प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले मंत्रिमंडल विस्‍तार के लिए मंच लगभग तैयार हो चुका है. राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी रविवार दोपहर एक बजकर 30 मिनट पर भाजपा के मनोहर पर्रिकर मुख्‍तार अब्‍बास नकवी बंडारू दत्‍तात्रेय और राजीव प्रताप रूड़ी समेत 20 नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. खबर है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों का विभाग बदलेगा. इसके साथ ही कुछ राज्‍य मंत्रियों को प्रमोशन मिलने की भी उम्‍मीद है.

मोदी मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सहयोगी दलों को एक फॉर्मेट तैयार कर भेजा था. इसको लेकर मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए लिखित में नाम भी मांगे थे. इसके लिए टीडीपी ने वायएस चौधरी का नाम भेज दिया है, लेकिन महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात को देखते हुए शिवसेना के साथ एक बड़ी परेशानी उभरकर सामने आई है. गौरतलब है कि मई में सत्ता में आने के बाद से मोदी मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है. इस समय 45 मंत्री हैं. 23 कैबिनेट रैंक के और 22 राज्यमंत्री हैं. इसके अलावा 10 राज्य मंत्रियों के पास स्वतंत्र प्रभार है.
 
मंत्रियों को बुलाया चाय पार्टी पर
रविवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी ने शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को चाय पर बुलाया. प्रधानमंत्री बनने से पहले भी उन्होंने संभावित मंत्रियों को गुजरात भवन में चाय पार्टी पर बुलाया था और सभी से अनौपचारिक बातचीत की थी.
 
ये हो सकते हैं मंत्री
बंडारू दत्तात्रेय (तेलंगाना), हंसराज अहीर (महाराष्ट्र), जयंत सिन्हा (झारखंड से सांसद), गिरिराज सिंह (बिहार के भूमिहार नेता), सांवरमल जाट, राज्यवर्धन सिंह राठौर, कर्नल सोनाराम (तीनों राजस्थान), बाबुल सुप्रियो (पश्चिम बंगाल), साध्वी निरंजन ज्योति (उत्तर प्रदेश), रमेश बैंस (छत्तीसगढ़), अजय टमटा (उत्तराखंड)। टीडीपी से राज्यसभा सांसद वायएस चौधरी. शिवसेना से राज्यसभा सांसद अनिल देसाई. मोदी मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं.
 
फिर भाजपा-शिवसेना के बीच हुई तनातनी   
मंत्रीमंडल के लिए शिवसेना ने अनिल देसाई का नाम लगभग तय कर लिया था, लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन पर सहमति न बनती देखकर शिवसेना अब पीछे हट गई है. शिवसेना कोटे से केंद्रीय मंत्री अनंत गीते रात को प्रधानमंत्री से मिलने वाले थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि पार्टी से कोई सांसद रविवार को शपथ लेगा या नहीं, इस पर अंतिम फैसला अभी होना बाकी है. अब शिवसेना चाहती है कि 12 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विश्वास मत से पहले राज्य में उनके विधायकों को भी मंत्रीपद मिले, लेकिन भाजपा इसे टाल रही है. इसको लेकर उद्धव ठाकरे ने रविवार को विधायकों की बैठक बुलाई. इसमें तय हो जाएगा कि अनिल देसाई मंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं. अभी यहां एक बड़ा मुद्दा उपमुख्यमंत्री पद को लेकर भी हो सकता है.
 
सुरेश प्रभु के नाम पर बहस
भाजपा सुरेश प्रभु को मंत्रीपद के लिए चुनना चाहती है, लेकिन शिवसेना पूरी तरह से इसके खिलाफ है. उसने तो यहां तक कह दिया है कि यदि प्रभु को मंत्री बनाना ही है तो भाजपा अपने कोटे से बनाए. नरेंद्र मोदी के करीबी प्रभु ने जी-20 में सक्रिय भूमिका निभाई थी. चर्चा तो यह भी है कि योजना आयोग की जगह प्रस्तावित नई संस्था के प्रमुख बनाए जा सकते हैं.
 
इन सात मंत्रियों का भार कम होगा
मंत्रीमंडल में विस्तार के बाद कई मंत्रियों पर से जिम्मेदारियों का बोझ कम हो जाएगा. इनमें पहले होंगे अरुण जेटली. वित्त और रक्षा मंत्रालय दोनों की ही जिम्मेदारी इन पर थी. अब रक्षा की जिम्मेदारी उनसे लेकर मनोहर पर्रीकर को दी जा सकती है. दूसरे होंगे नितिन गडकरी. गडकरी सड़क परिवहन, जहाजरानी और ग्रामीण विकास मंत्रालय संभाल रहे थे. अब इनसे ग्रामीण विकास मंत्रालय लिया जा सकता है. तीसरे हैं रविशंकर प्रसाद. प्रसाद कानून के साथ-साथ आईटी और संचार मंत्रालय भी संभाल रहे हैं. आईटी और संचार मंत्रालय अब किसी और को दिया जाएगा. चौथे होंगे वेंकैया नायडू. नायडू संसदीय कार्य मंत्री के साथ-साथ शहरी विकास मंत्रालय भी संभाल रहे हैं. अब शहरी विकास मंत्रालय किसी और को दिया जा सकता है. पांचवे नंबर पर होंगे पीयूष गोयल. राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गोयल इस समय ऊर्जा के साथ-साथ कोयला एवं खदान मंत्रालयों का कामकाज भी देख रहे हैं. छठे हैं निर्मला सीतारमन. निर्मला वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं. वाणिज्य मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी संभाल रही हैं. वित्त मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रभार से अब इन्हें मुक्ति मिल सकती है. वहीं सातवें होंगे प्रकाश जावड़ेकर. पर्यावरण और सूचना-प्रसारण का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे जावड़ेकर एक मंत्रालय कम किया जा सकता है.
 
इन मंत्रियों पर खास नजर
गोवा से केंद्र में पहले कैबिनेट रैंक के मंत्री होंगे 59 वर्षीय मनोहर पार्रिकर. संभावना जताई जा रही है कि वह उप्र से राज्यसभा में जाएंगे. इसके बाद सोमवार को नामांकन दाखिल करने वह लखनऊ जा सकते हैं. इनके बाद 57 वर्षीय मुख्तार अब्बास नकवी भाजपा का प्रमुख मुस्लिम चेहरा हैं. पार्टी उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना-प्रसारण राज्यमंत्री रहे हैं. तीसरे हैं रामकृपाल यादव. राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल बिहार में बड़े यादव नेता हैं. लालू प्रसाद की बेटी मीसा को हराकर सांसद बने हैं. चौथे नंबर पर हैं विजय सांपला. भाजपा के दलित नेता सांपला पंजाब के होशियारपुर से सांसद हैं. मजदूरी से शुरुआत करके भाजपा से जुड़े और सांसद बने हैं. पांचवे नंबर पर जेपी नड्डा. मोदी के करीबी भाजपा महासचिव नड्डा हिमांचल, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पार्टी का खास चेहरा हैं. छठे हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह. हरियाणा के जाट नेता कांग्रेस से भाजपा में आए हैं. हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के लिए नाम चला था. क्षतिपूर्ति के तौर पर इन्हें केंद्र में मंत्री पद दिया जाएगा.

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Posted By: Ruchi D Sharma