-बोर्ड बैठक में श्रीधरन को एडवाइजर बनाने का आया था प्रस्ताव

-उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी 10 साल तक दिल्ली मेट्रो में रह चुके हैं श्रीधरन के साथ

DEHRADUN: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में मेट्रोमैन के नाम से फेमस श्रीधरन उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन में बतौर एडवाइजर की भूमिका में नजर आ सकते हैं। हालांकि उनके पास दिल्ली, लखनऊ, केरल जैसे राज्यों के मेट्रो एडवाइजर का जिम्मा पहले से ही है। लेकिन उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी का कहना है कि उत्तराखंड का प्रस्ताव वे जरूर स्वीकार करेंगे।

प्रयास कर दिए गए तेज

उत्तराखंड में मेट्रो का सपना साकार करने के लिए तेजी से काम शुरू हो चुका है। दिल्ली मेट्रो कार्पोरेशन की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगस्त आखिरी तक डीपीआर सरकार को मिल जाने की उम्मीद है। इसके बाद डीपीआर को राज्य कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। जिसके बाद केंद्र को बजट के लिए प्रस्ताव सौंपा जाएगा। फिलहाल दिल्ली मेट्रो के डीपीआर का इंतजार बाकी है। लेकिन उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन ने मेट्रोमैन के नाम से फेमस श्रीधरन को बतौर एडवाइजर बनाए जाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

इंकार की संभावनाएं कम

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी खुद उनके साथ क्0 सालों तक दिल्ली मेट्रो में जुड़े रहे हैं। जिस वक्त उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी ने बतौर एमडी ज्वाइन किया था, उस वक्त श्रीधरन ने ही उन्हें उत्तराखंड जाने का सुझाव दिया था। जिसको एमडी जितेंद्र त्यागी ने स्वीकार किया था। ऐसे में एमडी जितेंद्र त्यागी की मेट्रोमैन से नजदीकियों का सीधा मतलब निकाला जा रहा है कि श्रीधरन उत्तराखंड में एडवाइजर का पद स्वीकार करेंगे। उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी का कहना है कि यकीनन श्रीधरन के पास केरल, विजयवाड़ा, लखनऊ, दिल्ली जैसे मेट्रो कार्पोरेशन के एडवाइजर का पद है, लेकिन उत्तराखंड के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे। उनका कहना है कि महीने में एक बार ही उनका उत्तराखंड दौरा होगा, तो उनके सुझाव काफी मददगार साबित होंगे।

पांच करोड़ स्वीकृत किए

शासन ने उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन को पांच करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। पिछले दिनों कार्पोरेशन ने शासन से ख्0 करोड़ की मांग का प्रस्ताव भेजा था। जिससे वे मेट्रो के कार्यो में तेजी ला सकें और एमडी सहित कर्मचारियों का वेतन मुहैया करा सकें। इस प्रस्ताव के बदले में अब शासन ने पांच करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।

Posted By: Inextlive