चांदी कारीगर की पत्नी ने प्रेमी संग की हत्या
पुलिस ने आरोपितों को किया गिरफ्तार, यमुना में की शव की तलाश
गला घोंटने के बाद बक्से में बंद कर यमुना में फेंका दिया था शव आगरा। 13 दिन से लापता चांदी कारीगर की हत्या उसकी पत्नी ने ही प्रेमी के साथ मिलकर की थी। गला दबाकर हत्या करने के बाद दोनों ने बक्से में शव रखकर जवाहर पुल से यमुना में फेंक दिया। शनिवार को महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर पुलिस शव की तलाश करने पहुंची। अभी तक शव बरामद नहीं हुआ है।मूलरूप से एत्मादपुर के अगवार गांव निवासी 35 वर्षीय हरिओम तोमर चांदी कारीगर था। वह पत्नी बबली और दो बेटियों 10 वर्षीय राशि और एक वर्षीय गुड्डी के साथ सिकंदरा के राधा नगर में किराए पर रह रहा था। तीन नवंबर से वो लापता था। उसकी ससुराल की एक रिश्तेदार महिला ने परिजनों को सूचना दी। तब उन्होंने छह नवंबर को सिकंदरा थाने में गुमशुदगी लिखा दी। बबली घर से फरार थी। इसलिए परिजनों ने उस पर हत्या का शक जताया था। शनिवार को पुलिस ने बबली और उसके प्रेमी जगदीशपुरा के शारदा विहार निवासी कमल को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ में मामला खुल गया। पुलिस के मुताबिक, कमल बोदला में एक साड़ी और रेडीमेड की दुकान पर सेल्समैन था। एक वर्ष पहले बबली वहां साड़ी खरीदने गई थी। वहां उसकी मुलाकात कमल से हुई। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती फिर प्रेम संबंध बन गए। बबली और कमल एक दूसरे से मिलते थे। इसको लेकर हरिओम से झगड़ा होता था। तीन नवंबर को हरिओम शराब पीकर घर पहुंचा। इसके बाद बबली से उसका झगड़ा हो गया। बबली ने फोन करके रात 11.30 बजे प्रेमी कमल को बुला लिया। उसने आते ही मारपीट शुरू कर दी। कमल ने हरिओम का सिर दीवार में मारा दिया, जिससे वह फर्श पर गिर पड़ा। पत्नी ने उसके पैर पकड़ लिए और कमल ने उसका गला दबा दिया। हत्या के बाद दोनों ने हरिओम का शव एक बक्से में बंद किया। इसके बाद ऑटो में बक्से को रखकर बच्चों के साथ वे घर से निकल गए। टूंडला जाने को ऑटो बुक किया था, लेकिन रामबाग से पहले ही जवाहर पुल पर उतरकर गए। यहां से बक्से में बंद शव यमुना में नीचे फेंक दिया। जानकारी होने के बाद शनिवार को पुलिस कमल को लेकर यमुना किनारे पहुंची। पीएसी का स्टीमर मंगाकर कई घंटे तक तलाश की, लेकिन शव नहीं मिला। इंस्पेक्टर सिकंदरा अरविंद कुमार ने बताया कि हत्या के आरोप में महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया गया है। शव की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।
20 वर्ष पहले हुई थी शादी हरिओम के पिता राजवीर ने बताया कि उनके बेटे की शादी 20 वर्ष पहले सैंया के शाहपुरा निवासी बबली से हुई थी। 12 वर्ष से हरिओम आगरा में रह रहा था। वह चांदी के कारखाने में नौकरी करता था। पहले बोदला के पास ही किराए पर रहता था। बबली के कहने पर ही उसने हत्या से 11 दिन पहले सिकंदरा में किराए पर कमरा लिया। दो बच्चे थे दादा के पास हरिओम के चार बच्चे हैं। बड़ी बेटी 12 वर्षीय ज्योति और पांच वर्षीय बेटे नमन को दादा राजवीर गांव में ले गए थे। 10 वर्षीय बेटी राशि और एक वर्षीय गुड्डी उसके साथ रहती थी। इनके सामने ही हरिओम की हत्या हुई।