स्मॉग में गुम स्मार्ट सिटी
राजधानी की हवा और भी हो गई है जहरीली
LUCKNOW :हर तरफ पॉल्यूशन की धुंध नजर नजर आ रही है। दिन में भी वाहन चालकों को लाइट ऑन करनी पड़ हीर है। किसी को सांस लेने में तकलीफ हुई तो किसी की आंखों में जलन के साथ ही पानी बह रहा है। अमूमन यह तस्वीर राजधानी दिल्ली में सामने आती है, लेकिन यह भयावह तस्वीर सोमवार को सूबे की राजधानी लखनऊ में देखने को मिली। सुबह जरूर कुछ समय के लिए आसमान खुला, लेकिन उसके बाद बादलों की चादर और पॉल्यूशन की धुंध ने पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। जिसका सीधा असर पॉल्यूशन के ग्राफ पर पड़ा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जब सोमवार को पूरे देश के शहरों के एक्यूआई के आंकड़े जारी किए गए तो उस लिस्ट में राजधानी लखनऊ ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यहां का एक्यूआई स्तर 435 दर्ज किया गया, जो पिछले नौ दिन में सबसे अधिक है। इस आंकड़े से साफ है कि हालात बेहद क्रिटिकल हो चुके हैं और घर से बाहर निकलने का मतलब डेंजर जोन में कदम रखना है। वहीं अगर पूरे देश की बात करें तो प्रदूषित शहरों की लिस्ट में लखनऊ चौथे स्थान पर है। पहले स्थान पर हरियाणा का जींद सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआइ 448 रिकॉर्ड हुआ। इसके साथ ही यूपी का गाजियाबाद 440 एक्यूआई के साथ दूसरे और मुरादाबाद और हापुड़ 436 एक्यूआई के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
देश के 15 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में नौ यूपी के दिल्ली वालों को सोमवार को जहरीली हवाओं से कुछ राहत जरूर मिली। यहां एक्यूआइ 407 रिकार्ड किया गया। हालांकि, देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के नौ शहर शामिल रहे। गाजियाबाद और बागपत में एक्यूआइ 440 रिकार्ड हुआ। वहीं, हापुड़ 436 व मुरादाबाद में 434 रहा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 430, 428 रिकॉर्ड हुआ। उधर, कानपुर में भी हालात काफी खराब रहे। यहां एक्यूआई 427 के गंभीर स्तर में रिकार्ड हुआ। हालांकि वाराणसी में कुछ राहत रही। गत दिवस की तुलना में एक्यूआइ 354 के चिंताजनक स्तर में रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली-नोएडा सब पिछड़ेएक तरफ जहां दिल्ली के पॉल्यूशन ग्राफ को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ सोमवार को लखनऊ ने दिल्ली को पॉल्यूशन के मामले में पछाड़ दिया है। दिल्ली का एक्यूआई स्तर जहां 407 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, वहीं लखनऊ का 435. इसी तरह नोएडा भी हमसे पीछे रहा। नोएडा का एक्यूआई स्तर 430 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है, जो राजधानी लखनऊ से पांच अंक कम है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई स्तर 428 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर सामने आया। कानपुर का एक्यूआई स्तर 427 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया।
पूरे देश की स्थिति शहर एक्यूआई स्तर जींद 448 गाजियाबाद 440 मुरादाबाद, हापुड़ 436 लखनऊ 435 नोएडा 430 ग्रेटर नोएडा 428 कानपुर 427 मेरठ 424 दिल्ली 407 आगरा 227(एक्यूआई स्तर माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में है)
लखनऊ की पिछले 9 दिन की स्थिति डेट एक्यूआई 26 अक्टूबर 155 27 अक्टूबर 186 28 अक्टूबर 305 29 अक्टूबर 314 30 अक्टूबर 326 31 अक्टूबर 352 1 नवंबर 382 2 नवंबर 422 3 नवंबर 400 4 नवंबर 435 (एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में) पॉल्यूशन के मानक एक्यूआई कलर स्थिति 50 से कम गहरा हरा अच्छी51 से 100 हरा संतोषनजक 101 से 200 पीला सुधरी हुई 210 से 300 गहरा पीला खराब 301 से 400 लाल बेहद खराब 410 से अधिक गहरा लाल खतरनाक
