छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 40 बेड की अत्याधुनिक बर्न यूनिट स्थापित होगी। इसे लेकर शनिवार को तीन सदस्यीय टीम एमजीएम अस्पताल पहुंची। इसमें दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से डॉ। पीयूष कायेल, डॉ। हरीश शर्मा व स्वास्थ्य विभाग, बिहार के रीजनल डायरेक्टर कार्यालय से डॉ। वीवी सिन्हा शामिल थे।

डॉ। पीयूष ने बताया कि नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑफ बर्न इंज्यूरी (एनपीपीएमबीआइ) के तहत देशभर की बर्न यूनिटों को विकसित किया जा रहा है। एमजीएम से भी 40 बेड का प्रस्ताव मिला है। हालांकि, 20 बेड का स्थान है और 10 बेड संचालित हो रहे हैं। इस संदर्भ में रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। बर्न यूनिट के लिए केंद्र सरकार 60 फीसद व राज्य सरकार 40 फीसद फंड उपलब्ध कराएगी। बर्न यूनिट कम से कम 8062 स्क्वायर फीट में होनी चाहिए जबकि एमजीएम अस्पताल की बर्न यूनिट 4600 स्क्वायर फीट में है। इस यूनिट में 24 घंटे चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एसी अखौरी, अधीक्षक डॉ। अशोक कुमार सिंह व डॉ। ललित मिंज उपस्थित थे।

सीसीयू से लेकर ओटी तक की होगी व्यवस्था

बर्न यूनिट में फिलहाल न तो आइसीयू है और न ही ऑपरेशन थियेटर। इसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है। नई यूनिट में ओपीडी, क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू), चिकित्सीय उपकरण व ऑपरेशन थियेटर से लेकर अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी, ताकि झुलसे हुए मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके।

महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड

महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड होंगे। चिकित्सकों की मानें तो बर्न मरीज के इलाज के लिए अलग से जगह होनी बेहद जरूरी है, ताकि झुलसे मरीजों को क्रॉस इंफेक्शन न हो सके। इसके लिए सेंटर का आइसोलेटेड व कीटाणु रहित होना बेहद जरूरी है।

Posted By: Inextlive