फाइनली आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क भी चले एक दिवसीय क्रिकेट को अलविदा कहने. खबर है कि रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्वकप फाइनल मुकाबले के बाद वह एक दिवसीय क्रिकेट को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे. इस बात का ऐलान खुद क्‍लार्क ने किया है.

कल होगा आखिरी मैच
MSG में 33 वर्षीय क्लार्क ने फाइनल मुकाबले की पूर्व संध्या पर मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में इस बात की घोषणा की. वहीं अब फाइनली रविवार को वर्ल्डकप के फाइनल मुकाबले के बाद वर्ष 2003 में शुरू हुआ क्लार्क का वनडे कॅरियर खत्म हो जाएगा. इस बारे में उन्होने कहा कि रविवार को आस्ट्रेलिया के लिए उनका आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच होगा. उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने अपने टीम के साथियों से इस बारे में बात की, जेम्स सदरलैंड, रोड मार्श और डैरेन लेहमैन से बात की. उन्हें बताया कि कल उनका आस्ट्रेलिया के लिए अंतिम ODI होगा.
अब तक जोड़े कितने रन
बताते चलें कि अब तक क्लार्क ने आस्ट्रेलिया के लिए 244 वनडे मैचों में 44.42 की औसत से 7907 रन बनाए हैं. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर वह बेहद शुक्रगुजार हैं. उन्हें अभी पता चला कि रविवार को उनका 245वां वनडे होगा. क्लार्क कहते हैं कि इतने लंबे समय तक अपने देश का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए बड़े सम्मान और गर्व की बात है. उनके इन 7907 रनों में आठ शतक और 57 अर्धशतक भी शामिल हैं.
पूरे कॅरियर पर एक नजर  
अपने 73 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में क्लार्क ने आस्ट्रेलियाई टीम की कमान संभाली. इनमें से 49 में आस्ट्रेलिया जीती. अभी तक खेले गए 108 टेस्ट मैचों में क्लार्क ने 50.79 की औसत की दर से 28 शतकों व 27 अर्धशतकों के साथ 8432 रनों का योगदान दिया है. गौरतलब है कि आस्ट्रेलिया के  कप्तान बीते कुछ महीनों से अपनी चोटों से जूझते रहे हैं. यही नहीं बीते वर्ष दिसंबर में एडिलेड में भारत के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में खेलने के बाद उनका ऑपरेशन तक हुआ था. इन्हीं सब कारणों से वर्ल्ड कप में भी उनका खेलना संदिग्ध ही लग रहा था. इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे ग्रुप मैच तक उन्हें फिट होने के लिए समय दिया. आखिर में वह पूरी तरह से फिट हो गए और बेहद शानदार तरीके से अभी तक टीम की अगुवाई भी कर रहे हैं.
 
अब प्राथमिकता पर होगा टेस्ट कॅरियर
ऐसे में उन्होंने खुद कहा कि वन-डे को अलविदा कहने का यह बिल्कुल सही समय है. ऐसा इसलिए ताकि कोई अन्य खिलाड़ी कमान संभाल सके, क्योंकि एक और वर्ल्ड कप खेलने के लिए अब वह मैदान में नहीं होंगे. वह कहते हैं कि वह समझते हैं कि यह उनके और आस्ट्रेलियाई टीम के लिए सही समय है. चार साल पहले उन्हें इस एकदिवसीय टीम की कप्तानी संभालने का मौका मिला, जो बड़े सौभाग्य की बात थी. क्लार्क ने कहा कि अब उनके लिए प्राथमिकता टेस्ट कॅरियर है जिसकी शुरुआत उन्होंने 2004 में की थी.

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Posted By: Ruchi D Sharma