एक्शन: डीएम के हस्तक्षेप के बाद डीपीओ ने बच्चों को भेजना शुरू किया उनके घर

बरेली:

अपने परिवारों से बिछुड़े सात बच्चों को अब उनके घर भेजा जाएगा. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में न्यूज '6 माह से सात बच्चों को शेल्टर होम में बना रखा है 'अनाथ' 12 मार्च को पब्लिश होने के बाद डीएम ने एक्शन लिया. डीएम के एक्शन के बाद विभाग भी एक्शन में आया. इसके बाद वेडनसडे को सुबह ही अनाथालय पर चाइल्ड लाइन और आशा ज्योति केंद्र 181 की टीम पहुंची. टीम 8 साल के एक बच्चे और 9 व 10 साल की दो बच्चियों को को गाड़ी से लेकर आंवला के एक गांव रहटुइया गई जहां पर बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाया. वहां पहुंचकर पता चला कि तीनों बच्चे-भाई बहन हैं. टीम बाद में बच्चों को अनाथालय ले आई, अब पेपर्स की कार्रवाई पूरी होने के बाद होली से पहले उन्हें उनके घर भेज दिया जाएगा.

सुबह ही अनाथालय पहुंची टीम

बच्चों के उनके घर नहीं भेजे जाने और विभाग की लापरवाही उजागर होते ही डिप्टी सीपीओ ने सुबह सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट को फोन कर बच्चों को घर भेजने की बात कही. जिसके बाद सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने आशा ज्योति केन्द्र और चाइल्ड लाइन टीम को बुलाकर गाड़ी से बच्चों को लेकर होम ट्रेस कराने आंवला भेजा.

आज इन बच्चों के घर गई टीम

-अनाथालय में 22 अक्टूबर 2019 को चाइल्ड लाइन ने सीडब्ल्यूसी के आदेश के बाद तीन बच्चे रखे थे. इन सभी बच्चों ने काउंसलिंग में अपना एड्रेस भी बता दिया था. इसके बाद भी यह सभी बच्चे विभाग की लापरवाही के चलते अनाथालय में रहने को मजबूर थे. न्यूज पब्लिश होने के बाद वेडनसडे सुबह 11 बजे आशा ज्योति केन्द्र 181 टीम में कांस्टेबल रूबी यादव, काउंसलर सविता और चाइल्ड लाइन टीम को-आर्डिनेटर रमनजीत सिंह सीडब्ल्यूसी के आदेश पर अनाथालय पहुंचे. टीम ने 22 अक्टूबर को मिले तीनों बच्चों की काउंसलिंग की. इसके बाद बच्चों के बताए एड्रेस पर उन्हें लेकर आंवला पहुंची. बच्चों ने आंवला पहुंचते ही अपने घर जाने का रास्ता तक बता दिया. टीम ने बच्चों के घर पर पहुंचकर परिजनों से मिलवाया. बच्चों के घर पर टीम की मुलाकात बच्चों की बुआ बानो से हुई. बानो ने बताया कि बच्चों के मां-बाप की पांच वर्ष पहले मौत हो चुकी है. बच्चे उन्हीं के पास रहते हैं. डांटने पर यह तीनों बच्चे घर से चले गए थे. फिलहाल अब वह बच्चों को अपने पास रखने को तैयार हैं.

होली से पहले पहुंचाए जाएंगे घर

अनाथालय में रहने वाले तीनों बच्चों को लेकर जब टीम उनके गांव पहुंची तो बच्चों ने बुआ बानो के पास रहने से मना किया. जिस पर टीम ने काउंसलिंग की तो वह रहने को तैयार हो गए. टीम का कहना है कि बच्चों को वह होम ट्रेस कराने के लिए ले गए थे. अब कुछ पेपर्स कार्रवाई पूरी करने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश कर बच्चों को उनके घर भेज दिया जाएगा.

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-जिन बच्चों के होम ट्रेस हो चुके हैं और वह अनाथालय में रह रहे हैं उन्हें घर भेजने को कहा है. ताकि बच्चे भी अपने परिवार के साथ रहे. जिन बच्चों के होम ट्रेस हो गए वह अनाथालय से जल्द घर भेजे जाएंगे.

वीरेन्द्र सिंह, डीएम बरेली

Posted By: Radhika Lala