लालबाग ने हवा खासी जहरीली अब शहर के इलाकों की बात की जाए तो लालबाग की हवा सबसे अधिक जहरीली हुई है। यहां एक्यूआई स्तर 467 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है, जो पिछले तीन दिन में सबसे अधिक है। इसी तरह सेंट्रल स्कूल, अलीगंज का एक्यूआई स्तर 385 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। पॉश एरिया गोमती नगर की बात की जाए तो यहां 454 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। तालकटोरा में 434 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर एक्यूआई स्तर दर्ज किया गया। सांस लेने में तकलीफ सुबह से छाई धुंध के कारण लोगों को सांस लेने में खासी तकलीफ हुई। सेक्टर 25 इंदिरा नगर चौराहे से नीलगिरी कॉम्प्लेक्स की तरफ आने वाली रोड पर धुंध की स्थिति खासी खराब रही। यहां से गुजरने वाले वाहन सवार खासे परेशान हुई। इसी तरह नीलगिरी से बादशाह नगर की तरफ जाने वाली रोड पर भी शाम तीन बजे के आसपास खासी धुंध देखने को मिली। पॉलीटेक्निक से 1090 चौराहे की तरफ आने वाले रूट पर भी धुंध की चादर रही। हजरतगंज से चारबाग और आलमबाग भी यही भयावह स्थिति देखने को मिली। पराली जलाते पकड़ा नगर आयुक्त डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सरोजनी नगर तहसील में एक व्यक्ति खुले में पराली जला रहा था। जिसकी वजह से खासा धुआं उठता दिखा। उन्होंने तुरंत मौके पर जाकर संबंधित व्यक्ति का नाम पता दर्ज किया साथ ही पानी डलवाकर पराली भी बुझवाई। उन्होंने बताया कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसडीएम सरोजनी नगर को पत्र लिखा गया है। नगर आयुक्त ने सभी सफाई कर्मियों को भी निर्देश दिए हैं कि झाड़ू लगाने के दौरान कम से कम धूल उड़े, इसका प्रयास किया जाए। हर निर्माण कार्यो पर नजर निगम प्रशासन और एलडीए की ओर से गठित टीमों की ओर से निर्माण कार्यो का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। दोनों ही महकमों ने निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी है। अगर कहीं भी निर्माण कार्य होता मिलता है तो संबंधित निर्माणकर्ता के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। पानी का छिड़काव जारी नगर निगम और एलडीए की ओर से सोमवार को भी कई रोड और पेड़ों पर पानी का छिड़काव कराया गया। हालांकि इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला। कई लोगों ने यह भी कहाकि निगम की ओर से सिर्फ वीवीआईपी और वीआईपी एरिया में ही पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, जबकि यह कदम शहर के हर एरिया में उठाया जाना चाहिए। जिससे हर व्यक्ति को राहत मिल सके। फॉगिंग नहीं खतरनाक निगम प्रशासन की ओर से इस समय रोजाना फॉगिंग भी कराई जा रही है। कई लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए, जिस पर निगम प्रशासन ने तर्क दिया है कि फॉगिंग से पॉल्यूशन लेवल का कोई सरोकार नहीं है। फॉगिंग का धुआं पर्यावरण में नहीं घुलता है। निगम प्रशासन का यह भी तर्क है कि फॉगिंग का धुआं छह फिट से अधिक नहीं उठता है। जिससे पॉल्यूशन का कोई खतरा नहीं है। शाम सात बजे के बाद स्थिति बदली शाम सात बजे के बाद धुंध की चादर हल्की होती नजर जरूर आई लेकिन लोगों की आंखों में जलन बरकरार रही। रविवार देर शाम तेज हवा चलने पर उम्मीद जताई गई थी कि सोमवार को एक्यूआई के स्तर में गिरावट आएगी,लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि पॉल्यूशन का लेवल कई गुना बढ़ गया। विशेषज्ञों की माने तो अगर हवा नहीं चलती है और बादल नहीं छंटते हैं तो पॉल्यूशन का ग्राफ और भी रिकॉर्ड तोड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो साफ है कि जनता की मुश्किलें और भी अधिक बढ़ जाएंगी।