बैठने को बेंच नहीं और पीने का पानी नहीं

191 मॉडल स्कूलों की स्थापना

18 मॉडल स्कूल हर मंडल में

3 करोड़ में बना मोहनलालगंज मॉडल स्कूल

- तीन करोड़ खर्च करने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के इंतजार में स्कूल

- सेशन शुरू, जरूरी साधनों के लिए गांव वालों पर निर्भर स्कूल प्रशासन

LUCKNOW: मौजूदा प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए पूरे प्रदेश में मॉडल स्कूल बनाने की घोषणा की थी। इसी के तहत राजधानी के मोहनलालगंज तहसील के करोरा गांव में समाजवादी अभिनव स्कूल (मॉडल स्कूल) का निर्माण तीन साल पहले शुरू हुआ। 2016 से इन स्कूलों में पहले सेशन की शुरुआत होनी थी। लेकिन, बिना निर्माण कार्य पूरा कराए ही नए सेशन की शुरुआत करा दी गई। और तो और, तीन महीने बीतने के बाद अभी तक स्कूल में बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। इतना ही नहीं, बच्चों के बैठने के लिए बेंच और स्टूल तक नहीं हैं, वो बोरे पर बैठकर पढ़ते हैं। सवाल ये है कि जब राजधानी में तीन करोड़ की लागत से बने मॉडल स्कूल में ये असुविधाएं और लापरवाही है तो पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सरकार कैसे सुधारेगी। ये हाल तब हैं जबकि मंडल के सभी मॉडल स्कूल्स में एडमिशन होना बाकी हैं।

साफ-सफाई भी नहीं

समाजवादी मॉडल स्कूल औपचारिक तौर पर अप्रैल में ही शुरू हो गया था। एडमिशन और गर्मी की छुट्टियों के कारण जुलाई से आधिकारिक तौर पर सेशन शुरू होना था। करीब हफ्ताभर गुजर गया है और अभी भी बच्चे क्लासरूम की जमीन पर बोरा बिछाकर पढ़ाई करते हैं। सीटें-टेबल आई थीं, पर अभी लगवाई नहीं जा सकीं। साफ-सफाई की व्यवस्था भी नहीं है। निर्माण कार्य सामग्री पूरे स्कूल में बिखरी हुई है। टीचर कहते हैं कि साफ-सफाई के बाद ही कुर्सी-टेबल लगाए जाएंगे।

पूरी नहीं की जिम्मेदारी

मॉडल स्कूल बनाने की जिम्मेदारी पैकफेड संस्था को दी गई थी। पैसा पूरा ना मिलने की वजह से संस्था ने बिजली कनेक्शन नहीं जोड़ा। कमरों में पंखों और वायरिंग का काम रुका है। पानी की सप्लाई भी बाधित है। टॉयलेट में पानी नहीं जाता। बच्चे खेतों को टॉयलेट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। स्कूल की प्रिंसिपल नीलम यादव बताती है कि स्कूल में पेयजल, शौचालय, विद्युत संयोजन का कार्य पूरा नहीं हुआ है, फर्श भी नहीं है। कमियां दूर करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार लिखित में शिकायत भी भेजी है, लेकिन अभी तक कमियां दूर नहीं हो सकीं।

केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर मॉडल स्कूल

केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर समाजवादी अभिनव स्कूल का संचालन होना है। इन स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्रदान की गई है। शुरू में इस स्कूल के लिए भारत सरकार से ग्रांट मिलनी थी। लेकिन, केंद्र सरकार ने अपने हाथ खींच लिए। इसके बाद पीपी मॉडल पर पूरे प्रदेश में मॉडल स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।

खाली सीटों पर जुलाई में एडमिशन

समाजवादी अभिनव स्कूल करोरा में खाली सीटों एडमिशन चल रहे हैं। मौजूदा समय में यहां कक्षा 6 से आठ तक में कुल 210 सीटों के सापेक्ष 147 बच्चों के एडमिशन हो चुके हैं। क्लास 9 में 80 सीटों में 48 सीटों पर प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन लिए गए हैं। अब क्लास 6 से 8 में शेष 63 व क्लास 9 में 48 सीटों पर जुलाई में प्रवेश लिए जाएंगे। आवेदन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 8 जुलाई है।

स्कूल में जो भी कमियां है, उन्हें जल्द से जल्द दूर करा लिया जाएगा। निर्माण कराने वाली कंपनी का जो भी बकाया है। उसका जल्द भुगतान कर किया जाएगा।

सुत्ता सिंह, निदेशक, अपर राज्य परियोजना

मैने मंडे को ही स्कूल का निरीक्षण किया है, जो भी कमियां प्रिंसिपल ने बताई उन्हें जल्द दूर करा लिया जाएगा।

दीप चंद्र, ज्वाइंट डायरेक्टर, लखनऊ मंडल

Posted By: Inextlive