RANCHI: अगर आप भी राजधानी की सड़कों पर घूमने निकले हैं और नेचुरल कॉल आ जाए तो आप क्या करेंगे। ऐसी स्थिति में या तो आपको खुद को कंट्रोल करना होगा या फिर खुले में जाना होगा। लेकिन दोनों ही स्थिति में नुकसान आपको ही झेलना पड़ेगा। चूंकि नेचुरल कॉल को ज्यादा देर रोका तो बीमारी हो जाएगी और खुले में गए तो आपका चालान काट दिया जाएगा। कुछ ऐसी ही स्थिति हमारी राजधानी रांची की है, जहां सिटी के मॉड्यूलर टॉयलेट में ताले लटके हैं, जिससे कि लोगों को वहां से निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

पब्लिक भुगत रही खामियाजा

सिटी को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए चौक-चौराहों के अलावा रोड किनारे मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया गया था ताकि लोग खुले में टॉयलेट न जाएं। लेकिन निगम की लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी के कारण कई टॉयलेट में ताले लटक रहे हैं। कई टॉयलेट तो ऐसे हैं जिसकी सफाई भी नहीं की जाती। इसका खामियाजा पब्लिक भुगत रही है। मजबूरी में लोग रोड किनारे ही हल्का हो ले रहे हैं, जिससे गंदगी फैल रही है।

ऐसे में हम कैसे बनेंगे स्मार्ट

नेचुरल कॉल आने पर कोई ख्रुले में चला जाए तो इंफोर्समेंट टीम उसे पकड़कर 100 रुपए का चालान काट देती है। वहीं पब्लिक को शर्मसार होना पड़ता है, सो अलग। लेकिन इसके लिए जिम्मेवार लोगों पर भी तो कार्रवाई होनी चाहिए पर इसकी चर्चा होने पर निगम के अधिकारी आंखों में पट्टी बांध लेते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि टॉयलेट की स्थिति नहीं सुधरेगी तो हम स्मार्ट कैसे बनेंगे?

बर्बाद करने में पब्लिक का भी हाथ

नगर निगम ने सिटी में मॉड्यूलर टॉयलेट तो बनाए पर कई में ताले लटक गए। जबकि कुछ टॉयलेट में न तो पानी है और न ही लाइट। इस वजह से भी लोग इन टॉयलेट में जाना पसंद नहीं करते। इसके बावजूद निगम के अधिकारी और स्टाफ गंभीर होने का नाम नहीं ले रहे हैं पर कहीं न कहीं ऐसी स्थिति के लिए पब्लिक भी जिम्मेवार है।

Posted By: Inextlive