सुरक्षा से खिलवाड़, रेलवे पार्सल से कुछ भी भेजिए कोई जांच नहीं
-पार्सल ऑफिस में सामानों के स्कैन करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं
PATNA: पटना जंक्शन के सौंदर्यीकरण के नाम पर रेलवे ने भले करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हो मगर जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गेट नम्बर 4 के पास बने पार्सल ऑफिस में हर दिन 200 से 300 पैकेटों, बाइक आदि की बुकिंग होती है मगर इन्हें स्कैन करने करने के लिए रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अगर किसी शरारती या असामाजिक तत्व ने शांति भंग करने की कोशिश की तो वह आसानी से सफल हो सकता है। बता दें कि सामान की पैकिंग बाहर होने के बाद सीधे बुकिंग के लिए जाता है। ऐसे में पैकिंग के समय अगर कोई व्यक्ति विस्फोटक रख दे तो बड़ी अनहोनी हो सकती है। तेल के नाम पर औपचारिकताबाइक बुकिंग कराने से पूर्व नियमानुसार पेट्रोल की टंकी को खाली करना आवश्यक है। बाइक की पैकिंग करने वाले व्यक्ति पेट्रोल निकालने के नाम पर औपचारिकता पूरी करते हैं इसकी पड़ताल करने के लिए रिपोर्टर पार्सल गोदाम पहुंच कर पूरे प्रकरण का स्कैन किया तो पता चला कि पैकिंग करने वाले व्यक्ति के गाड़ी में अगर 2 लीटर पेट्रोल है तो 1 लीटर ही निकालता है बाकी टंकी में छोड़ देता है। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर पैकिंग करने वाले व्यक्ति ने बताया कि 2 लीटर निकालने पर यात्रियों को पेट्रोल का मोह होगा और वे पेट्रोल लेकर चले जाएंगे मगर 1 लीटर निकालने पर वे छोड़ देते हैं इसलिए एक लीटर ही निकालता हूं। समय रहते अगर इस व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिम्मेदारों को अलर्ट रहने की जरूरत है।
रेलवे डायरेक्ट नहीं करता है बुकिंग इस संबंध में रेलवे के अधिकारियों से बात की तो पता चला कि सामान की बुकिंग रेलवे की ओर से डायरेक्ट नहीं होता है। एजेंट के माध्यम से ही सामानों की बुकिंग की जाती है। बुकिंग के समय चेकिंग की जाती है जबकि हकीकत कुछ और है। पैक किया हुआ सामान लाने पर सीधे उसे बुक कर दिया जाता है। चेक करना तो दूर की बात है वहां मौजूद कर्मी उसे ठीक से देखते तक नहीं है। 150 जोड़ी ट्रेन प्रति दिन गुजरती हैंअफसरों की मानें तो पटना जंक्शन पर करीब 150 जोड़ी ट्रेन रोज गुजरती है और करीब 3 लाख लोग आवागमन करते हैं। अधिकांश ट्रेनों में बुकिंग की व्यवस्था है ऐसे में कोई विस्फोटक या प्रतिबंधित सामान पैक कर भेज दे या ट्रेन में ही कुछ करने की साजिश करे तो कौन जिम्मेदार होंगे।
बुकिंग से पहले सामान की चेकिंग वहां मौजूद कर्मचारी करते हैं। बुकिंग भी रेलवे की ओर से नहीं बल्कि एजेंट के माध्यम से होती है। आपत्तिजनक सामान की कोई शिकायत अब तक नहीं मिली है। -राजेश कुमार, सीपीआरओ, ईसीआर