'कैश' का 'लेस' यूज बताएगा यूथ
यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में चलेगा वित्तीय साक्षरता अभियान
कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिये स्टूडेंट्स करेंगे लोगों को जागरूक कैम्पस में सभी तरह के पेमेंट होंगे डिजिटलाइज्ड vikash.gupta@inext.co.in ALLAHABAD: कैश का लेस यूज कैसे होगा और पब्लिक को कार्ड-मोबाइल या ई वालेट से पेमेंट करने के लिए अवेयर और मोटीवेट करने की जिम्मेदारी यूथ के कंधों पर होगी। एमएचआरडी ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कैंपस में कोई ट्रांजेक्शन न करने का आदेश दिया है। इसी कड़ी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वित्तीय साक्षरता अभियान लांच कर दिया है। एमएचआरडी का कहना है कि अगर डिजिटल भारत का सपना सच करना है तो इसमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी ही होगी। कैंपस में ट्रेंड होने वाले युवा गांवों में जाकर लोगों को अवेयर करने की जिम्मेदारी उठाएंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग से दी जानकारीकैशलेस ट्रांजेक्शन करने वालों में सबसे बड़ी तादात युवाओं की है। इसी वजह से युवाओं की मदद से देश के शिक्षण संस्थानों में डिजिटल इकोनामी को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। एमएचआरडी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी विवि, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, आईआईआईटीऔर अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को अभियान के बारे में जानकारी दी है। कैंपेन से जुड़ी अधिक जानकारी एमएचआरडी की वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर जाकर देखी जा सकती है।
युवा स्वयं सेवक लाएंगे बदलाव एमएचआरडी के निर्देश के बाद यूजीसी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों में सक्रिय एनसीसी व एनएसएस स्टूडेंट्स को इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। कॉलेजेस के प्रिंसिपल्स से कहा गया है कि वे कॉलेज के नजदीक मार्केट, सिनेमा हॉल या दूसरे पब्लिक प्लेस पर सभी वॉलिंटियर्स को भेजकर कैशलेस ट्रांजेक्शन के फायदे के बारे में लोगों को बताएं। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को यूजीसी ने सभी तरह के कैशलेस भुगतान करने का सुझाव दिया है। स्कॉलरशिप और फेलोशिप को सीधे लाभार्थी के एकाउंट में भेजने को कहा है। स्टूडेंट्स को सभी तरह के रिसिप्ट पेमेंट भी डिजिटली किए जाएंगे। ऐसे चलेगा वित्तीय साक्षरता अभियान एमएचआरडी की ओर से प्राप्त लिंक पर स्वयंसेवकों का रजिस्ट्रेशन होगा। अभियान की प्रोग्रेस रिपोर्ट संस्थानों को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। वित्तीय साक्षरता अभियान 12 जनवरी तक चलाया जाएगा। बेहतर काम करने वाले संस्थानों को एमएचआरडी करेगा सम्मानित। अभियान से जुड़ने वाले स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। छात्रों को डिजिटल पेमेंट सिस्टम के बारे में बताया जाएगा। सभी स्वयंसेवक चयनित जगहों पर लोगों को जागरूक करेंगे।छात्रों के बीच एक ओपेन सेशन आयोजित किया जाएगा। जिसमें उन्हें कार्यक्रम के बारे में समझाया जाएगा।
कैशलेस ट्रांजेक्शन के होंगे फायदे टैक्स कलेक्शन कालेधन और भ्रष्टाचार की समस्या से सरकार ज्यादा इनकम टैक्स संग्रह नहीं कर पाती। टैक्स का बड़ा स्त्रोत नौकरी पेशा वाले शख्स है। जबकि कारोबारी समुदाय अपनी आय छुपाने में काफी हद तक कामयाब हो जाते हैं। जब लोगों के आय व्यय की जानकारी ऑनलाइन होगी तो सरकार राजस्व में बढ़ोतरी करने में कामयाब होगी। त्वरित भुगतान कैशलेस इकॉनमी से त्वरित भुगतान किया जा सकता है। किसान, कारीगर व छोटे कारोबारी आसानी से भुगतान कर सकेंगे। भ्रष्टाचार से मुक्ति भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाना आसान नहीं है। कैशलेस इकॉनमी से भ्रष्टाचार में कमी आ सकती है। लोग सरकारी महकमें में ऑफिसर को घूस कैश में देते हैं। डिजिटल होने से पैसा ट्रांसफर की सूचना आसानी से लगायी जा सकती है। आंकड़े बताते हैं जिन देशों ने इसे अपनाया वहां भ्रष्टाचार बेहद कम है। आर्थिक समावेशकैशलेस सिस्टम में सरकार न्यूनतम मजदूरी संबंधी कानूनों पर निगरानी रख सकती है। छोटे जगहों पर जहां बैकिंग की सुविधा नहीं है वहां आसानी से ई पेमेंट व मोबाइल बैकिंग के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। कल्याणकारी योजनाओं का फंड सीधे लोगों के अकाउंट में पहुचाया जा सकता है।
बरतनी होगी सावधानी साइबर फ्राड देश में साइबर सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम नहीं है। ऐसे हालत में लोगों के अकाउंट से पैसे चोरी होने का खतरा बना रहेगा। हालांकि भारत सरकार दूसरे देशों के साथ मिलकर इस पर काम कर रही है। हमारे कॉलेज ने डिजिटल बढ़ाओ भ्रष्टाचार मिटाओ की शुरुआत कर दी है। यूनिवर्सिटी समेत बाकी कॉलेज में भी कैम्पेन शुरू हो चुका है। इसे बहुत आगे ले जाना है। डॉ। संतोष श्रीवास्तव, कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना सीएमपी डिग्री कॉलेज युवाओं को सीधे तौर पर इससे जोड़ना अच्छा स्टेप है। युवा इस काम को पूरी लगन के साथ करेंगे। क्योंकि पीएम के कदम से उनमें भी इसको लेकर खासा क्रेज है। तान्या नारायण बदलाव के वाहक युवा ही होते हैं। उच्च शिक्षण संस्थानो को आम आदमी के लिये आगे लाना स्वागत योग्य कदम है। कैशलेस इकॉनमी समय की जरूरत है। सौम्या श्रीवास्तव डिजिटल इंडिया बनाना ही है। 100 फीसदी इसे लागू करने के लिये सभी के सामूहिक प्रयास की जरूरत है। इसका लाभ भी आने वाली पीढ़ी को ही मिलना है। इसलिये सभी को प्रयास की जरूरत है। कोमल केशरवानी