बेखौफ

कैंट इलाके में सरेआम हो रहा वर्दी का कारोबार

कुछ पैसे खर्च करें और बन जाएं आर्मी अफसर

- बॉम्बे बाजार में सेना की वर्दी देने वाली दुकानों की भरमार

- इन्हीं में से किसी एक दुकान से भी अंकुर ने वर्दी ली थी

Meerut: सदर बाजार थानाक्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा ऐसी दुकानें हैं जो आर्मी अफसर बनाने का काम रही हैं। न आई कार्ड न किसी तरह की पूछताछ। जो चाहे आर्मी अफसर की वर्दी पहन कर इतरा सकता है। मंगलवार को आर्मी हॉस्पिटल में पकड़े गए फर्जी कैप्टन के बाद बॉम्बे बाजार का जायजा लिया गया तो ऐसी दुकानों की भरमार निकली। इनमें से महज एक-दो ही दुकानें ऐसी थीं जिनके संचालक वर्दी के लिए आई कार्ड की डिमांड कर रहे थे। उन्हें इस बात की कोई फिक्र नहीं कि वर्दी पहनकर कोई भी गलत गतिविधियों को अंजाम दे सकता है।

फर्जी कैप्टन बना था अंकुर

गंगानगर का अंकुर शर्मा मंगलवार को आर्मी हॉस्पिटल में पकड़ा गया। वह फर्जी कैप्टन बनकर घुसा था। उसने कैप्टन की वर्दी पहन रखी थी। आर्मी की इंटेलीजेंस ने कई घंटों की पूछताछ के बाद थाना पुलिस के हवाले कर दिया। जांच में पता चला कि अंकुर ने बॉम्बे बाजार से ही वर्दी और बैज खरीदा था। काफी पूछताछ के बाद भी अंकुर पर पुलिस आर्मी की जासूसी करने का आरोप नहीं सिद्ध कर पाई। उसके बैक ग्राउंड को खंगाला गया। परिजनों से भी पूछताछ की गई। पत्‍‌नी ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। अंकुर ने बताया था कि वह हॉस्पिटल में ईलाज कराने गया था। यदि सफल हो जाता तो अपने अभिभावकों का भी ईलाज कराता। उसकी मां की तबियत काफी खराब चल रही है। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे बुधवार को जेल भेज दिया था।

कोई पूछताछ नहीं

अंकुर ने जिस जगह से वर्दी खरीदी थी वहां पर दुकानों की भरमार है। हर अफसर की वर्दी यहां पर बिकती है। तीन से चार हजार रुपए में पूरा सेट मिल जाता है। थोड़ा मोलभाव करें तो वह भी हो जाता है। दुकानदार न आई कार्ड देखते हैं और न ही कोई दस्तावेज। वर्दी क्यों चाहिए इसकी भी जानकारी हासिल करना मुनासिब नहीं समझते। इन दुकानों को रजिस्टर्ड कराते वक्त यह बताना होता है कि वे वर्दी सिलते हैं। लेकिन जानकारी के अनुसार तीन से चार के अलावा बाकी सभी दुकानों ने इसके बारे में जानकारी नहीं दी है।

Posted By: Inextlive