-एसआरएमएस प्रशासन ने दिल्ली में सुरक्षा सचिव और डीएम से जैमर लगाने की मांगी परमिशन

-स्टडी और सोने के टाइम सोशल साइट्स पर बिजी रहते हैं हास्टलर्स

बरेली:

इंटरनेट की लत यूथ के माइंड में इतनी घर कर गई है कि उसे निकाल पाना असंभव सा हो गया है। खासकर स्टूडेंट्स अपनी स्टडी से ज्यादा समय मोबाइल पर इंटरनेट सर्फिंग में बिता रहे हैं। मोबाइल के ज्यादा यूज का स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। इसके चलते एसआरएमएस प्रशासन रात के समय हॉस्टल में मोबाइल जैमर लगाने जा रहा है। इसके लिए डीएम के साथ ही सुरक्षा सचिव को लेटर लिखकर जैमर लगाने की परमिशन मांगी है।

रात 11 से 6 बजे तक जैमर

एसआरएमएस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा सचिव दिल्ली एसके सिन्हा और डीएम को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वह अपने कैंपस के बने हॉस्टल में रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक जैमर लगाना चाहते हैं। इसके लिए अनुमति दी जाए। क्योंकि हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को रात में फोन की कोई जरूरत नहीं होती है। ऐसे में वह आराम से स्टडी या फिर आराम कर सकते हैं।

सोशल साइट में रहते हैं बिजी

दूसरे शहरों के स्टूडेंट्स के रहने के लिए कैंपस में ही हॉस्टल की व्यवस्था है। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स एजूकेशन पर पूरा फोकस न कर रात के समय सोशल साइट पर अधिक समय बिताते हैं। जिससे वह न तो ठीक से स्टडी कर पाते हैं और न ही आराम कर पाते हैं। जिससे उनकी स्टडी पर भी इफेक्ट पड़ रहा है। इसीलिए रात को 11 बजे के बाद जैमर लगाने की योजना बनाई है।

टॉप सिक्स में रहा महाविद्यालय

एसआरएमएस की तरफ से भेजे गए पत्र में यह भी बताया गया कि महाविद्यालय एकेटीयू से संबद्ध है। महाविद्यालय इस एकेटीयू के 650 महाविद्यालय में टॉप सिक्स रैंक के बीच हमेशा रहा है।

कैंपस में हैं चार हॉस्टल

श्री राममूर्ति इंजीनियरिंग कॉलेज में चार हॉस्टल हैं। इसमें बीटेक, बीफार्मा, एमटेक, एमफार्मा, एमबीए और एमसीए के स्टूडेंट्स रहते हैं। आधा किलोमीटर के रेंज में श्री राममूर्ति के अन्य महाविद्यालय भी हैं।

-कैंपस के बने हॉस्टल में रहने वाले सभी स्टूडेंट्स स्टडी से अधिक समय सोशल साइट में देने लगते हैं। रात को जैमर लगाने की अनुमति अभी मांगी है अनुमति मिलने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि जैमर कहां और लगाने का टाइम क्या रहेगा।

ई। सुभाष मेहरा, ट्रस्ट प्रशासक एसआरएमएस

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क्या है मोबाइल नेटवर्क जैमर?

वैसे तो नेटवर्क जैमर सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बन्द कर सकता है। आमतौर पर 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन सिग्नल को रोकने वाला जैमर 20-25 हजार रुपये में उपलब्ध हो जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में इसे लगाना मुश्किल नहीं है।

कैसे कनेक्ट होती है कॉल

जब भी आप अपने मोबाइल से किसी को कॉल करते हैं तो यह नजदीकी सब स्टेशन को सिग्नल सेंड करता है। उसके बाद सब स्टेशन उस सिग्नल को आपके द्वारा किये गए नंबर पर सेंड करता है। तब जाकर आपका कॉल कनेक्ट होता है उसके बाद आपकी बात होती है।

जैमर कैसे काम करता है?

मोबाइल नेटवर्क जैमर, सब स्टेशन और फोन के बीच एक वाल की तरह काम करता है। जो फोन से सेंड किए जाने वाले सिग्नल रोकता है। सब स्टेशन से सेंड किये गए सिग्नल को भी रोकता है। इससे आप ना किसी को कॉल कर सकते है और ना ही किसी का कॉल रिसीव कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive