामी दिनों में किसानों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस सहमति पत्र के माध्यम से एमडीए किसानों को भविष्य में किसी भी तरह की मांग न रखने से आश्वास्त होना चाहता है।

कानूनी सलाह लेंगे

उधर, किसानों ने एमडीए की मंशा पर शंका जाहिर करते हुए प्राधिकरण की नीयत में खोट बताया है। किसानों का कहना है कि सहमति पत्र की बिना स्टडी और लीगल राय के किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जाएंगे। गंगानगर किसान संघर्ष समिति के महामंत्री हरविंदर सिंह ने बताया कि समझौते से पूर्व किसानों को सहमति पत्र की प्रति चाहिए। इस कॉपी की स्टडी के बाद ही कोई अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।

यह भी है दबाव

असल में 17 दिसंबर को डीएम पंकज यादव के साथ शताब्दीनगर के किसानों की वार्ता प्रस्तावित है। इस दौरान शताब्दीनगर योजना के किसान डीएम से नई नीति के अंतर्गत मुआवजे की मांग रखेंगे। एमडीए के डर है कि यदि प्रशासन ने शताब्दीनगर के किसानों की मांग पर सहमति जता दी तो अन्य तीन योजना के किसान भी उसी तर्ज पर मुआवजे की मांग कर सकते हैं।

सहमति पत्र तैयार कर लिया गया है। वीसी के निर्देशन में मंगलवार को किसानों के समक्ष सहमति पत्र प्रस्तुत किया जाएगा। किसान अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

-करणवीर सिंह, तहसीलदार एमडीए

Posted By: Inextlive