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महानगरी व ब्रिज पर बम प्लांट करने वाले को खोज नहीं पाई एजेंसियां

पांच-पांच एजेंसियां कर रही हैं मामले की जांच, एक भी सुबूत नहीं

ALLAHABAD: 'आम आदमी' पुलिस व इन्वेस्टिगेटिव एजेंसियां पर भारी पड़ रहा है। महानगरी एक्सप्रेस व मेजा में रेल ओवर ब्रिज पर बम प्लांट करने के मामले की जांच पांच-पांच एजेंसियां कर रही हैं लेकिन किसी के हाथ आज तक कोई सुबूत नहीं लगा है। सारी एजेंसियों की जांच मेजा के कचरी गांव पर जाकर अटक गई है लेकिन उसके आगे कोई लीड नहीं मिली। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था, उनको बाद में छोड़ दिया गया।

10 करोड़ रुपए की मांग की थी

बम प्लांट करने वाले ने रेल मिनिस्टर से 10 करोड़ रुपए की मांग की थी। कहा था कि रेल व अन्य हादसों में मारे गए लोगों को उसको मुआवजा देना है। महानगरी में बम 28 जनवरी को प्लांट किया था। इसके आठ दिन बाद मेजा में रेल ओवर ब्रिज पर भी बम मिला। एक्सप्लोसिव के साथ ही बम बनाने का तरीका भी लगभग वही था। जांच में साफ हो गया कि पटाखों में इस्तेमाल किए जाने वाले बारूद से बम को तैयार किया गया था। इस मामले की जांच में जीआरपी व लोकल पुलिस के अलावा एनआईए, एटीएस व आईबी भी जुटी थी। बड़े-बड़े दावे करने वाली एजेंसियां आज तक बम प्लांट करने वाले के बारे में कोई सुराग नहीं लगा सकीं। पहले आशंका जताई गई कि बम प्लांट करने वाले का कनेक्शन यमुनापार से है। बाद में जांच आकर मेजा के कचरी में अटक गई। कचरी में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले राज बहादुर पटेल के एक करीबी स्टूडेंट को उठाया गया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री से बीएससी करने वाले स्टूडेंट पर शक था कि उसी ने बम प्लांट किया था। उसे एटीएस ने करीब सात दिन पहले पकड़ा था लेकिन कोई राज नहीं उगलवा सकी।

लेटर लिखकर की थी डिमांड

बम प्लांट करने वाले ने दोनों बार लेटर लिखा था। जिसमें घटनाओं का जिक्र किया गया था। बम प्लांट करने की घटना को क्रांति बताया गया था। पुलिस इसे किसी सिरफिरे की कारस्तानी मानकर शुरू से ही जांच में ढिलाई बरत रही थी। एसएसपी ने तो कह दिया था कि जो बम प्लांट किया गया था, उसमें कोई दम नहीं था।

शायद ही खुले मामला

बम प्लांट करने का मामला शायद ही कभी खुल सके। जांच एजेंसियां आम आदमी के आगे फेल हो चुकी हैं। सुबूत के नाम पर पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा है। बम प्लांट करने वाले के बारे में पता लगाना तो दूर की बात है, जांच एजेंसियों को अब तक यह भी नहीं पता चल सका है कि बम बनाने का सामान कहां से इकट्ठा किया गया था। तीन दिन से तो जांच पूरी तरह ठंडी पड़ चुकी है।

इंतजार है अगले कदम का

जांच एजेंसियों को अब 'आम आदमी' के अगले कदम का इंतजार है। पुलिस को भरोसा है कि दो बार बम प्लांट करने वाला चुप नहीं बैठेगा। वह फिर से बम प्लांट करके धमकाने की कोशिश करेगा। उम्मीद है कि अबकी वह कोई गलती करेगा और पकड़ा जाएगा।

Fact file

- 28 जनवरी को महानगरी एक्सप्रेस के एस थ्री कोच में मिला था बम

- मानिकपुर में मिली थी जानकारी, बम को ब्लास्ट कर डिफ्यूज किया गया

- एक्सप्लोसिव का वजन 600 ग्राम था, इसमें बैटरी भी लगी थी

- 4 फरवरी को मेजा रेल ओवर ब्रिज पर बम और दो पन्नों का लेटर मिला था

- रेल मंत्री को 10 करोड़ रुपए देने या अंजाम भुगतने की दी गई थी धमकी

- बम के साथ तार व बैटरी भी मिली लेकिन उसे कनेक्ट नहीं किया गया था

इस मामले की जांच अभी चल रही है। एजेंसियों को कुछ क्लू मिले हैं। जल्द से जल्द मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।

भगवान स्वरूप, आईजी लॉ एंड आर्डर

Posted By: Inextlive