- मंत्री-विधायकों के वेतन में भी होगी 30 फीसद की कटौती

- केंद्र की तर्ज पर योगी कैबिनेट ने भी मंजूर किए प्रस्ताव

रुष्टयहृह्रङ्ख (8 न्श्चह्मद्बद्य): कोरोना के खिलाफ जंग में केंद्र की तरह योगी सरकार ने बड़ा और साहसिक निर्णय लिया है। सांसदों की तर्ज पर सूबे के भी मंत्री-विधायक एक वर्ष तक 30 फीसद कम वेतन लेंगे। साथ ही उनकी एक वर्ष की निधि भी निलंबित कर दी गई है। यह सारी धनराशि कोरोना से बचाव और उपचार पर खर्च की जाएगी। इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में मुहर लगा दी गई।

वीडियो कान्फेंसिंग से मीटिंग

जब से कोरोना का कहर शुरू हुआ है, तब से प्रदेश में कैबिनेट बैठक स्थगित चल रही थी लेकिन, एक महत्वपूर्ण विषय को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिये अपने आवास से ही कैबिनेट की बैठक की। इसमें कोरोना से बचाव व इलाज के लिए धन जुटाने से संबंधित चार प्रस्ताव रखे गए। बैठक में तय हुआ कि विधायक निधि को एक वर्ष के लिए निलंबित किया जाएगा। 2020-21 की विधायक निधि का इस्तेमाल कोरोना के बचाव और उपचार के लिए चिकित्सा संसाधनों को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा। यही नहीं, मंत्री और विधायक एक वर्ष तक वेतन भी 30 फीसद कम लेंगे। मंत्री और विधायकों के वेतन में कटौती के अलग-अलग दो प्रस्ताव थे। चौथा प्रस्ताव राज्य आपदा मोचक निधि 1951 में संशोधन को लेकर था। अब तक राज्य आपदा मोचक निधि में 600 करोड़ रुपये का प्राविधान था, जिसे बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

कॉन्फ्रेंसिंग में राज्यमंत्री भी शामिल

कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट मंत्री ही शामिल होते हैं लेकिन, इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए चर्चा में राज्य मंत्रियों को भी पहली बार शामिल किया गया। कोविड केयर फंड को लेकर सभी मंत्रियों ने अपनी सहमति दी।

बॉक्स बॉक्स

अफसरों के वेतन से भी कटौती की बात उठी

सूत्रों ने बताया कि चर्चा के दौरान चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने यह बात उठाई कि मंत्री-विधायकों की तरह क्लास वन अधिकारियों के वेतन से भी कटौती कर जनहित में पैसा लगाया जा सकता है। इस बात का समर्थन लघु उद्योग मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी किया। हालांकि, यह चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी।

Posted By: Inextlive