प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती गिरी ने बुधवार रात 10.55 बजे संसार से विदा ले ली। लंबे समय से बीमार चल रहे 86 वर्षीय स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने आश्रम में अंतिम सांस ली।

आश्रम परिसर में दी जायेगी समाधि
दस दिन तक हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट में भर्ती रहने के बाद उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप बुधवार सुबह ही उन्हें आश्रम लाया गया था। गुरुवार को उनके पार्थिव शरीर को शीशमझाड़ी स्थित आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शुक्रवार को आश्रम परिसर में ही उन्हें भू-समाधि दी जाएगी। मुनिकीरेती शीशमझाड़ी स्थित श्री दयानंद आश्रम के संस्थापक और वेद-उपनिषद के ज्ञाता स्वामी दयानंद सरस्वती लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। स्वामीजी की इच्छा से ही उपचार के बीच में उन्हें बीती 27 अगस्त को अमेरिका से एयर एंबुलेंस से भारत लाया गया था। स्वामीजी के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए बीते 11 सितंबर को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऋषिकेश पहुंचे थे।
वेदांत और उपनिषदों का पूरी दुनिया में किया प्रचार
वैश्विक फलक पर वेदांत और उपनिषदों का साढ़े पांच दशक तक प्रचार-प्रसार करने वाले संत स्वामी दयानंद सरस्वती का महाप्रयाण किसी गहरे आघात से कम नहीं है। भारतीय दर्शन और वेदों के महत्व को विश्व के सामने सहज और सरलता के साथ रखने वाले इस संत के अनुयायियों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही बॉलीवुड, हॉलीवुड, राजनीति, शिक्षा, समाज सेवा और आध्यात्म जगत से जुड़ी हस्तियां भी शामिल रही हैं।

स्वामी दयानंद सरस्वती गिरी का जीवन
देश के सुदूर तमिलनाडु में स्थित तिरुवरर जिले के मंजाकुटी गांव में गोपाला अय्यर और बाल अंबाल अय्यर के घर 15 अगस्त, 1930 को स्वामी दयानंद सरस्वती गिरी ने जन्म लिया। माता-पिता ने अपनी इस दूसरी संतान का नाम जी नटराजन रखा। स्वामी दयानंद का बचपन से ही आध्यात्म की ओर झुकाव था। दिव्य जीवन संघ के संस्थापक डॉ. शिवानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती से उन्होंने 1962 में शिवरात्रि के दिन चेन्नई में दीक्षा लेकर संन्यास ग्रहण किया। इसके बाद वे स्वामी दयानंद सरस्वती कहलाए।
1991 में मोदी को दिया आध्या त्मि क ज्ञान  
महामंडलेश्वर के पद से विभूषित स्वामी दयानंद सरस्वती से 1991 में नरेंद्र मोदी ने यहां आकर वेदांत का ज्ञान लिया। स्वामीजी ने ऋषिकेश, अमेरिका, तमिलनाडु और नागपुर में चार शिक्षण केंद्रों की स्थापना की। इनमें वेदांत, उपनिषद, गीता, ब्रह्मसूत्र का ज्ञान दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमन, मशहूर सिने अभिनेता रजनीकांत भी उनके अनुयायियों में शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी स्वामीजी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व संघ प्रमुख केसी सुदर्शन, वर्तमान संघ प्रमुख मोहन भागवत, विश्व ङ्क्षहदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल सहित कई नाम स्वामीजी के अनुयायियों की सूची में शुमार हैं।

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Posted By: Molly Seth