सरकारी दफ्तरों में बाबूओं की ढीली और सुस्‍त चाल को सुधारने का जिम्‍मा मोदी सरकार ने ले लिया है। केंद्रीय कर्मचारियों के आने-जाने से लेकर उनके काम पर भी नजर रखी जा रही है। यही नहीं अप्रेजल के जरिए उनके पूरे साल में किए गए काम की समीक्षा होगी अगर इसमें कहीं भी लापरवाही दिखी तो तुरंत छुट्टी हो सकती है।

फेल होने पर रिटायर
रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार ने सभी विभागों को इस बाबत नोटिस भेज दिया है। इसमें विभागों को सख्त आदेश दिया गया कि वह अपने अधीनस्थ सभी बाबुओं के बारे में रिपोर्ट सौंप दें। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 30 साल की ड्यूटी या 50 साल की उम्र पार करने के बाद अधिकारी के प्रमोशन के लिए परफॉर्मेंस रिव्यू किया जाएगा। इसमें अगर फेल होने पर उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। बताते चलें कि कोई भी ऑफिसर सालाना अप्रेजल में फेल हुआ तो 3 महीने का नोटिस देकर उन्हें घर बैठने को कह दिया जाएगा।

अच्छे को इनाम, कामचोर को सजा

सूत्रों की मानें तो हाल ही में कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। जिसमें बाबुओं के कामकाज की समीक्षा पर चर्चा हुई। बैठक में अच्छे को इनाम, कामचोर को बाहर का रास्ता दिखाने का फार्मूला बनाया गया। अब ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा जिसके तहत बोझ बने अफसरों की छुट्टी कर दी जाए। वहीं अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट के लिए मूल नियम एफआर 56-जे के प्रावधानों को लागू करने को कहा गया। जानकारों का कहना है यह एक सराहनीय कदम है इससे सिस्टम को साफ करने में मदद मिलेगी।

यह है नया नियम

नए नियम के तहत सरकार को ए और बी ग्रेड के ऐसे कर्मचारियों को जनहित में जरूरी होने पर रिटायर करने का पूरा अधिकार है, जो 35 साल की उम्र से पहले सेवा में आए हों और 50 साल की आयु पूरी कर चुके हों। नियमों के मुताबिक, 55 साल की उम्र पार कर चुके सी ग्रेड के किसी भी कर्मचारी को समय से पहले रिटायर किया जा सकता है। लेकिन कार्रवाई तभी की जाएगी जब अधिकारी पर भ्रष्टाचार या लापरवाही से काम करने का संदेह हो।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari