Jamshedpur: डॉक्टर से लेकर बड़े-बुजुर्ग सभी दूध के रेग्यूलर यूज की सलाह देते हैं. पर सेहत का ये ग्लास आपके हेल्थ का दुश्मन बन रहा है. इस दूध को जहर बना रहा है जानवरों से निकलने वाले दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिए दिया जाने वाले ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन. बैन के बावजूद सिटी में इस इंजेक्शन का धड़ल्ले से यूज किया जा रहा है.

खुलेआम Oxytocin का use
प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स एक्ट और फूड एंड ड्रग एडल्टरेशन एक्ट के तहत ऑक्सिटोसिन के यूज को बैन किया गया है। पर,सिटी में मौजूद कई डेयरीज में कैटल्स को ये इंजेक्शन बेरोकटोक दिया जाता है.  इसका असर जानवरों और उस दूध का इस्तेमाल करने वाले लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है।

नहीं किसी का डर
 खटाल वाले इस बात को बिना झिझक एक्सेप्ट भी करते हैं। कदमा में मौजूद एक डेयरी के मालिक ने बताया कि वैसी भैैंसों को जिनसे दूध निकलने में परेशानी होती है उन्हें हर बार ये इंजेक्शन दिया जाता है। इस शख्स को इस इंजेक्शन के जायज इस्तेमाल की जानकारी भी थी। उसने बताया कि ये इंजेक्शन डिलीवरी के दौरान महिलाओं को दिया जाता है। इस दलील के साथ अपने काम को सही ठहराने की कोशिश करते हुए कहा कि ऐसा करने का मकसद सिर्फ दूध निकलने में होने वाली परेशानी को दूर करना है।

जानबूझकर होता है ये धंधा
इस इंजेक्शन का इस्तेमाल करने वाले लोग इसके दुष्प्रभावों से अंजान नहीं हैं, लेकिन ज्यादा दूध निकालने के चक्कर में सारी बातें भूला दी जाती हैं। कई खटाल वालों ने कहा कि इससे जानवरों को काफी परेशानी होती है, पर जिन जानवरों से दूध निकालने में दिक्कत होती है उन्हें मजबूरी में ये इंजेक्शन दिया जाता है। कुछ लोग तो खुद ही डॉक्टर बन इस इंजेक्शन के कई फायदे भी बताए। खटाल के मालिक मंचा ने बताया कि अगर जानवरों से सारा दूध नहीं निकाला गया तो उन्हें कई तरह की बीमारियां होती हैं।

हो सकती है कई बीमारियां
ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन देकर निकाले गए दूध का यूज ह्यïूमन बॉडी के लिए खतरनाक है। वेटनेरियन डॉ एम पालित बताते हैं कि जानवरों के शरीर में गया ऑक्सिटोसिन दूध में मिलकर ह्यïूमन बॉडी में भी जाता है। उन्होंने बताया कि शरीर में जाने पर इस हार्मोन के काफी हार्मफुल इफेक्ट होते हैं। उन्होंने बताया कि गल्र्स में इस दूध के इस्तेमाल से अर्ली प्यूबर्टी के लक्षण आते हैं वही मेल्स में ब्रेस्ट डेवलपमेंट के चांसेज रहते है। पेडिएट्रिक्स डॉ केके चौधरी ने बताया कि अगर शरीर में ज्यादा मात्रा में ऑक्सिटोसिन हो तो हार्मोनल डिस्बैलेंस हो सकता है। फिजीशियन डॉ निर्मल कुमार ने भी कुछ ऐसी ही चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि ऑक्सिटोसिन एक हार्मोन होता है, जो डिलीवर के वक्त यूटेरस के कॉन्ट्रैक्शन में हेल्प करता है। उन्होंने बताया कि अगर ये हार्मोन लंबे समय तक शरीर में जाए तो हार्मोनल डिस्बैलेंस हो सकता है।

आसानी से है available 
शिड्यूल एच में आने वाले इस ड्रग की सेल किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन के बगैर नहीं की जा सकती। ड्रग इंस्पेक्टर सुमंत कुमार तिवारी ने बताया कि जानवरों के लिए इस ड्रग के यूज पर पूरी तरह रोक है। उन्होंने बताया कि डिलीवरी के दौरान अगर किसी जानवर के पेट में बच्चा फंसता है तो सिर्फ उसी कंडीशन में इस इंजेक्शन का यूज किया जा सकता है। पर इन तमाम नियमों के बावजूद सिटी में ये इंजेक्शन आसानी से अवेलेवल है। ड्रग इंस्पेक्टर सुमंत कुमार तिवारी ने बताया कि डिपार्टमेंट को भी इस बात की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि इस बात का पता चला है कि जानवरों का चारा सप्लाई करने वाले लोग खटालों में ऑक्सिटोसिन की सप्लाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट द्वारा ऐसे लोगों पर सख्त कारवाई की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसी दुकान में ये इंजेक्शन पाए जाने या खटाल में इस्तेमाल का पता लगने पर कड़ी कारवाई की जाएगी।

जानवरों के साथ है cruelty
ऑक्सिटोसिन का यूज जानवरों के लिए भी बेहद खतरनाक है। डॉ एम पालित ने बताया कि ऑक्सिटोसिन के यूज से जानवरों का रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर बूरा असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि इसके यूज से जानवर में बांझपन की संभावना बढ़ जाती है। इंजेक्शन के असर से जानवरों को काफी दर्द भी सहना पड़ता है।

'ऑक्सिटोसिन का यूज जानवरों और ह्यïूमन दोनों के लिए हार्मफुल है। इससे जानवरों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर असर पड़ता है साथ ही इस दूध के इस्तेमाल से अर्ली प्यूबर्टी और ब्रेस्ट डेवलपमेंट की संभावना रहती है.'
-डॉ एम पालित, वेटनेरियन

'ऑक्सिटोसिन एक हार्मोन होता है। इसकी ज्यादा मात्रा शरीर में जाने से हार्मोनल डिस्बैलेंस का खतरा हो सकता है। ये हेल्थ के लिए सही नहीं है.'
-डॉ केके चौधरी, पेडिएट्रिशियन
'डिलीवरी के वक्त महिलाओं को ऑक्सिटोसिन का इंजेक्शन दिया जाता है। दूध के माध्यम से शरीर में जाने से हार्मोनल डिस्बैलैंंस हो सकता है.'
-डॉ निर्मल कुमार, फिजीशियन
'जानवरों के लिए ऑक्सिटोसिन का इस्तेमाल पूरी तरह बैन है। हमें पता चला है कि कैटल फीड की सप्लाई करने वाले खटालों तक ये इंजेक्शन पहुंचा रहे हैं। अगर किसी दुकान से ये इंजेक्शन बेचे जाने या इसका यूज किए जाने की सूचना मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'
-सुमंत कुमार तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर, कोल्हान

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive