उपमहाद्वीप के बाहर अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के चलते पीएम नरेंद्र मोदी आज जापान पहुंच गये हैं. मोदी ने अपने दौरे की शुरूआत जापान के क्‍योटो शहर से की. क्‍योटो में जापानी पीएम शिंजो अबे ने उनकी अगवानी की. गौरतलब है कि इस यात्रा के दौरान मोदी जापान के साथ कारोबारी समझौतों के साथ-साथ नागरिक परमाणु करार पर हस्‍ताक्षर कर सकते हैं.

काफी कुछ खीखने को मिलेगा
आपको बता दें कि यात्रा से पहले मोदी ने एक बयान जारी करके कहा था कि भारत-जापान संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. और दोनों देश एक-दूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं. इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने एजेंडे में क्या-क्या शामिल किया है. आइये जानें...

क्या कहता है मोदी के एजेंडे का पिटारा

1- बुलेट ट्रेन समझौता
क्योटो में मोदी जापान की हाई स्पीड रेलवे को देखेंगे. पीएम भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की बात पहले ही कह चुके हैं, लेकिन जापान को इस मामले में चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है. अब सवाल यह है कि भारत किसको पसंद करेगा.
2- नागरिक परमाणु करार
इस दौरे पर जापान के साथ नागरिक परमाणु करार मुमकिन है. हालांकि लगभग तीन सालों की चर्चा के बावजूद अभी भी कुछ पेंच फंसे हुये हैं.

3- यूएस 2 एंम्फीबियन एयरक्राफ्ट

जापान में 15 जहाजों की डील की बात हो रही है, जिसमें से 3 हम खरीदेंगे और 12 अपने यहां बनायेंगे. गौरतलब है कि हवा और पानी में चलने वाले ऐसे जहाज की तकनीक के मामले में जापान बहुत आगे है.

4- रणनीतिक साझेदारी

रक्षा और विदेश मंत्रालय के सचिव और उपमंत्रियों के बीच 2+2 फॉर्मेट वाली सालाना वार्ता को अपग्रेड करना भी इस एजेंडे में शामिल है, यानी हर साल मंत्री स्तर की वार्ता शुरू हो सकती है. आपको बता दें कि जापान ऐसा सिर्फ अमेरिका और रूस के साथ करता है.

5- मेरीटाइम समझौता

मोदी की यात्रा के दौरान भारत और जापान की नौसेना के साझा अभ्यास पर भी फैसला हो सकता है. दरअसल भारत-जापान में रक्षा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी चीन के दबदबे को कम करने में निर्णायक साबित हो सकती है.
6- आर्थिक समझौता
मोदी के साथ इस दौरे पर मुकेश अंबानी, अदानी, चंदा कोचर, किरण मजूमदार शॉ समेत कई बिजनेसमैन और अर्थशास्त्रियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल होगा. उम्मीद है कि आर्थिक मोर्चे पर कई बढ़े समझौते हो सकते हैं.

7- जापान से 1.7 लाख करोड़ का फंड

माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी इकॉनमी की रफ्तार बढ़ाने के लिये अगले 5 साल में जापान से 1.7 लाख करोड़ डॉलर को फंड चाहते हैं, लेकिन सवाल यह है कि जापान का इस मसले पर क्या रुख होगा.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari