वनस्पति घी में रंग और खुशबू से महक रहा घी का काला कारोबार

फूड विभाग ने तैयार की योजना, मैन्यूफैक्चिरिंग यूनिट पर नजर

>Meerut अगर आप भी देसी घी खाने के शौकीन हैं तो जरा संभल जाइए। दरअसल इन दिनों बाजार में असली के नाम पर मिलावटी घी का कारोबार खूब महक रहा है। असली घी की तरह दिखने वाला यह घी बिना लेबलिंग के टीन के डिब्बों और खुले में खूब बिक रहा है। इसका खुलासा फूड विभाग को लगातार मिल रही शिकायतों से हुआ है। अब विभाग इन जगहों पर छापेमारी करेगा।

शिकायतों पर नजर

मेरठ में सदर, परतापुर, ललियाना, सिवाल खास, मलियाना, लिसाड़ी गेट जैसी जगहों पर मिलावटी घी की मैन्यूफैक्चिरिंग के मामले विभाग के सामने आएं हैं। विभाग ने छापेमारी की रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। फिलहाल विभाग ने करीब 10 से 12 यूनिट को चिंहित किया गया है।

डालडा में रंग

असली घी में मिलावट करने के लिए मिलवाटखोर अधिकतर डालडा घी में हल्का बटर येलो, देसी घी का एसेंस, वजन बढ़ाने के लिए उबले आलू का स्टार्च व प्रिजरवेटिव का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके बाद घी में मिलावट का पता चलना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह घी अधिकतर बिना लेबलिंग के खुला या पैकेट में मिलता है।

यह है स्थिति

हाल ही में मोहिद्दीनपुर इलाके में शिकायत के आधार पर विभाग को 50 किलो खुला हुआ मिलावटी देसी घी मिला था।

होली पर विभाग को मिलावटी घी की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर बागपत रोड, ललियाना, सिवाल खास से खुले घी के नमूने लिए थे। जिनमें मिलावट पाई गई थी।

आईजीआरआस पोर्टल पर विभाग को लगातार घी में मिलावट की शिकायत मिल रही है।

यहां करें शिकायत

आप देसी-घी खरीद रहे हैं तो सबसे पहले उस पर पूरी लेबलिंग देखें। उस पर छपे एफएसएसआई लाइसेंस नंबर को भी जरूर चेक करें। पैकिंग पर लिखे कंटेंट को भी चेक करें। खुला हुआ घी खरीदने से पूरी तरह से बचे। अगर मिलावट का अंदेशा है तो मेडिकल कॉलेज स्थित फूड विभाग में लिखित में वर्किंग-डे में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे शिकायत दे सकते हैं।

- आईजीआरएस पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है।

- यूपीएफडीए की वेबसाइट एफडीए.यूपी.एनआईसी.आईएन पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।

- जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, सब डिविजनल मजिस्ट्रट के कार्यालय में इस संबंध में सीधी शिकायत भी की जा सकती है।

ऐसे करें जांच

देसी घी की पहचान के लिए हाथ को उल्टा करके रगड़े, अगर घी में दाने आएं तो समझ जाएं यह नकली हैं। असली घी हाथ पर लगाते ही समाहित हो जाता है। यही पहचान का सबसे आसान तरीका है।

- एक चम्मच घी में चार पांच बूंदें आयोडीन की मिलाएं, अगर रंग नीला हो जाता है तो घी के अंदर उबले आलू की मिलावट है।

- एक चम्मच घी में एक चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चुटकी चीनी मिलाएं। अगर घी का रंग लाल हो जाए तो इसमें डालडा की मिलावट है।

- थोड़ा सा घी हाथों में रगड़े, इसे करीब 15 मिनट बाद सूंघकर देखें अगर खुशबू आनी बंद हो जाए तो मान लीजिए कि यह मिलावटी घी है।

दीपक शर्मा, सचिव, प्रगति विज्ञान संस्था

हमें कई जगहों से मिलावटी घी की बिक्री होने की शिकायत व सूचना मिल रही हैं। इसके आधार पर हम सीधे यूनिट पर छापेमारी की रणनीति तैयार कर रहे हैं। मिलावट मिलने पर नियमानुसार मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

अर्चना धीरान, डीओ, फूड विभाग

Posted By: Inextlive