अब 5 लाख रुपए तक की आय पर नहीं देना होगा टैक्स

किसानों को मिलेंगे 600 रुपए प्रतिमाह, मिलीजुली प्रतिक्रिया

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MEERUT :  अंतरिम बजट मिडिल क्लास की उम्मीदों के मुताबिक काफी बेहतर रहा। उम्मीद के मुताबिक बजट में टैक्स फ्री आय को 2.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया, जबकि 7 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स नहीं देना होगा। एक दावे के मुताबिक 70 फीसदी नौकरीपेशा केंद्र सरकार के इस फैसले से प्रभावित हो रहे है। एचआरए में भी इजाफा कर इसे 2.40 लाख रुपए तक पहुंचाकर केंद्र की मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को दोहरा लाभ दिया है। वहीं लघु एवं सीमांत किसानों को 500 रुपए प्रतिमाह की घोषणा पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है। 40 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने से भी मिडिल क्लास को राहत मिल रही है।


नौकरीपेशा के लिए फायदेमंद

सीए अनुपम शर्मा ने कहा कि नौकरीपेशा को टैक्स में राहत देकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है, इससे एक बड़े वर्ग में खुशी की लहर दौड़ गई है। इसके अलावा अन्य कई तरह की राहत भी मिली है। दो घर होने पर टैक्स में राहत को सराहनीय कदम बताया। अब 10 हजार के बजाय 40 हजार रुपए ब्याज पर टीडीएस कटेगा, इससे रिटायर्ड लोगों को खासी राहत मिलेगी।

 

किसानों की मिलीजुली प्रतिक्रिया

किसानों के लिए सीधी राहत की घोषणा करते हुए सरकार ने 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की मदद दिए जाने का ऐलान किया है। हालांकि, किसान सम्मान निधि योजना पर मेरठ में किसानों की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है। फ सल ऋण का समय से भुगतान करने पर 3 फीसदी का इंटरेस्ट सबवेंशन भी सरकार का महत्वपूर्ण फैसला है। मजदूरों को बोनस और पेंशन को जानकारों ने आम जनता के फायदेमंद फैसला बताया है।

 

एजुकेशन के दृष्टि से बजट में काफी कुछ अच्छा है। शिक्षण संस्थानों में सीटों की बढ़ोतरी, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन का बजट बढ़ाना, राष्ट्रीय अजीविका योजना के तहत युवाओं को लाभ मिलना सराहनीय है, युवाओं व स्टूडेंट्स की दृष्टि से बेहतर है।

-डॉ। योगेंद्र शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीसीएसयू

 

व्यापारी को थोड़ी बहुत राहत तो दी गयी है। आज के बजट में देश की सुरक्षा के लिये यह बजट बहुत अच्छा रहा है। वही यदि सरकार टैक्स छूट में 5 लाख की जगह 8 लाख की छूट प्रदान करते तो काफी अच्छा होता।

-नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

 

रिटर्न फाइल करने में अभी तक केवल कुछ ही लोग को राहत थी लेकिन अब बहुत सारे लोग निल रिटर्न फाइल की श्रेणी में आ गये है। यह बजट बहुत अच्छा रहा है।

-अंशुल भाटिया, सीए

 

उम्मीद थी कि किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए कर्जमाफी होगी। किसानों के गन्ना भुगतान की व्यवस्था होगी। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। किसान सम्मान योजना केवल किसान का वोट पाने की योजना है। अगर सीधे सहायता राशि देनी है तो तेलंगाना राज्य की तर्ज पर दी जाए।

-चौ। राकेश टिकैत, प्रवक्ता, भाकियू

 

-इस बजट में किसानों को अपनी ओर करने के लिये काम किया गया है। ग्रीन कार्ड का लाभ किसानों को पहले से ही नही मिल रहा है। सभी योजना केवल पेपर तक की सीमित रहतीं है।

-गजेन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष, किसान यूनियन

 

किसानों को जो 500 रुपए प्रतिमाह देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये कौन किसान बैंकों की लाइन में लगेगा? वहीं सरकार के पास किसानों के लिये कुछ नही है।

-रविंद्र सिंह, मंडल उपाध्यक्ष, किसान यूनियन

 

आज का पूर्ण बजट चुनाव की दृष्टि से पेश किया गया है। इस पूरे बजट में केवल किसान और मजदूरों की बात की है, परंतु यह बजट व्यापारी वर्ग के लिए शून्य है।

-आशू शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, पश्चिमी उप्र संयुक्त व्यापार मंडल

 

अगर वर्किंग वूमेन की दृष्टि से देखा जाए तो बजट में उनके लिए फिर भी कुछ है, लेकिन आम गृहणी को तो बजट के नाम पर झुनझुना थमाया गया है, किचन पर कोई असर नही है अब भी सब महंगा है जो पहले था वहीं है।

-प्रतिभा कोठारी, पार्लर संचालिका

 

उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को सिलेंडर देना, भले ही हमें कोई बड़ी बात नहीं लगती। लेकिन गांव में रहने वाली ऐसी महिलाओं को उससे बहुत फायदा मिलेगा जो अभी तक धुएं में रोटियां पकाती है, टीबी जैसी बीमारियों से जकड़ जाती है। इसके अलावा भी महिला स्वयं सहायता समूह का बजट भी बढ़ा है।

-गीता सचदेवा, गृहणी

 

 

प्रत्येक नागरिक को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया गया है। दो करोड़ से ज्यादा माध्यम वर्गीय परिवारों को फायदा मिला है। एजुकेशन की दृष्टि से बजट को अधिक किया है। ये बजट सर्वव्यापी, सर्वहित व समावेशी बजट है, जिससे आने वाले समय में आम जनता को बहुत फायदा मिलेगा

-रविंद्र, स्टूडेंट

 

आने वाले पांच साल में डिजिटल गांव की योजना, शिक्षा की तमाम योजनाओं में बजट की बढ़ोतरी, सीटों को बढ़ाना यह सभी फैसले बहुत अच्छे है, सर्वव्यापी बजट है, इसका दिल से स्वागत है।

-सना, स्टूडेंट

 

अंतरिम बजट में सरकार द्वारा आयकर में करमुक्त आय की सीमा पांच लाख किए जाने की सूचना स्वागत योग्य है। इसके साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा में बढ़ोतरी एवं स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाया जाना भी कर्मचारियों के हित में है। इस चुनाव के मौसम में बजट का स्वागत है, काफी लुभावना बजट है।

-अभिषेक भाटिया, नौकरीपेशा

 

पांच लाख की आय पर टैक्स में छूट से मध्यमवर्गीय नौकरी पेशा को काफी राहत मिलेगी। खासतौर पर प्राईवेट नौकरी वाले कर्मचारियों के लिए यह छूट काफी लाभप्रद है।

-राजेंद्र, नौकरीपेशा

 

21 हजार तक वेतन पाने वाले नौकरी पेशा को कम से कम 7 हजार रुपए बोनस की घोषणा नौकरी पेशा के लिए काफी अच्छी घोषणा है। इसके अलावा ग्रे्रच्यूटी सीमा 10 लाख बढ़ाने का भी लाभ मिलेगा।

-डॉ। मोहित, नौकरीपेशा

 

बजट सही है प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से 15 हजार रुपए तक मासिक आय वाले श्रमिकों को पेंशन देने की पहल अच्छी है। कम से कम एक उम्र के बाद उनको तीन हजार की पेंशन का लाभ तो मिलेगा।

-गुलशाद अली, कर्मचारी

 

बैंकों और डाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालाना 40 हजार रुपए के ब्याज पर टीडीएस से छूट की घोषणा मध्यमवर्गीय लोगों के लिए राहत भरी है। पहले यह छूट 10 हजार रुपए तक के ब्याज पर थी।

अजित शर्मा, दैनिकभोगी

 

आय में छूट का लाभ भी केवल उनको मिलेगा जो आयकर के दायरे में थे। आम लोगों के लिए यह बजट कुछ खास नही है।

-अली हसन, दैनिकभोगी

 

यह सरकार का ड्रीम बजट है। नौकरीपेशा से लेकर किसानों-मजदूरों का बजट में सरकार ने ख्याल रखा है। 2014 से हमारी सरकार ने जो दिशा ली उस ओर यह बजट माइल स्टोन साबित हो रहा है। किसान को मजबूत करके आय को दुगना करने की दिशा में प्रयास किया है। सर्वसमावेशी बजट है, इसकी नींव एक समृद्ध भारत का निर्माण होगा।

-राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र

 

वास्तव में यह देश जनता के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बजट दिया है। किसान, सामान्य वर्ग को लाभ देकर सरकार ने अभूतपूर्व कार्य है। ऐतिहासिक बजट का पूरे देश ने स्वागत किया है। इस बजट के लिए देश के प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री को धन्यवाद।

-रविंद्र भड़ाना, जिलाध्यक्ष, भाजपा

 

विपक्षियों ने साधा निशाना

सरकार ने पूरे चार साल तक कुछ नही किया अब जनता को लुभाने के लिए केवल प्रयास किया गया है। बजट में किसानों या बेरोजगारों या युवाओं के लिए कोई घोषणा नही है।

-विनोद मोघा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

 

किसानों को कुछ खास नहीं मिला है। 6 हजार रुपए तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। किसानों को फसल का दाम मिले तभी उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। टैक्स में छूट का लाभ भी वास्तविक लोगों को नहीं मिल सकेगा।

-राजपाल सिंह, जिलाध्यक्ष, सपा


चुनाव सिर पर आ गया है सरकार नए-नए जुमले लेकर आएगी। पहले से कहां थे? पौने 5 साल हो चुके हैं। अब तो जनता जबाव देने के लिए तैयार बैठी है।

-डॉ। सुभाष प्रधान, जिलाध्यक्ष, बसपा

Posted By: Inextlive