मोदी मंत्र

सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, संवेदना, संवाद

-भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन भाषण में नरेंद्र मोदी ने भरा जोश

नेताओं, कार्यकर्ताओं से बोले, सत्ता की ताकत का इस्तेमाल समाजहित में करें

- इतिहास बदल रहा है, जनमानस अब नारों से नहीं होता संतुष्ट

ashok.mishra@inext.co.in

ALLAHABAD: संगम नगरी में सोमवार को भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सेवन एस का मंत्र दिया। मोदी ने कहा कि हमारी ताकत बढ़ी है लेकिन हमें सत्ता का अनुभव न कर इसका उपयोग समाजहित में करना चाहिए। आज देश को मजबूत बढ़ाने की आवश्यकता है। मेरे शरीर का कण-कण देश के लिए समर्पित है। पार्टी के कार्यकर्ताओं के आचरण व नीतियों की दृष्टि से सात बिंदुओं सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, संवेदना व संवाद पर ध्यान देना चाहिए। हम इतिहास बदलता देख रहे हैं। कई दशकों तक करोड़ों लोगों ने जो परिश्रम किया, आज उसका लाभ हमें मिल रहा है।

देश को मजबूत करने की चिंता

समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने औद्योगिक विकास के कई मौके गंवा दिए। आज हमें एक बार फिर मौका मिला है। देश कैसे मजबूत बनेगा, इसकी चिंता करना जरूरी है। अब आम जनमानस नारों से संतुष्ट नहीं होता है। इस युग का सही इस्तेमाल किया तो हमें 21वीं सदी में सबसे बड़ी ताकत बनने से कोई नहीं रोक सकता। पीएम ने अपने संबोधन में देश की आर्थिक स्थिति और बदलते राजनीतिक परिदृश्य का भी जिक्र किया। समापन भाषण के बाद प्रधानमंत्री परेड ग्राउंड में आयोजित परिवर्तन रैली में शामिल होने चले गए।

कानून-व्यवस्था पर लडे़ं चुनाव

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा सूबे की कानून व्यवस्था सही बताये जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में अरुण जेटली ने कहा वे कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चुनाव लड़ लें, यदि वे जीत जाते हैं तो हम उनकी बात को सही मान लेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा, यह पूछने पर बोले कि यह निर्णय पार्टी को लेना है। उन्होंने कहा कि पार्टी का अगला लक्ष्य हर जिले में कार्यालय खोलकर 11 करोड़ सदस्यों को आपस में जोड़ना है।

Posted By: Inextlive