- 201 सेंटर्स पर हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पद के लिए परीक्षा

- देहरादून में एक अभ्यर्थी के प्रश्न पत्र में 40 प्रश्न थे रिपीट

DEHRADUN: 2 वर्ष बाद ऑर्गेनाइज हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा एक बार सवालों के घेरे में है। संडे को हुई परीक्षा में एक अभ्यर्थी को मिले क्वेश्चन पेपर में 40 क्वेश्चन रिपीट थे। इसे बड़ी गड़बड़ी बताते हुए उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने मामले की जांच की मांग की है।

2016 में निरस्त हुई थी परीक्षा

6 मार्च 2016 को प्रदेश भर में आयोजित हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। 2 वर्ष बाद संडे को परीक्षा दोबारा आयोजित की गई। लेकिन, इस बार भी विवादों ने परीक्षा का साथ नहीं छोड़ा। दून के गौतम इंटरनेशनल स्कूल में एक अभ्यर्थी पद्म सिंह ने बताया कि उसके पास जो क्वेश्चन पेपर आया, उसमें क्वेश्चन नंबर 21 से 60 तक के क्वेश्चंस 61 से 100 तक रिपीट थे। अभ्यर्थी ने परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षक को इसकी शिकायत की। लेकिन, उन्होंने इस संबंध में कोई हेल्प नहीं की।

विवादों की परीक्षा

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पद के लिए कराई जा रही परीक्षा पहले से ही विवादों से घिरी रही है। 20 नवंबर 2015 में इन पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसके लिए 180801 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। 6 मार्च 2016 को परीक्षा आयोजित की गई। जिनमें से 87196 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। लेकिन, बाद में अनियमितता की शिकायत पर चयन प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी। मामला हाईकोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2017 व एक दिसंबर 2017 को दोबारा परीक्षा कराने के आदेश दिए।

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57 परसेंट अभ्यर्थियों ने दिया एग्जाम

संडे को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा प्रदेश के 201 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई। जिसमें 87196 अभ्यर्थी थे जिसमें से 49651 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया, 37545 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे।

एक फर्जी अभ्यर्थी पर मुकदमा

आयोग द्वारा जानकारी दी गई कि रुड़की के एक सेंटर कन्या पाठशाला मंगलौर में अरुण कुमार नाम का व्यक्ति दूसरे अभ्यर्थी के प्रवेश पत्र के साथ परीक्षा देने का प्रयास कर रहा था, जिसके खिलाफ मंगलौर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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हमने पहले ही हर सेंटर्स में अधिक क्वेश्चन पेपर भेज दिए थे। पेपर में मिस प्रिंटिंग की शिकायत आई थी। लेकिन, तुरंत क्वेश्चन पेपर बदल दिए गए थे।

संतोष बडोनी, सचिव, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग।

- हमारे पास इस प्रकार की कोई इंडीवीजुअल कंप्लेन नहीं आई। किसी अभ्यर्थी ने हमसे इस संबंध में शिकायत नहीं की, जो छोटी-मोटी शिकायतें आईं उनका समाधान कर दिया गया था।

जेपी शर्मा, प्रिंसिपल, गौतम इंटरनेशनल स्कूल, इंदिरा नगर।

Posted By: Inextlive