RANCHI : स्मार्ट रोड के निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। वहीं रोड का निर्माण पूरा होने के बाद किनारे कहीं एक भी केबल या सप्लाई पाइपलाइन नहीं दिखनी चाहिए। क्योंकि सबकुछ अंडग्राउंड हो रहा है। कवर्ड ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण करें ताकि बरसात में रोड पर वाटरलॉगिंग की नौबत न आए। ये बातें नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सीपी सिंह ने कहीं। रविवार को वह सिटी में बन रहे स्मार्ट रोड के निर्माण कार्यो का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए। मंत्री ने कहा की इस सड़क के निर्माण में जो मैटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है, उसकी गुणवत्ता की समय-समय पर जांच कराई जाए। अधिकारी, निर्माण कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्य की टाइम टू टाइम मॉनिटरिंग करें। उन्होंने निर्माण में इस्तेमाल हो रहे चिप्स, स्टील और अन्य मटेरियल की काफी बारीकी से जानकारी ली।

मंत्री ने दिए दिशा-निर्देश

-स्मार्ट रोड के निर्माण में यह सुनिश्चित किया जाए की निर्माण के बाद किसी भी प्रकार के केबल इत्यादि लगाने के दौरान सड़क को दोबारा काटा नहीं जाएगा और यूटिलिटी डक्ट को दोबारा तोड़ा नहीं जाएगा।

-यूटिलिटी डक्ट के ऊपर ढलाई से पहले उसकी पूरी तरह से सफाई सुनिश्चित हो। वहीं, ड्रेनेज में भी पानी के बहाव के लिए लेवल की जांच सुनिश्चित करने के बाद ही ऊपर से कवर की ढलाई हो।

-स्मार्ट रोड निर्माण के बाद मुख्य मागरें में हाई स्पीड ट्रैफिक में कोई व्यवधान पैदा ना हो। इसके लिए जगह-जगह पर बस स्टॉप होना चाहिए।

-सड़क के दोनों किनारे साइकिल लेन की व्यवस्था सुनिश्चित हो जो कि पहले से इस योजना में शामिल है। चारों स्मार्ट रोड में साइकिल ट्रैक कराने का निर्देश दिया गया।

-स्मार्ट रोड निर्माण के बाद कहीं भी सड़क पर अस्त-व्यस्त स्थिति में इलेक्ट्रिक केबल लटकता हुआ नहीं दिखे, यह भी सुनिश्चित हो।

-सड़कों के किनारे पहले से लगे पेड़ को सुरक्षित रखते हुए कार्य किया जाए और कोशिश हो कि कम से कम पेड़ कटे।

-सड़क के निर्माण के बाद दोनों तरफ पौधरोपण किया जाए। ताकि आने वाले समय में फुटपाथ और साइकिल लेन में चलने वाले लोगों को छाया भी मिले और पर्यावरण सुरक्षित रहे।

-विभाग यह कोशिश करेंगे, जिन इलाकों में सड़क के किनारे पहले से नाला बना है उसके साथ छेड़छाड़ ना करना पड़े।

Posted By: Inextlive