-घाटमपुर के खालसा रेठी दबंग के भतीजे ने घर में घुसकर किशारी से किया बलात्कार

-मुंह खोलने पर परिवार सहित जान से मारने की धमकी से बुरी तरह सहम गई थी पीडि़त

- 90 प्रतिशत झुलसी हालत में हैलट में कराया एडमिट, हालत नाजुक

-किसी ने नहीं की मदद, पहले गांववालों और पुलिस ने दिखाई संवेदनहीनता फिर डॉक्टर्स ने

-रेप का मामला दर्ज, पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबिश मार रही

KANPUR : दो दिन बाद हम आजादी की म्8वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। लेकिन ये इस आजादी ने आमजन को क्या दिया, ये आज भी बड़ा सवाल बना हुआ है। घाटमपुर में दबंग के भतीजे ने घर में घुसकर पंद्रह वर्षीय किशोरी की आबरू लूट ली। उसके गरीब परिजन कुछ कर पाते कि इससे पहले युवक ने घर जाकर किशोरी को मुंह खोलने पर परिवार समेत जिन्दा जलाने की धमकी दी। जिससे लड़की इतनी सहम गई कि उसने केरोसिन डालकर खुद को ही जला डाला। लपटों में घिरी वो चिल्लाते हुए रोड पर दौड़ने लगी। परिजन किसी तरह आग को बुझाकर उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां से उसे हैलट रिफर कर दिया। लड़की 90 फीसदी जल चुकी है। उसकी हालत बहुत नाजुक है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर जाकर पड़ताल की और परिजनों की तहरीर पर रेप की रिपोर्ट दर्ज कर ली लेकिन आरोपी अभी गिरफ्त से बाहर हैं।

मजदूरी करते हैं मां-बाप

घाटमपुर के खालसा रेठी गांव में रहने वाले मुकेश बंथरा की फैमिली में पत्नी रानी देवी, तीन बेटे और दो बेटी हैं। जिसमें एक बेटा सुल्तानपुर में नौकरी करता है। मुकेश पत्नी समेत मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। सोमवार को मुकेश पत्नी समेत बीमार सास को देखने ससुराल गए थे, जबकि उनके दोनों बेटे स्कूल गए थे। घर पर उनकी पंद्रह वर्षीय बेटी अंजू (सभी काल्पनिक नाम) अकेली थी। वो घर पर खाना बना रही थी। तभी दोपहर में करीब एक बजे इलाकाई दबंग मलखान बंजारा का भतीजा मुनीम उसके घर पर जबरन घुस गया और किशोरी से अश्लील हरकत करने लगा। जिसका विरोध करने पर वो किशोरी को पीट दिया और उसको घसीटते हुए कमरे में ले गया। जहां पर उसने किशोरी की आबरू लूट ली। शोर मचाने पर चाची दौड़कर वहां पहुंची, तो मुनीम वहां से भाग गया।

वो इतना दबंग है

चाची को देखकर अंजू दहाड़े मारकर रोने लगी, तो उन्होंने उसे समझाकर शान्त कराया। इधर, देर शाम को मुकेश पत्नी समेत घर पहुंचे, तो बेटी के साथ हुई घटना का पता चलते ही उनके होश उड़ गए। गुस्साए परिजन दरिन्दे मुनीम को ढूढ़ने के लिए उसके घर गए, तो उसकी मां ने उन्हें डांटकर भगा दिया। वो देर रात को करीब क्क् बजे पांच किलोमीटर दूर थाने में शिकायत दर्ज कराने जाने लगे, तो उनकी पत्नी ने उन्हें ये कहकर रोक किया कि अभी थाने में कोई नहीं मिलेगा। इसलिए सुबह चले जाना। वो उसकी सलाह मानकर घर में रुक गए। इधर, सुबह सात बजे मुकेश और उनकी पत्नी खेत पर काम कर रही थी। तभी मुकेश उनके घर पहुंच गया। उसने अंजू को मुंह खोलने पर परिवार समेत जिन्दा जलाने की धमकी दी और जलील किया। जिससे क्षुब्ध होकर किशोरी ने केरोसिन डालकर आग लगा ली।

