- कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय और सीएम सचिवालय में घूमते नजर आए मंत्री

- जगह-जगह दे रहे सफाई, किया दावा कांग्रेस आलाकमान का कोई निर्देश नहीं

RANCHI (12 Sept): आखिरकार झारखंड के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने शुक्रवार की रात सीएम हेमंत सोरेन को इस्तीफा सौंप दिया। हजारीबाग के आपराधिक गिरोह पीपुल्स टाइगर ग्रुप को संरक्षण देने के आरोपी मंत्री योगेंद्र साव पर इस्तीफा देने के लिए चौतरफा दबाब पड़ रहा था। फजीहत के डर से योगेंद्र साव से कांग्रेस से भी पल्ला झाड़ लिया था। दिल्ली दरबार से लेकर सीएम के यहां प्रतिदिन हाजिरी लगाना भी काम नहीं आया। इधर, सीआईडी के पास मिले पुख्ता सबूत और एक कार्यक्रम में आयोजित वीडियो में नक्सली संगठनों के समर्थन के मामले में जांच चल रही है। इस मामले में सीआईडी आगे की भी कार्रवाई कर सकती है।

शुक्रवार का दिन बैचेनी में बीता

योगेंद्र साव को यह आभाष हो गया था कि अब उन्हें इस्तीफा देना ही पडे़गा, क्योंकि वे जहां जाते थे, उन्हें कोई सपोर्ट नहीं कर रहा था। विपक्ष भी उनके पीछे हाथ धोकर पड़ा था। चारा नहीं चलने की वजह से योगेंद्र साव इस्तीफा लिखकर अपने पॉकेट में लेकर घूम रहे थे। महानगर कार्यालय में जाकर कुछ पल बिताया। हालांकि, योगेंद्र साव ने कांग्रेस की जांच कमिटी को निशाने पर लिया और उसे फर्जी करार दे दिया। वे प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं को खुद को निर्दोष बताते रहे।

बुलाने पर गए थे सीएम कार्यालय

जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खूंटी के दौरे पर थे तो योगेंद्र साव सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के गलियारे में भी बेचैनी से चहलकदमी करते रहे।

शुक्रवार को आया उनका बयान

इस्तीफा देने से पहले योगेंद्र साव ने कहा कि मैं सीएम का नाम लूंगा तो उन पर भी कार्रवाई होगी क्या?: योगेंद्र साव ने कहा कि किसी कहने से कोई इस्तीफा नहीं दिया जाएगा। मेरे मामले को सीएम भी जानते हैं और आलाकमान को भी पता है। ऐसे में यदि सीएम इस्तीफा देने के लिए कहेंगें तो दे देंगें। मैं सीएम का नाम लूंगा तो उन पर भी कार्रवाई होगी क्या को संबोधन किया। उन्होंने कहा कि आलाकमान को भी पूरी बात बता दी गई है। चुनाव नजदीक है, इसलिए इस तरह की साजिश रची जा रही है।

कांग्रेस की जांच टीम को ही फर्जी बताया

योगेंद्र साव ने कांग्रेस पार्टी की ओर से की गई जांच का स्वागत किया। जब उन्हें बताया गया कि कांग्रेस ने आपके खिलाफ ही जांच की है तो उन्होंने जांच टीम पर ही सवाल खड़ा कर दिया और कहा कि टीम में शामिल सभी लोग फर्जी हैं।

प्रोजेक्ट भवन से हटाई गई फाइल

शुक्रवार के दिन में कृषि मंत्री के प्रोजेक्ट भवन स्थित सरकारी कार्यालय से संचिकाओं को हटाया जा रहा था। कार्यालय से फाइल वगैरह हटाने के लिए उनके ही कार्यालय के लोग थे।

बॉक्स में:

खतरे में सुरेश पासवान की कुर्सी

पहले तारा शाहदेव प्रकरण में नाम जुड़ने और रंजीत सिंह कोहली से संबंध के आरोपों और अब अपराधकर्मी को संरक्षण देने के आरोपों से घिरे सुरेश पासवान की कुर्सी भी खतरे में है। सुरेश पासवान के मामले में मंत्री अन्नूपर्ण देवी ने कहा कि सुरेश पासवान मामले में राजद की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को पार्टी की ओर से कोई दबाव नहीं है। सीएम निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसे में सुरेश पासवान की कुर्सी खतरे में है। हालांकि एक दिन पूर्व गिरिनाथ सिंह ने सुरेश पासवान का बचाव किया था। उन्होंने कहा कि वे सुरेश पासवान के समर्थन में हैं। पार्टी की ओर से उन्हें कोई दबाव नहीं दिया जा रहा है।

बॉक्स में:

फ् सितंबर: हजारीबाग पुलिस ने फ् सितंबर को आपराधिक गिरोह को अरेस्ट किया था। अरेस्ट होनेवाले अपराधकर्मियों ने कृषि मंत्री योगेंद्र साव को झारखंड टाइगर ग्रुप का सरगना बताया था।

ब् सितंबर: इस मामले पर सीएम सख्त हुए। उसी समय से योगेंद्र साव के हटने की अटकलें तेज हो गई।

भ् सितंबर: हजारीबाग पुलिस को योगेंद्र साव के संबंध में पूछताछ करने पर पुख्ता सबूत मिला। फोन डिटेल्स में मंत्री का नाम आया। सीडीआर में कॉल डिटेल्स निकलने के बाद व विपक्ष के इस्तीफे पर दबाव दिया जाने लगा।

म् सितंबर: सीआईडी जांच में योगेंद्र के दो रिश्तेदार भी फंसे।

7 सितंबर: मामले की गंभीरता पर सीएम ने दिए थे सीआईडी जांच के आदेश।

8 सितंबर: कांग्रेस ने जांच कमिटी बैठाई और जांच कराई

9 सितंबर: योगेंद्र मामले की सीआईडी जांच शुरू

क्0 सितंबर: कुर्सी खतरा में पड़ते देख योगेंद्र दिल्ली गए, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी।

क्क् सितंबर: योगेंद्र साव अब बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। चारों ओर से इस्तीफा का दबाव और पुलिस की जांच से हो रहे खुलासे की कांग्रेस पार्टी को अच्छी नहीं लगी।

क्ख् सितंबर: योगेंद्र साव ने सीएम हेमंत सोरेन को रात में जाकर इस्तीफा सौंपा।

Posted By: Inextlive