- आंचलिक विज्ञान नगरी में 'भूजल सप्ताह का शुभारंभ'

- वैज्ञानिकों ने दी भूजल स्तर को बनाए रखने की जानकारी

LUCKNOW: पानी सभी बचाना और संग्रहित करना चाहते हैं, लेकिन लोगों के पास सही जानकारी नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार ने मोबाइल एप लांच किया है जिससे लोग जल संचयन के बारे मे जानकारी और प्रत्येक घर से जल बचाने के लिए किए जाने वाले योगदान के बारे में जान सकते हैं। यह जानकारी शनिवार को केंद्रीय भूगर्भ जल विभाग के क्षेत्रीय निदेशक वाईबी कौशिक ने दी। वह अलीगंज स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में शनिवार को भूगर्भ जल विभाग के सहयोग से भूजल सप्ताह 2016 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर वैज्ञानिकों ने जल का संचय करने और उसे व्यर्थ बहने से रोकने की जानकारी दी।

जल स्तर गिरने से बढ़ी चिंता

भूगर्भ जल विभाग के पूर्व वैज्ञानिक प्रो। आरएस सिन्हा ने कहा कि भूगर्भ जल का स्तर चिंता जनक स्तर तक पहुंच चुका है। पिछले कई वर्षो से बारिश भी सामान्य रही है जबकि भूगर्भ जल का दोहन बढ़ता जा रहा है इसलिए उसे रिचार्ज करने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि आज-कल कुछ लोग वर्षा और अन्य पानी को सीधा बोरवेल में डाल कर रिचार्ज करने की प्रक्रिया अपना रहे हैं जो गलत है। इससे भूगर्भ जल प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है और भूगर्भ जल को स्वच्छ करने की कोई तकनीक अभी हमारे पास नहीं है। उनके अनुसार भूजल सप्ताह भूगर्भ जल विभाग की एक छोटी सी कोशिश है जिसमें विद्यार्थीगण अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।

पानी बचाने की अपील

भूगर्भ जल विभाग के निदेशक सुकेश कुमार साहनी ने भूगर्भ जल की कहानी को दर्शकों के सामने रोचक ढ़ंग से रखा तथा उनसे अपील की कि कुदरत की दी हुई इस नेयमत को बर्बाद होने से बचायें। सिंचाई विभाग के विशेष सचिव राम केवल ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हम पानी पर और अधिक साक्षर हों और यह जाने कि पानी कैसे बचाया जाय, जल संचयन कैसे करें। जो पानी पीने लायक नहीं है उसे किस प्रकार पीने लायक बनाया जाय। वैज्ञानिकों को इस पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं और वैज्ञानिक गण उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive