MillennialsSpeak : प्रयागराज में #RaajniTEA पर पब्लिक ने मांगी क्विक एक्शन, रिएक्शन और डेवलपमेंट वाली सरकार
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PRAYAGRAJ: 2019 का लोकसभा चुनाव देश की राजनीति को एक नई दिशा देगा। देश का युवा अब जाग चुका है। वह घिसी-पिटी राजनीति और मुद्दों से आगे बढ़कर देश के विकास की बात कर रहा है। युवाओं को अब धर्म, जाति के मुद्दों पर नहीं, बल्कि डेवलपमेंट के मुद्दों पर बात करने वाले पसंद हैं। इन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो क्विक एक्शन, क्विक रिएक्शन और डेवलपमेंट करने वाली हो। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के मिलेनियल्स स्पीक 'राजनी-टी' चर्चा में सोमवार को मुट्ठीगंज स्थित विजयपुर कोठी के दौरान कुछ इसी तरह की बातें सामनें आई।
जीएसटी-नोटबंदी पर जमकर बोले
इस डिस्कशन में शामिल लोगों ने जीसटी और नोटबंदी पर अपनी बेबाक राय रखी। चर्चा की शुरुआत करते हुए युवा व्यापारी सौरभ जायसवाल ने कहा कि आज स्थिति ये है कि मार्केट से रौनक गायब हो गई है। मुट्ठीगंज के जिस मार्केट में पूरी-पूरी रात तक ट्रकों की लाइन लगी रहती थी, आज दस बजे के बाद सन्नाटा हो जाता है। व्यापार की प्रगति धीमी पड़ गई है। वहीं जीएसटी को लेकर अभी भी हजारों व्यापारी कंफ्यूज हैं। सरकार भी यह समझ रही है, जान रही है, तभी तो बार-बार टैक्स में रियायत दी जा रही है।
दिख रहा है स्वच्छ भारत मिशन
इस दौरान जीतेंद्र ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का असर साफ दिखाई दे रहा है। इसके चलते आज पूरा शहर बदल चुका है। लाखों करोड़ों लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। मेला क्षेत्र से लेकर पूरे शहर में भीड़ लगी रही, लेकिन कहीं भी गंदगी नहीं दिखाई दी। पूरा शहर व मेला क्षेत्र स्वच्छ नजर आया। हालांकि उन्होंने घटते रोजगार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रति दिन गांवों से हजारों लोग झोला लेकर काम की तलाश में शहर आ रहे हैं। वहीं पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं।
सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
बातचीत के दौरान देश की सुरक्षा का मुद्दा हावी रहा। व्यापारियों ने कहा कि देश है तो हम हैं। जो सरकार देश की सुरक्षा से समझौता करेगी, वह कुर्सी पर नहीं टिक सकती है। जीएसटी पर चारों तरफ हल्ला मचता है। लेकिन जीएसटी से केवल नुकसान ही हो रहा है, ऐसा नहीं है। जीएसटी से व्यापारियों को फायदा भी हुआ है। कई टैक्स स्लैब ऐसे हैं, जो जीएसटी में कम हुए हैं। पहले गल्ला पर साढ़े नौ परसेंट टैक्स लगता था, आज जीएसटी में वह ब्रांडेड आइटम पर पांच परसेंट और नॉन ब्रांडेड पर टैक्स फ्री है यानी व्यापारियों को फायदा हुआ है। लेकिन एक प्रॉब्लम है जीएसटी में, वह है लिखा-पढ़ी और कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम। इससे खाता-बही में हिसाब करने वाले व्यापारी परेशान हैं।
कॉलिंगयुवाओं को रोजगार देने में अब तक की केंद्र सरकारें पूरी तरह से विफल रही हैं। बेरोजगारी युवाओं के गले की फांस बनी हुई है। कर्ज में डूबे किसान अभी तक आत्महत्या कर रहे हैं.-आकिब जावेदकिसी भी देश की तरक्की तभी होगी, जब उस देश का युवा अधिक से अधिक रोजगार पाएगा। अब उसी पार्टी की सरकार बनेगी, जिसका फोकस बेरोजगारी दूर करने और रोजगार के माध्यम पैदा करने पर होगा.-अजीतहम युवा व्यापारी हैं। हमने भी बहुत प्रयास किया कि कहीं नौकरी मिल जाए, लेकिन नहीं मिला तो व्यापार कर रहे हैं। हमारे जैसे हजारों युवा आगे भी भटकते न रहें, इसका सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए.-सौरभ जायसवालहम प्रयागराज में रहते हैं इसलिए केवल प्रयागराज की बात करते हुए बस यही कहेंगे कि इच्छाशक्ति अगर हो तो कुछ भी हो सकता है। एक वर्ष पहले का और आज का प्रयागराज इच्छा शक्ति का जीता जागता उदाहरण है.-राजेश कुमार
राजनीतिक पार्टियां हम मतदाताओं को हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, ठाकुर, ब्राह्माण, क्षत्रिय, वैश्य, दलित में बांटती हैं, उलझाती हैं। मुद्दे की बात जब जनता करती है तो पार्टियां भटका देती हैं। यह कतई नहीं होना चाहिए.-दुर्गेश
हम वोटर हैं। हमें पता है कि कोई भी सरकार हमारी ताकत से ही बनती है। इसलिए हमें सरकार बनाने में तनिक भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। वोट का अधिक से अधिक प्रयोग एक मजबूत सरकार बनाने के लिए करना चाहिए, जो इस बार हम युवा व्यापारी जरूर करेंगे.-जीतेंद्रकश्मीर में हुर्रियत कांफ्रेंस नेताओं के खिलाफ पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई? जबकि पूरा देश जानता है कि उन्होंने पैसे लेकर क्या-क्या किया। देर से ही सही, सरकार ने बिल्कुल दुरुस्त कदम उठाया है.-प्रवीणचुनावी मुद्दा चाहे जो हो फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा देश की सुरक्षा है। कश्मीर में पत्थर फेंक रहे लोग आतंकवादी से कम नहीं हैं। वे अगर एक पत्थर मार रहे हैं तो दो गोली मारनी चाहिए.-शनिजब तक लोगों की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक स्वच्छता अभियान पूरी तरह से सफल नहीं हो सकता है। सरकार ने इसे एक अभियान के रूप में शुरू किया है और इसे सफल बनाना हमारी जिम्मेदारी है। सिस्टम अपना काम कर रहा है.-रितेश केशरीसाक्षरता और शिक्षा के मामले में भारत की गिनती दुनिया के पिछड़े देशों में होती है। राष्ट्रीय स्तर पर किसी ठोस योजना की शुरुआत नहीं हो सकी। जब तक हमारा देश साक्षर नहीं होगा, तब तक देश आगे नहीं बढ़ेगा.-जय प्रकाश
मेरी बातप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था, आज चारों तरफ उसका असर दिख रहा है। ये किसी पार्टी विशेष का काम नहीं, बल्कि एक सरकार का काम है, जिसका सभी को साथ देना चाहिए। क्योंकि ये एक अच्छी पहल है। अच्छी पहल में राजनीति करना उचित नहीं। नगर निगम अपना काम कर रहा है। कर्मचारी सफाई कर रहे हैं। अगर कहीं कमी दिखती है तो आवाज उठाएं। लेकिन खुद कमी न पैदा करें। बहुत से लोग ऐसे हैं, जो सफाई होते ही कचरा फेंक देते हैं, यह आदत गलत है। हमें भी खुद को बदलना होगा। चाहे वह आम नागरिक हो या फिर व्यापारी
-नीरज गुप्ताकड़क मुद्दा
सभी राजनीतिक दलों को पक्ष-विपक्ष की राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। जातिवाद, मंदिर-मस्जिद का मुद्दा तो राजनीति में शामिल ही नहीं होना चाहिए। राजनीतिक दलों का मकसद देश का, समाज का युवाओं का विकास होना चाहिए, न कि हर मामले में टांग अड़ाना, विरोध करना। आज अगर विपक्ष नैतिक और सैद्धांतिक रूप से मजबूत हो जाए तो बहुत सी समस्याएं अपने आप दूर हो जाएंगी। कोई भी सरकार गलत निर्णय से पहले सौ बार सोचेगी। लेकिन विरोध का तरीका और माध्यम भी नैतिकता के साथ हो। अब समय बदल चुका है, इस बार लोकसभा चुनाव में देश की सुरक्षा, रोजगार, विकास ही प्रमुख मुद्दा होगा।
-अनिल कुमार केसरवानी