LUCKNOW

समय सुबह का करीब दस बजकर दस मिनट। शहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना का काफिला नगर निगम गेट के सामने रुका। जब तक वहां मौजूद कर्मचारी कुछ समझ पाते, मंत्री सीधे नगर निगम ऑफिस बिल्डिंग में प्रवेश कर गए और एक-एक कमरे में जाकर निरीक्षण शुरू कर दिया। हालांकि कहीं न कहीं मंत्री के निरीक्षण की भनक पहले ही लग चुकी थी, जिसके कारण निगम प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी पहले से ही डटे नजर आ रहे थे। अधिकारियों का प्रयास था कि वे लोग मंत्री को वहीं का निरीक्षण कराएं, जहां स्थितियां ठीक हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। सुरेश खन्ना ने खुद एक-एक कमरे में जाकर रजिस्टर चेक किया साथ ही सफाई व्यवस्था भी परखी। जिसमें निगम फेल हो गया। जानकारी के अनुसार, मंत्री अपने साथ नामांतरण संबंधी फाइल ले गए और उसका गहन अध्ययन करने के बाद उसे वापस भिजवा दिया।

फील्ड में जाने से पहले लगायें अटेंडेंस

निरीक्षण के दौरान मंत्री ने लगभग सभी विभागों के रजिस्टर चेक किए। इस दौरान वह वहां मौजूद अधिकारियों से कर्मचारियों की संख्या और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी लेते रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि हर हालत में हर कर्मचारी का ड्यूटी टाइम निर्धारित हो और सुनिश्चित किया जाए कि फील्ड में जाने से पहले कर्मचारी निगम में उपस्थिति दर्ज कराएं। वहीं मुख्यालय परिसर में हुए नवीनीकरण कार्यो को देखकर मंत्री संतुष्ट दिखे लेकिन मुख्यालय परिसर में हुए पार्टीशन पर जमी धूल पर नाराजगी दिखाई। उन्होंने कहाकि मुख्यालय में चपरासियों की फौज है, तो सफाई क्यों नहीं होती। इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

आधे से अधिक कर्मचारी मिले नदारत

निरीक्षण के दौरान करीब ब्भ् से भ्0 फीसदी कर्मचारी नदारत मिले। जब मंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों से सवाल किया तो उन्हें बताया गया कि ज्यादातर कर्मचारी बीएलओ ट्रेनिंग प्रोग्राम में हैं। कार्यालय परिसर में बिना सूचना अनुपस्थित पाए जाने पर चार कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। इसमें जोन एक से जुड़े कर्मचारी तरुण गुप्ता, लिपिक राजेश सिंह और मोहसिन आदि शामिल हैं।

जनता के बीच निगम की छवि सुधारें

मंत्री सुरेश खन्ना ने नगर आयुक्त उदय राज सिंह को निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी और अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहें। इसके साथ ही जनता के बीच निगम की छवि सुधारें।

फरियादियों ने घेर लिया

मौके पर मौजूद फरियादियों ने भी मंत्री को घेरा। निगम के ही पूर्व कर्मचारी रहे केके उपाध्याय ने कहा की सालों से यहां अधिकारी जमे हुए हैं। वे काम पर ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई की जाए। कम्युनिटी टॉयलेट को लेकर वे पहले भी ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन हालात नहीं सुधरे। ग्राम केसरीखेड़ा निवासी विनय श्रीवास्तव ने बताया की उनका क्षेत्र निगम के दायरे में आता है। वहां गंदगी का अंबार है। कई शिकायतें की गयीं लेकिन कभी कोई अधिकारी नहीं आया।

पहले रजिस्टर लाओ

वैसे तो निगम में आने वाले फरियादियों के बैठने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, लेकिन जब बुधवार को मंत्री आए तो निगम परिसर में आनन-फानन में सोफे लगा दिए गए। इतना ही नहीं, जब मंत्री किसी भी अधिकारी के कमरे में जाते तो उन्हें कुर्सी ऑफर की जाती लेकिन वह सिर्फ एक ही सवाल पूछते रजिस्टर कहां हैं, दिखाओ जरा।

Posted By: Inextlive