किसी को नहीं आया रहम

घाटमपुर में रेप पीडि़ता ने केरोसिन डालकर खुद के आग लगी। वो कुछ ही देर में आग का गोला बन गई। वो आग की जलन से चिल्लाते हुए रोड पर इधर-उधर दौड़ने लगी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। परिजनों ने उसकी आग बुझाई, लेकिन देर हो चुकी थी। वो 98 प्रतिशत जल गई है। उसके पिता के मुताबिक गांव में भ्00 से ज्यादा लोग हैं, लेकिन किसी ने भी उनको नहीं बचाया। उसको डर है कि अगर वो गांव जाएगा, तो आरोपी के दबंग चाचा के डर से कोई उनकी मदद नहीं करेगा।

नंगे पैर बेटी को लेकिर हैलट पहुंचे

बेटी को जिन्दा जलते देख उसके परिजन ने किसी तरह आग को बुझाया। जिसके बाद वो नंगे पैर ही बेटी को लेकर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पहुंच गए। जहां से वे उसको हैलट ले गए। उनके पैरों में चप्पल नहीं थी। पीडि़ता की मां के पैर पर तो छाले पड़ गए थे। यही हाल उसके पति का भी था। वो नंगे पैर ही दौड़-दौड़कर दवा ला रहा था। दोपहर में तपती रोड पर नंगे पैर चलने से उसके तालू भी छिल गए थे।

जलन और दर्द से तड़प रही है वो

डॉक्टर्स के मुताबिक रेप की पीडि़ता 90 प्रतिशत जल गई है। वो उसको बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। वो जलन और दर्द से तड़प रही है। जिसे देख उसकी मां के आंसू थम नहीं रहे है। वो किसी तरह बेटी को बचाने के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ा रही है। उसने बेटी के लिए कई मन्नत भी मानी है।

दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं

घाटमपुर के खालसा रेठी गांव में रहने वाले मुकेश और उसकी पत्नी परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करते हैं। मुकेश के मुताबिक उसके पास ढाई बीघा खेती है, लेकिन उन्होंने बड़ी बेटी की शादी के लिए उसे गिरवी रख दिया। जिसके बाद से वे कर्ज के बोझ में दब गए हैं। वे दिन में जितना कमाते हैं। वो सब ब्याज में चला जाता है। उन्हें बमुश्किल ही एक वक्त की रोटी नसीब हो पाती है। कभी कभी तो उन्हें भूखे पेट ही सोना पड़ता है। मुकेश ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से वो बेटी को पढ़ा नहीं पाए। उनके दोनों छोटे बेटे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। वे भी दूसरे बच्चों से किताब लेकर पढ़ाई करते हैं। मुकेश टीवी रोग से भी ग्रसित है। कभी कभी काम नहीं मिलने पर उनको दूसरे के घरों से खाना मांगना भी पड़ता था।

मां का रोल निभा रही थी अंजू

अंजू की फैमिली आर्थिक तंगी से जूझ रही है। जिसके चलते उसके मां और पिता दोनों मजदूरी करते हैं। वो दिन में काम पर निकल जाते हैं। जिसके बाद वो शाम को ही घर पहुंचते हैं। वे इतना थक जाते हैं कि उनमें कोई और काम के लिए दम नहीं बचती है। ऐसे में अंजू ही उनका सहारा थी। अंजू ही घर का सारा काम संभालती थी। वो ही खाना बनाती थी और छोटे भाई को तैयार करके स्कूल भेजती थी। अंजू की मां रोते हुए कहती है कि अब कौन बच्चों को संभालेगा। अंजू भले ही पढ़ी नहीं थी, लेकिन वो एक अच्छी बेटी थी। वो उनका दर्द समझती थी।

भूख से तड़प रहे होंगे बच्चे

मुकेश और उनकी पत्नी बेटी अंजू को बचाने के लिए उसे हैलट लेकर पहुंच गई। उसके दोनों बेटे घर पर अकेले हैं। अंजू की मां रोते हुए कह रही थी कि उनके दोनों बेटे घर पर अकेले होंगे। वे स्कूल में थे। तब ये घटना हुई थी। दोनों स्कूल से घर लौट आए होंगे। वे भूख से तड़प रहे होंगे। उनको कौन खाना देगा? मुकेश और उसकी पत्नी ने भी सुबह से कुछ नहीं खाया था। मुकेश रोते हुए बोल रहा था कि उनके पास तो घर लौटने का किराया तक नहीं है। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें और क्या न करें। वो पत्नी चुप कराता, तो कभी बेबसी से खुद रोने लगता।

अब किस पर करेंगे भरोसा

गांव में सीधी साधी जिन्दगी जीने वाले मुकेश और उसकी पत्नी ने रोते हुए बताया कि अंजू जिसे चाचा बोलती थी, उसी ने उसकी आबरू लूट ली। अब वो किस पर भरोसा करें। वे रोते हुए बोल रहे थे कि गांव में सब एक दूसरे की मदद करते हैं। सब कहीं न कहीं से रिश्तेदार लगते हैं। अब रिश्तेदार ही ऐसा करेंगे, तो बाहरी क्या करेंगे। उनका तो विश्वास ही टूट गया।

पुलिस मामले में डाल रही थी पर्दा

इसे मित्र पुलिस की कारगुजारी ही कहेंगे कि पुलिस पहले रेप पीडि़ता के केरोसिन डालकर आग लगाने के केस पर पर्दा डालती रही। एसओ इसे पहले सिर्फ सुसाइड का प्रयास मान रहे थे। सूचना पर आई नेक्स्ट के रिपोर्टर एसओ को कॉल की, तो उन्होंने कहा कि अरे किशोरी के सुसाइड का प्रयास का मामला है। अभी जांच कर रहे हैं। जब रिपोर्टर को सोर्सेज के जरिए किशोरी से रेप और आरोपी के धमकी देने पर उसके आग लगाने की जानकारी मिली, तो उसने दोबारा एसओ को कॉल की, तो उन्होंने कहा कि अभी वे घटना स्थल पर पहुंचकर जांच कर रहे हैं। शाम को रिपोर्टर ने तीसरी बार कॉल की तब उन्होंने किशोरी से रेप की पुष्टि की।

डॉक्टर और पुलिस की संवेदनहीनता।

अंजू के परिजनों को घटना के बाद कदम-कदम पर संवेदनहीनता का सामना करना पड़ा। पहले अपने ही गांव में लोगों और रिश्तेदारों ने बेटी को बचाने के लिए कोई मदद नहीं की। इसके बाद पुलिस भी दबंबों के रसूख में रेप को सुसाइड अटेम्प्ट बताती रही। बेटी को मरणासन हालत में लेकर हैलट पहुंचे तो यहां डॉक्टर्स की संवेदनहीनता से सामना हुआ। डॉक्टर उनको बाहर से दवा खरीदकर लाने के लिए पर्चा थमा दिया। उसके गरीब परिजनों ने रुपए न होने की दुहाई दी, तो डॉक्टर ने महिला कांस्टेबल को वो पर्चा थमा दिया। जिसे देख महिला कांस्टेबल भड़क गई। उन्होंने भी दवा लाने से साफ इन्कार कर दिया। हालांकि वो दवा के लिए अपनी जेब से रुपए देने के लिए राजी थी। उसके गरीब पिता डॉक्टर के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगे, तो उन्होंने हैलट में मिलने वाली नि:शुल्क दवा मंगवाई। जिसके बाद डॉक्टर का पीडि़ता के परिजनों के प्रति रवैया सख्त हो गया। मजबूरी में पीडि़ता के परिजन सबकुछ सहते रहे।

Posted By: Inextlive